दो अलग-अलग दौर के खिलाड़ियों की तुलना करना सही नहीं होता और खास तौर पर तब, जबकि उनमें से एक वह सचिन तेंदुलकर हों जिन्हें ‘गॉड ऑफ़ क्रिकेट’ कहा जाता है। इसके बावजूद, सच्चाई नजर अंदाज भी तो नहीं कर सकते।

तेंदुलकर अपने 463 वन डे इंटरनेशनल के लंबे करियर में कई क्रिकेटरों के साथ क्रिकेट खेले। 245 मैच में अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ उनके साथ थे। सौरव गांगुली ने 238 मैच खेले। तेंदुलकर के करियर के आखिरी दिन, विराट कोहली के करियर के शुरू के दिन थे। 31 मैच दोनों ने साथ साथ खेले – 14 सिंतबर 2009 से 18 मार्च 2012 के बीच।

*इन 31 मैच में तेंदुलकर के 46.62 औसत से 5 शतक (जिसमें एक स्कोर 200’) के साथ 1352 रन की तुलना में विराट कोहली ने 51.81 औसत से 5 शतक के साथ 1347 रन बनाए।

*ध्यान देने वाली बात ये है कि तेंदुलकर उस दौर में मैच/टूर्नामेंट चुन रहे थे अपनी मर्जी से। कोहली के सामने ऐसा कोई विकल्प नहीं था।

तेंदुलकर के रिटायर होने पर उनके रन और शतक एक एवरेस्ट बने रहे – 44.83 औसत से 18426 रन 49 शतक के साथ और 50 प्लस वाले कुल 145 स्कोर। ये रिकॉर्ड किसी को भी बौखला देगा। इस रन एवरेस्ट का मुकाबला करते करते कई करियर खत्म हो जाएंगे। इस समय ही जिनके नाम 10000 रन हैं उनमें से सिर्फ 3 खेल रहे हैं और इनमें से भी दो अपने करियर के आखिरी दिनों में हैं – क्रिस गेल ने 10258 और धोनी ने 10562 रन बनाए हैं 16 जून के भारत-पाकिस्तान मैच तक। तीसरा नाम विराट कोहली का है – 230 मैच में 11020 रन।

2009 से 2012 तक 31 मैच साथ साथ् खेलते हुए तेंदुलकर ने कभी यह सोचा नहीं होगा कि एक दिन यही विराट कोहली ऐसे मुकाम पर होंगे कि कहा जाएगा कि वे तेंदुलकर से भी बेहतर बल्लेबाज हैं। हालांकि अभी तेंदुलकर के रन और शतक के रिकॉर्ड कोहली के लिए दूर हैं पर जिस अंदाज में कोहली ने 230 मैच में ही 11020 रन और 41 शतक बना लिए हैं – वह इसी मुकाम पर तेंदुलकर को चुनौती देने के लिए बहुत हैं। यह बात हो सकता है कि तेंदुलकर की बल्लेबाजी के सामने और किसी को भी भाव न देने वालों को पसंद न आए पर रिकॉर्ड सामने हैंः

– कोहली का रिकॉर्ड: 230 वन डे इंटरनेशनल में 59.57 औसत, 93.07 स्ट्राइक रेट से 41 शतक के साथ 11020 रन। तेंदुलकर ने अपने पहले 230 मैच में 24 शतक, 42.71 औसत, 86.49 स्ट्राइक रेट से 8584 रन बनाए थे।

पहले 230 मैच में तो तेंदुलकर से ज्यादा रन सौरव गांगुली (8750) और एबी डी विलियर्स (9577-228 मैच में) ने भी बनाए थे।

– कोहली ने 11000 रन पूरे किए पाकिस्तान के विरूद्ध विश्व कप मैच में यानि कि 230 मैच में। विराट कोहली ने सबसे कम मैच में 11000 रन का नया रिकॉर्ड बनाया। क्या आप विश्वास करेंगे कि सचिन तेंदुलकर ने इसके लिए 284 मैच लिए थे। 11000वां रन बनाने वाले मैच के बाद तेंदुलकर का रिकॉर्ड 86.49 स्ट्राइक रेट, 44.16 औसत, 31 शतक के साथ 11039 रन था। 11000 रन बनाने वाले अन्य सातों बल्लेबाजों से तेज हैं तेंदुलकर पर कोहली से 54 मैच ज्यादा लिए।

– कोहली के बराबर 11020वां रन तेंदुलकर ने 284वें मैच में बनाया – कोहली से 54 मैच ज्यादा।

– कोहली के बराबर 41वां शतक तेंदुलकर ने 378वें मैच में बनाया। सच तो ये है कि कोहली के नाम भले ही अब 230 मैच हैं पर कोहली ने 41वां शतक अपने 225वें मैच में ही बना लिया था – यानि कि तेंदुलकर से 153 मैच कम खेलकर।

– कोहली ने जब 11020 रन बनाए तो उन 230 मैचों में भारत ने कुल 57051 रन बनाए यानि कि 19.32 प्रतिशत रन कोहली के बैट से बने। दूसरे शब्दों में टीम के रन में लगभग पांचवां हिस्सा अकेले कोहली के नाम रहा। इसकी तुलना में तेंदुलकर ने टीम के 102987 रन में से 18426 रन अपने बैट से बनाए – कुल 17.89 प्रतिशत रन।

कोहली की जिम्मेदारी अपने आप पता लग जाती है। सच तो ये है कि 8000 रन बनाने वालों में से तेंदुलकर से बेहतर योगदान डेसमंड हेंस (18.15 प्रतिशत) और विराट कोहली का है।

– टीम की जीत वाले मैचों में कोहली और तेंदुलकर ने बराबर शतक बनाए – 33 शतक। जीत वाले मैचों में कोहली की बल्लेबाजी की औसत 76.74 है जबकि तेंदुलकर की 56.53 औसत। किसने टीम की जीत में बेहतर योगदान दिया?

तेंदुलकर बस यह समझ लें कि विराट कोहली ने वन डे इंटरनेशनल क्रिकेट पर, आज की मुकाबले वाली क्रिकेट के दौर में, जो छाप छोड़ी वह आश्चर्यजनक है। ऐसा तो वे भी नहीं कर पाए थे।

Leave a comment