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हेड कोच राहुल द्रविड़ का दीपक हुड्डा के टैलेंट में विश्वास सही साबित हुआ 

मौक़ा मिलने पर अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर को सही दिशा में कैसे ऊपर उठाना है- इसकी सबसे नई मिसाल दीपक हुड्डा हैं। आयरलैंड टूर के लिए चयन, उसके बाद वहां रुतुराज गायकवाड़ का चोटिल होने के कारण न खेलना, ऐसे में टीम में जगह ओपनर के तौर पर बनी उनके लिए। इसके साथ कोच राहुल द्रविड़ का दीपक में विश्वास, वे करीब ही एजबेस्टन में हैं पर साथ ही, आयरलैंड में जो हो रहा है, उससे जुड़े हुए। सब सही रहा और दीपक ने इतिहास रच दिया पहले टी 20 इंटरनेशनल में पारी की शुरुआत की और 12 ओवर के मैच में  47 रन की प्रभावशाली पारी के बाद डबलिन के द विलेज में आयरलैंड के खिलाफ दूसरे और आख़िरी टी 20 इंटरनेशनल में शानदार शतक ( 57 गेंदों में 104 रन- 9 चौके और 6 छक्के)। इसी से भारत 225/7 बना सका और आखिर में 4 रन से जीते।  

सिर्फ 5 टी 20 इंटरनेशनल उनके नाम और इसी में अपना पहला शतक जमाया भारत के चौथे बल्लेबाज जिनके नाम टी 20 इंटरनेशनल शतक (उनसे पहले : रोहित शर्मा, केएल राहुल और सुरेश रैना)। हुड्डा के 104 रन अब इनमें पांचवां सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर हैं। और भी कई रिकॉर्ड बनाए हुड्डा ने पर सबसे ख़ास बात है उनके करियर के ग्राफ का सही तरफ बढ़ना। लगभग 14 महीने पहले की ही तो बात है जब ये लगा था कि हुड्डा ने अपने क्रिकेट करियर को ही खत्म कर लिया है, बड़ौदा क्रिकेट के अंदरूनी कलह में वे विलेन गिने गए थे।  हालात ये थे कि घरेलू क्रिकेट के लिए भी उनके पास कोई टीम नहीं थी। यहां से न सिर्फ टीम इंडिया में आए, ऑस्ट्रेलिया जाने वाली फ्लाइट में उनके लिए टिकट की वकालत करने वालों की गिनती बढ़ रही है।असल में हुड्डा एक ऑलराउंड पैकेज हैं टीम की ऑलराउंडर की जरूरत का जवाब। जो टीम आयरलैंड गई उसमें हुड्डा ओपनर के तौर पर पहली पसंद नहीं थे। रुतुराज गायकवाड़ चोटिल हुए तो जगह बनी और नंबर 3 हुड्डा, ओपनर बन गए। इस पर मोहर लगाई राहुल द्रविड़ ने।  

बड़ौदा टीम में क्या हुआ था- वे अब इसे याद नहीं रखना चाहते। राजस्थान ने खेलने का मौका दिया और यहां से ‘वापसी’ का सफर शुरू हुआ। 2022 सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 6 मैच में  294 रन और इससे नई आईपीएल फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए खेलने का मौका मिला। आईपीएल 2022 में 451 रन और इससे टीम इंडिया के सेलेक्टर प्रभावित और एक और संयोग कि एक साथ, दो टीम बनाने के चक्कर में ज्यादा जगह निकल आई। बहुत कम ऐसा होता है कि एक खिलाड़ी के लिए अचानक ही सब कुछ सही होने लगे।  

एक और ख़ास बात ये है कि हुड्डा को ओपनर बनाने का प्रयोग कामयाब रहा। अब तक खेले 5 टी 20 इंटरनेशनल में 172 रन बनाए 168+ के स्ट्राइक रेट से। जो भारत के लिए टी 20 इंटरनेशनल खेले हैं, उनमें से अपने पहले 5 मैच में हुड्डा के 172 से ज्यादा रन सिर्फ केएल राहुल (179) ने बनाए जबकि, कम से कम 100 रन बनाने वालों में उनसे बेहतर स्ट्राइक रेट सिर्फ युवराज सिंह (235+) का है। हुड्डा की हर पारी का पैटर्न एक ही है- शुरू में धीरे और एक बार जम गए तो तेज।  

अभी तो गेंद के साथ हुड्डा का पूरा उपयोग नहीं किया गया और 5 मैच में सिर्फ 3 ओवर फेंके हैं- राहुल द्रविड़ ने कहा भी है कि आगे से टीम चुनते हुए ही इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे 4 ओवर फेंक सकते हैं और टीम का संतुलन उसी तरह बनाया जा सकता है। टी 20 वर्ल्ड कप टीम में अगर वास्तव में वे खेल पाते हैं तो भारत के लिए यह बोनस साबित हो सकता है।  

अब ये दीपक हुड्डा पर निर्भर करेगा कि वे इस बेहतर शुरुआत के बाद अपने करियर को किस तरह से आगे बढ़ाते हैं।

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