टेनिस के दिग्गज खिलाड़ी लिएंडर पेस को अब से कुछ समय पहले एशियाई खेलों के लिए भारतीय टेनिस टीम में शामिल किया गया था। इस दौरान एकल में देश के शीर्ष खिलाड़ी यूकी भांबरी को यूएस ओपन ग्रैंड स्लैम के चलते आराम दिया गया था। लिएंडर पेस को यूकी भांबरी के स्थान पर मौका मिला था. टीम की घोषणा एआईटीए की सलेक्शन कमिटी द्वारा की गई थी।
इससे पहले लिएंडर पेस अपनी वापसी को लेकर काफी बेताब नज़र आ रहे थे। बता दें कि इंडोनेशिया के जकार्ता में होने वाले एशियाई खेलों में टेनिस की प्रतियोगिता 19 अगस्त से प्रारंभ होगी। एशियाई खेलों में 8 मेडल जीत चुके पेस फिलहाल जमकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. लिएंडर पेस ने डेविस कप मुकाबले के दौरान मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, “लोग मेरे बारे में बुरे विचार रखते हैं, लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।” पेस के अनुसार, “लोगों का काम ही भौंकना होता है. उन्हें भौंकने दीजिए, जब तक कोई जूनियर यह नहीं कह देता कि मैं आपको हरा रहा हूं, तब तक मैं खेलता रहूंगा और ग्रैंडस्लैम जीतता रहूंगा।”
बताते चलें कि लिएंडर पेस ने आखिरी बार 2006 दोहा खेलों में महेश भूपति के साथ पुरुष युगल और मिश्रित युगल में सानिया मिर्जा के साथ स्वर्ण पदक जीता था। मगर अब पेस ने ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर ऐसा लगता है कि वो आगामी एशियाई खेलों में एक और पदक हासिल कर करने वाले हैं. अब विचार करने वाली बात यह है कि पेस ने इतना बड़ा बयान आखिर किस वजह से दिया है। क्या पेस को अपने 8 पदकों का खुमार है? क्या उनमें घमंड घर कर गया है? चलिए ठीक है अगर कोई हमें ताने मारता है, तो हमें पलट कर जवाब ज़रूर देना चाहिए, लेकिन खेल भावना को भुलाकर ऐसा बयान देना खेल सौंदर्य का हिस्सा नहीं माना जाना चाहिए। एक खिलाड़ी को चाहिए कि वो ऐसे बयानों का पलटवार सिर्फ अपने बेहतरीन खेल के बलबूते करे.
लिएंडर पेस को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उनको आगामी एशियाई खेलों के लिए देश के शीर्ष खिलाड़ी यूकी भांबरी के स्थान पर चयनित किया गया है. भांबरी को यूएस ओपन ग्रैंड स्लैम के चलते आराम दिया गया था. इसलिए लिएंडर पेस को लोगों के बयानों पर ध्यान ना देकर अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रुरत है, जिससे वो एशियाई खेलों में भारत को एक और पदक दिला सकें।