टीम इंडिया के युवा तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने अपने छोटे से क्रिकेट करियर में ही बड़ा मुकाम हासिल लिया है. भारतीय क्रिकेट की सनसनी सैनी की गेंदों की तेजी का आलम यह है कि वे किसी भी दिग्गज से दिग्गज विपक्षी बल्लेबाज को अपनी कहर बरपाती गेंदों के आगे घुटने टेकने पर मजबूर कर सकते हैं. आईपीएल के आखिरी संस्करण में वे इसका नज़ारा भी पेश कर चुके हैं. हरियाणा के करनाल में जन्में नवदीप ने अभी तक महज 5 टी20 और 1 वन डे मुकाबले में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया है, जिसमें उन्होंने टी20 में 6 तथा वन डे में 1 विकेट हासिल किया है. सैनी ने अभी तक टेस्ट में पदार्पण नहीं किया है. टीम इंडिया में तेज गेंदबाजी आक्रमण का जिम्मा मुख्य तौर पर जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव के कंधों पर है. हालांकि, बुमराह को छोड़कर ये सभी तेज गेंदबाज अलग-अलग टेस्ट, वन डे और टी20 में भारतीय टीम का हिस्सा हैं.

उपरोक्त सभी तेज गेंदबाजों में से सिर्फ जसप्रीत बुमराह ही ऐसे इकलौते तेज गेंदबाज हैं, जो तीनों ही प्रारूपों में टीम इंडिया का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि बुमराह के पास सटीक यॉर्कर, शानदार लाइन लेंथ, गति, स्विंग करने की बेहतरीन काबिलियत है, जो उन्हें इस योग्य बनाती है. जबकि अन्य गेंदबाजों को विशेषकर टेस्ट, वनडे और टी20 में अलग-अलग खेलने का मौका दिया जाता है. ऐसा नहीं है कि उनके पास गति, स्विंग, यॉर्कर और लाइन लेंथ नहीं है. बल्कि बुमराह की तुलना में ये सभी तेज गेंदबाज उनसे पीछे हैं. बुमराह आईसीसी की वनडे गेंदबाजों की रैंकिंग में शीर्ष पर बने हुए हैं. हालांकि, बुमराह चोट के कारण टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं और इसके बावजूद भी उन्हें विश्व का कोई भी गेंदबाज उनके शीर्ष स्थान से नहीं हिला पाया है. यह दर्शाता है कि स्टार तेज गेंदबाज में कितनी काबिलियत है.

वहीँ, दूसरी तरफ नवदीप सैनी ने इस साल वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था. इस मुकाबले में सैनी ने 17 रन देकर 3 विकेट लिए थे. सैनी की गेंदबाजी देखकर लगता है कि बुमराह के बाद उन्हें तीनों फॉर्मेटस में टीम इंडिया का हिस्सा होना चाहिए. यह भी सच है कि सैनी को तीसरे या चौथे तेज गेंदबाज के रूप में खिलाए जाने पर भी विचार किया जा सकता है. अब हम जानेंगे कि सैनी को किन-किन कारणों के चलते तीनों प्रारूपों में मौका मिलना चाहिए –

सैनी की गेंदबाजी में ‘सनसनाती’ तेज़ गती और उछाल –

सैनी लगातार 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंदबाजी करने में सक्षम हैं. सिर्फ 6 साल पहले ही उन्होंने लेदर की गेंद से गेंदबाजी करना शुरू किया था. वे बल्लेबाज को अपनी तूफ़ान जैसी गति से आसानी से मात देते हैं. उनकी गेंद में उछाल भी बहुत शानदार है. आईपीएल 2019 में वह इसका नज़ारा भी पेश कर चुके हैं. उन्होंने इस दौरान 11 मैचों में 13 विकेट हासिल किए थे.

दमदार यॉर्कर गेंद –

सैनी जब अपनी 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से यॉर्कर लगाते हैं तो बल्लेबाज के पास अपना विकेट देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होता. यदि बल्लेबाज उनकी इस गेंद को भांप जाता है तो वे अपना विकेट बचाने में कामयाब हो जाता है, जो उसके लिए एक बड़ी बात होती है. हालांकि, ज़्यादातर सैनी की ‘यॉर्कर’ गेंद बल्लेबाज के लिए ख़तरा साबित हुई है. इतनी तेज गति से यॉर्कर गेंद को खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए बहुत मुश्किल बात है. ख़ास बात यह है कि अन्य तेज गेंदबाजों की तुलना में सैनी की यॉर्कर गेंद में गति भी तेज रहती है. वे बुमराह की तरह सटीक यॉर्कर लगाते हैं.

बेहतरीन इन स्विंगर –

सैनी के पास बेहतरीन इन स्विंग गेंद भी है. ऑफ स्टंप के आस पास उनकी तेज गेंदों को पढ़ना आसान नहीं हैं. अब जब तूफ़ान वाली गति से गेंद ऑफ स्टंप से टिप लेकर अंदर आएगी तो बल्लेबाज की मुश्किलें बढ़ना तो लाज़मी है.

सटीक लाइन लेंथ –

नवदीप सटीक लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी करते हैं. वे ज़्यादातर अपनी गेंदों को ऑफ स्टंप के बाहर गुड लेंथ पर पिच करते हैं. इस दौरान उनकी गेंद में 140 से 150 किलोमीटर घंटे की रफ़्तार की गति होती है. इससे वे अधिकतर बल्लेबाज को आसानी से चकमा देने में कामयाब भी हो जाते हैं.

गौतम गंभीर ने पहचानी थी सैनी की काबिलियत –

टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और तमाम मशक्कत के बाद दिल्ली की टीम में लाए. इसके बाद से इस गेंदबाज ने पलटकर नहीं देखा.

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