आईपीएल 2022 में सबसे ज्यादा विकेट की लिस्ट में 28 अप्रैल तक :
युजवेंद्र चहल – 8 मैच में 18 विकेट 12.61 औसत और 7.09 इकॉनमी रेट से।
कुलदीप यादव – 8 मैच में 17 विकेट 14.11 औसत और 7.96 इकॉनमी रेट से।
ये दोनों इस सीजन के न सिर्फ सबसे कामयाब स्पिनर, गेंदबाज हैं और पर्पल कैप चहल के पास। अगर ये दो गेंदबाज इस फार्म में गेंदबाजी कर रहे हैं तो टीम इंडिया की स्कीम में क्यों नहीं हैं? इनके हर मैच के साथ, ये चर्चा जोर पकड़ती जा रही है कि दोनों फिर से टीम इंडिया के लिए खेलें- ख़ास तौर पर इस साल के टी 20 वर्ल्ड कप की स्कीम का हिस्सा हों। क्या ये संभव
है?
क्या कुल-चा यानि कि कुलदीप और चहल की फॉर्म में वापसी, टी 20 वर्ल्ड कप टीम में वापसी में बदल सकती है? न कुलदीप और न ही चहल पिछले साल भारत की टी 20 वर्ल्ड कप टीम में थे। और भी मजेदार बात ये कि दोनों को ही उनकी पिछले सीजन की आईपीएल टीम ने रिटेन नहीं किया। दोनों स्पिनरों को गैर-प्रभावशाली प्रदर्शन के दम पर मेगा नीलामी से पहले रिलीज कर दिया था- कुलदीप केकेआर के लिए तुरुप का इक्का थे और चहल अभी भी आरसीबी के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर थे। इनकी आईपीएल टीम को जब इन पर भरोसा नहीं तो किसी और को कैसे हो?
जर्सी का रंग और डिजाइन बदला तो किस्मत तेजी से चमकी और कुलदीप और चहल आईपीएल 2022 में विकेट की लिस्ट में 28 अप्रैल को नंबर 1 और 2 थे। कुलदीप 2017 में- 11 मैचों में 12 विकेट और अगले सीज़न में 16 मैचों में 17 विकेट। दोनों सीज़न में, केकेआर के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। किस्मत 2019 से बदली- 9 मैचों में चार विकेट। 2020 में, केकेआर ने सिर्फ चार मैचों में खिलाया जबकि आईपीएल 2021 के पहले हाफ में तो हालत ये थी कि टीम में जगह तक नहीं बनी। दूसरा हाफ शुरू हुआ तो घुटने की सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन में थे। संयोग से इसी दौर में इंटरनेशनल क्रिकेट में फार्म गिरी और धीरे-धीरे टीम से बाहर हो गए।
चहल कुछ बेहतर रहे- 2016-20 में 69 आईपीएल मैचों में 86 विकेट और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए प्रमुख गेंदबाज थे। लगभग कुलदीप की तरह, इंटरनेशनल क्रिकेट में, उसी दौर में न विकेट और रन भी लीक हो रहे थे।
राहुल चाहर इन तो चहल आउट। अब भी बात वही है। युवा चाहर आईपीएल में प्रभावशाली थे और भारतीय टीम के लिए एक बेहतर विकल्प बने। पिछले टी 20 वर्ल्ड कप टीम में कुलदीप और चहल का कहीं जिक्र नहीं था। चहल पर तो कुछ बहस हुई- कुलदीप पर तो किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। यूएई में स्पिन को मदद देने वाली परिस्थितियों में भी टीम को उनकी कोई जरूरत नहीं थी। भारत सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहा और ‘कुल-चा’ के पास अपनी योग्यता साबित करने का सबसे अच्छा मौका आईपीएल 2022 था। दोनों ने इसका फायदा उठाया है और रिकॉर्ड सामने है।
आईपीएल को देखकर हो सकता है अब सेलेक्टर्स चहल और कुलदीप पर एक नज़र डालें। जो फैक्टर सामने हैं, उन पर भी तो आंख बंद नहीं कर सकते :
- ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर स्पिन की बहुत जरूरत नहीं- ऑस्ट्रेलिया की पिचें स्पिनर के लिए नहीं होतीं। उस पर रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन के साथ, कुलदीप और चहल कहां फिट होते हैं? रवि बिश्नोई भी हैं।
- इस आईपीएल में कई खिलाड़ी ‘वापसी ‘ कर रहे हैं- उमेश यादव भी इनमें से हैं। हर वापसी करने वाला गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया की फ्लाइट में नहीं हो सकता।
- इसकी क्या गारंटी अपने आईपीएल प्रदर्शन को कुलदीप या चहल दोहरा पाएंगे?
- उस पर ये भ्रम कि अब दोनों टीम में साथ-साथ जगह के हकदार नहीं। इस साल भी जब कीरोन पोलार्ड की टीम के विरुद्ध वन डे/टी 20 खेले तो किसी भी मैच में दोनों को साथ-साथ नहीं खिलाया था।
- पिछले साल दोनों एक-साथ दूसरी स्ट्रिंग टीम के श्रीलंका टूर पर भी गए थे।
- 2017 और 2019 के बीच कुल-चा की कामयाबी में स्टंप्स के पीछे से एम.एस.धोनी की गाइडेंस मास्टर स्ट्रोक थी- गेंदबाजी की लाइन और फील्ड प्लेसमेंट पर उनसे बेहतर और कोई नहीं बता सकता था। 2017 चैंपियंस ट्रॉफी और 2019 के 50 ओवर वर्ल्ड कप के बीच, कुलदीप यादव (21.74 पर 87 विकेट) और चहल (25.68 पर 66) वन डे में विश्व के टॉप स्पिनर थे।
- 2019 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के विरुद्ध छठे मैच में, एजबेस्टन की सपाट पिच और चौकोर बाउंड्री कुलदीप और चहल पर भारी पड़ गई- मैच में 20 ओवर में 160 रन और एक विकेट। वर्ल्ड कप के बाद, जीत न पाने के शोर में ये जोड़ी भी टिक नहीं पाई। उसके बाद 2021 के श्रीलंका टूर में ही एक साथ लौटे थे।
- इस बीच शाहबाज नदीम को भी आजमाया। जयंत यादव को लिया। दक्षिण अफ्रीका में चहल भी तीन वन डे में 29 ओवर में दो ही विकेट ले सके।
- अगर ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड देखें तो चहल ऑस्ट्रेलिया में खेले तीन टी 20 आई में, बड़े महंगे रहे थे (4-117)। कुलदीप आखिरी बार 2018 में ऑस्ट्रेलिया में एक टी 20 में खेले थे।
ये सब कुल-चा को एक बार फिर, साथ वापस लाने के लिए सवाल हैं पर फिर भी दोनों ट्रायल पर क्योंकि सबसे पहले अपनी जगह पक्की करनी है। दोनों का आत्म विश्वास टूटा है।