रणजी टॉफी (Ranji Trophy 2022-23) में 4 राउंड ख़त्म होने के बाद एलीट ग्रुप बी में दिल्ली (Delhi) की स्थिति 8 टीम के ग्रुप में 2 जीत और 2 ड्रा के साथ नंबर 7 पर. हालांकि, अभी 3 मैच बचे हैं, पर दिल्ली के अगले राउंड के लिए क्वालीफाई करने के कोई आसार नहीं। इसी में सौराष्ट्र से मिली एक पारी और 214 रन की हार शामिल है। ये वही मैच है जिसमें पहली पारी में, एक समय दिल्ली का स्कोर 10-7 था।
क्रिकेट में एक बड़ी पुरानी कहावत है कि किसी भी एसोसिएशन/बोर्ड की हालत उसकी टीम के खेल में दिखाई देती है। इस कहावत का सबूत देखना है तो इस सीजन में दिल्ली की क्रिकेट है। एक समय जिस टीम से 4-5 खिलाड़ी टेस्ट टीम में जगह के दावेदार होते थे, आज उसी की एसोसिएशन के अध्यक्ष खुद मीडिया में कहते हैं कि उन्हें टीम में एक भी खिलाड़ी ऐसा नजर नहीं आ रहा, जो टेस्ट टीम में जगह का दावेदार हो।
वैसे तो दिल्ली की क्रिकेट में हमेशा से कलह रही है, पर इस के साथ अच्छी क्रिकेट भी चलती रही, लेकिन इस सीजन में तो हद ही हो गई। नौबत यहां तक पहुंच गई कि पूरी सेलेक्शन कमेटी को बर्खास्त करने के इस मौसम में, बीसीसीआई के साथ, वे भी शामिल हो गए और बड़े साफ़-साफ़ आरोप लगाकर पूरी कमेटी बर्खास्त की और देखिए, जिस सीएसी (निखिल चोपड़ा, गुरशरण सिंह और रीमा मल्होत्रा) ने इस सेलेक्शन कमेटी को चुना था, उसे प्रमोशन दे दी और सीजन के बचे दिनों में वे ही टीम चुनेंगे। मौजूदा खबर ये है कि बात यहीं खत्म नहीं हुई और अगला नंबर टीम के हेड कोच का है, तो ये है देश की राजधानी की क्रिकेट एसोसिएशन की हालत।
जिस सेलेक्शन कमेटी को बर्खास्त किया उसके चीफ भूतपूर्व वनडे इंटरनेशनल क्रिकेटर गगन खोड़ा (2 वनडे, 91 फर्स्ट क्लास मैच) थे और बाकी दो सदस्य मयंक सिडाना और अनिल भारद्वाज। इनकी आपसी अनबन की ख़बरें, मीडिया में दिल्ली की क्रिकेट को तमाशा बना रही थीं और उस पर लीग गेम में सौराष्ट्र से पारी से हार ने आग में घी डालने वाला काम किया।
अंडर-25 टीम चुनने के लिए चल रही थी सेलेक्शन कमेटी की मीटिंग और उसी में बहसबाजी के बाद सिडाना ‘वॉकआउट’ कर गए बिना टीम शीट पर साइन किए। उसके बाद मीडिया में भी चले गए और आपसी झगड़े का पिटारा खोल दिया। इस पर निराश और परेशान डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली ने एपेक्स कॉउंसिल को एक तीखा ईमेल किया, पूरे हालात बताए और ये मेल भी मीडिया में आ गया। एपेक्स काउंसिल ने सेलेक्शन कमेटी को बर्खास्त करने की मंजूरी दे दी है।
मेल में डीडीसीए अध्यक्ष ने साफ़ लिखा कि सेलेक्शन कमेटी, जिस तरह से अपना काम कर रही है, उसे देख कर वे ये मेल लिखने के लिए मजबूर हुए, ये कमेटी बिना किसी विजन और मिशन के काम कर रही है, जो बातें सामने आई हैं, वे वास्तव में हैरान करने वाली हैं और अपनी हस्ती के गलत इस्तेमाल की मजेदार मिसाल। आप भी देखिए:
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- सेलेक्शन कमेटी हर मैच के लिए 22 खिलाड़ियों को चुन रही थी, जबकि बीसीसीआई के साफ निर्देश हैं 15 खिलाड़ी चुनने के। डीडीसीए ने कहा 4 रिजर्व भी चुन लो, पर वे 22-23 चुन रहे थे। इतने खिलाड़ियों को तो टीम ड्रेसिंग रूम में भी एंट्री नहीं मिलती और नतीजा ये कि बाकी होटल में ही बैठे रहते थे। फिजूल में खर्चा किया जाता रहा। नियमित ओपनर न खिलाकर मनपसंद खिलाड़ी को डेब्यू पर ओपनर बना दिया।
- एक मिसाल ये कि चोटिल खिलाड़ी की जगह लेने के लिए जिसे चुना, वह खुद घायल था और तब उसकी जगह लेने वाले को भेजना पड़ा।
- टीम में एक भी खिलाड़ी ऐसा नजर नहीं आ रहा जो भारत के लिए खेलने का दावेदार हो।
- युवा कप्तान यश ढुल के मिजाज को बेहतर करने की कोई कोशिश नहीं हुई, उनका मनोबल दबाव और घबराहट में इतना गिरा कि टॉप आर्डर का बल्लेबाज होने के बावजूद निचले क्रम में बल्लेबाजी के मनमाने फैसले पर अड़ गए, इसने तो उनके टेम्परामेंट पर ही कई सवाल खड़े कर दिए। सपाट पिचों पर भी सीम और स्विंग गेंदबाजों का सामना नहीं करना चाहते।
- सेलेक्टर्स ने काम की खुली छूट और समर्थन के बावजूद अपना काम नहीं किया, कोई स्कीम या विजन नहीं। यहां तक कि सेलेक्टर्स तो ट्रायल मैच में भी मौजूद नहीं होते थे। इसका मतलब है अपनी ड्यूटी सही तरह से निभाने के लिए उनके पास समय नहीं पर एक ने भी डीडीसीए को इस बारे में कोई खबर नहीं दी। अध्यक्ष का आरोप, सेलेक्टर ‘दिल्ली क्रिकेट की सेवा करने से ज्यादा निजी मामलों में उलझे हुए थे’।
- भारत के पूर्व तेज गेंदबाज पंकज सिंह को चीफ कोच होने के बावजूद अंडर-25 टीम चुनने वाली मीटिंग में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई। सिस्टम ये है कि चीफ कोच ऐसी हर मीटिंग में हिस्सा लेता है और टीम पर कोई भी आख़िरी फैसला लेने से पहले उनके विचारों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
- डीडीसीए पर आरोप, दिल्ली के बाहर से राजस्थान के गगन खोड़ा को ले आए सेलेक्टर बनाकर, जबकि वे दिल्ली क्रिकेट या इसके ढांचे के बारे में कुछ नहीं जानते, एक ने राजस्थान के लिए अपनी क्रिकेट खेली है, तो दूसरे ने पंजाब के लिए।