पाकिस्तान (Pakistan) क्रिकेट खराब दौर और बड़े फेरबदल से गुजर रही है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) में हो रहे परिवर्तन के बाद उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि टीम के चयन से लेकर खिलाड़ियों के प्रदर्शन तक पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कोच के रूप में मिकी आर्थर (Mickey Arthur) के आने की घोषणा की जा चुकी है। ऐसे में उनके पास टीम को फिर से क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में विनिंग ट्रैक पर लाने और अनिश्चितता के लग चुके काले धब्बों को हटाने की जिम्मेदारी होगी। क्रिकेट एक्सपर्ट्स की मानें तो पाकिस्तानी टेस्ट टीम की आज लगातार हार और खराब प्रदर्शन का मुख्य कारण आक्रामक और पेशेवर अंदाज की कमी है। चाहे टेस्ट हो, टी-20 या वनडे, पाकिस्तान को आक्रामक रणनीतियों की जरूरत है। इससे भी बड़ी बात यह है कि उन्हें आक्रामक रुख के साथ एक पेशेवर कोच की जरूरत है। वह जो सौ प्रतिशत योग्यता के आधार पर टीम बनाने के लिए सख्त हो। उन्हें बेहतर तरीके से तैयार करे और आधुनिक क्रिकेट के दांव-पेच से रूबरू करवाए। ऐसे में मिकी ऑर्थर 2023 में वनडे वर्ल्डकप का लक्ष्य लेकर चलेंगे और पाकिस्तान की इन कमियों पर विशेष रूप से ध्यान देंगे।
यह भी पढ़ें – IPL 2023: स्टोक्स को खरीदने के बाद कैसा था CSK के कप्तान धोनी का रिएक्शन? जानिए
1. अनुभव की कमी से टीम के प्रदर्शन में है अनिश्चितता
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पास खिलाड़ी तो मजबूत हैं लेकिन उनमें अनुभव की कमी है। यही वजह है कि एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों, टी-20 और टेस्ट क्रिकेट में मजबूत टीम होने के बावजूद पाकिस्तान के प्रदर्शन में अनिश्चितता नजर आती है। कई बार देखा गया है कि पाकिस्तानी टीम किसी कमजोर टीम के खिलाफ इतना खराब प्रदर्शन कर देती है कि किसी तरह की संभावनाएं जताना मुश्किल हो जाता है। वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे में क्लीन स्वीप करने के बाद कप्तान बाबर आजम ने माना था कि अगर कोई प्रतिद्वंद्वी टीम में बल्लेबाज अच्छी साझेदारी बना लेते हैं तो हमारी बॉडी लैंग्वेज बिगड़ जाती है। हम बीच के ओवरों में अक्सर कई विकेट एक साथ गंवा देते हैं। हाल ही के टी-20 वर्ल्डकप को ले लीजिए। पाकिस्तान की टीम जिम्बाब्वे के खिलाफ आईसीसी टी-20 विश्वकप के सुपर-12 मैच में करीबी मुकाबले में 1 रन से हार गई थी। इसके बाद उसके नॉकआउट तक पहुंचने की उम्मीद नहीं की जा ही थी लेकिन टीम फाइनल तक पहुंच गई। अनुभव की कमी का सबसे बड़ा खमियाजा पाकिस्तान को टेस्ट क्रिकेट में उठाना पड़ रहा है। इस साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 1-0 से गंवाने, जुलाई में श्रीलंका के खिलाफ 1-1 से सीरीज बराबर करने और दिसंबर में इंग्लैंड के हाथों 3-0 से क्लीन स्वीप करवाने के बाद पाकिस्तान को अच्छी कोचिंग और खिलाड़ियों के मानसिक संतुलन को मजबूत बनाने की सबसे अधिक जरूरत है। पाकिस्तान के नए कोच के रूप में आने वाले मिकी ऑर्थर को इस पर सबसे ज्यादा काम करने की जरूरत है।
2. फील्डिंग को करना होगा मजबूत
कई बड़े कारनामे करने वाली पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय टीम से खराब फील्डिंग की उम्मीद तो नहीं की जाती है लेकिन कई बड़े मौकों पर दबाव में आकर खिलाड़ी मिस फील्डिंग और जरूरी कैच छोड़ देते हैं। इसका नुकसान उन्हें मैच हारकर उठाना पड़ता है। कोच मिकी आर्थर को इस पक्ष पर सबसे ज्यादा मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी। दरअसल, पाकिस्तान की फील्डिंग हमेशा से ही आलोचनाओं का शिकार रही है। कई बड़े मैचों में फील्डिंग का खराब स्तर और आसान से विकेट लेने के मौके छोड़कर टीम के खिलाड़ी हताश हो जाते हैं और पूरी टीम पर एक तरह का दबाव घर कर लेता है। जिम्बाब्वे के खिलाफ आईसीसी टी-20 चैंपियनशिप में खराब फील्डिंग की वजह से पाकिस्तान को एक आसान सा मैच गंवा देना पड़ा था। यही नहीं, भारत के खिलाफ भी टी-20 वर्ल्ड में जीतता हुआ मैच पाकिस्तान ने दबाव में आकर गंवा दिया था।
3. कभी कमजोर रहता मिडिल ऑर्डर तो कभी शुरुआती बल्लेबाज
पाकिस्तान के मिडिल ऑर्डर पर पिछले एक-डेढ़ साल से सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि बाबर, आजम मोहम्मद रिजवान और इमाम-उल-हक के अलावा बाकी बल्लेबाज टीम को बड़े स्कोर तक ले जाने में कई बार नाकाम दिखे हैं। टी-20 वर्ल्डकप 2022 के शुरुआती मैचों को ही देख लीजिए, जहां सलामी जोड़ी कुछ खास नहीं कर पाई और सुपर-12 मैचों में टीम को काफी जूझना पड़ा। वहीं, सेमीफाइनल में बाबर और रिजवान के चलने पर टीम आसानी से न्यूजीलैंड के खिलाफ बड़ा मैच जीत गई थी। यहां तक कि शोएब अख्तर ने टी-20 वर्ल्डकप में टीम के चयन को लेकर मध्यक्रम बल्लेबाजों पर सवाल उठा दिए थे और चयनकर्ताओं को एक बार फिर से विचार विमर्श कर लेने तक की बात कही थी। पाकिस्तान की बड़ी कमजोरियों में सलामी बल्लेबाजों का महत्वपूर्ण मैचों में फ्लॉप होना भी है। बाबर आजम से लेकर इमाम-उल-हक और मोहम्मद रिजवान तक सलामी बल्लेबाज के रूप में निरंतर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। कई फ्लॉप मैचों के बाद एक बड़ा स्कोर करके ये बल्लेबाज टीम में जगह बनाए हुए हैं। ऐसे में इनसे मजबूत शुरुआत दिलवाना भी नए कोच के रूप में मिकी ऑर्थर के पास बड़ी जिम्मेदारी होगी।
4. टेस्ट क्रिकेट में हर क्षेत्र पर करनी होगी मेहनत
पाकिस्तान का टेस्ट क्रिकेट में साल 2022 में जिस तरह का प्रदर्शन रहा, उसने टीम की साख को काफी हद तक धूमिल किया है। पाकिस्तान की टेस्ट टीम को हर तरह से बेहतर बनाने की जरूरत होगी। इस साल देखें तो टेस्ट में टीम ने सबसे शर्मनाक प्रदर्शन किया। पहले ऑस्ट्रेलिया के हाथों अपने देश में ही टेस्ट सीरीज गंवाई। फिर इंग्लैंड के हाथों तीन मैचों की सीरीज में 3-0 से बुरी तरह मात खाई। ऐसा पहली बार हुआ है कि टीम को अपने ही देश में लगातार तीन मैच गंवाने पड़े हों। इंग्लैंड ने भी लगातार तीन टेस्ट मैच जीतकर एक कीर्तिमान बना दिया। हालांकि, कप्तान बाबर आजम ने इसके लिए खिलाड़ियों के चोटिल होने को जिम्मेदार ठहराया है। खैर, कहा कुछ भी जाए लेकिन जो सच है, उस पर मिकी ऑर्थर को सबसे ज्यादा मेहनत करनी होगी। क्षेत्ररक्षण से लेकर फ्लॉप होती सलामी बल्लेबाजी और गेंदबाजी तक में सुधार लाना होगा। एक ऐसी बेंच तैयार करनी होगी, जिसमें खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद टीम लड़खड़ाए ना। पाकिस्तान की एक समस्या यह है कि उसके ज्यादातर गेंदबाज सफेद गेंद से क्रिकेट खेलते हैं और वहां सफल भी होते हैं। लाल गेंद के प्रारूप में खिलाड़ी कम ही आते हैं और जो आते हैं वे पूरे साल अपनी फॉर्म बरकरार नहीं रख पाते हैं।