फीफा विश्वकप 2018 में शनिवार को फीफा विश्व रैंकिंग में 22वें नंबर की आइसलैंड ने पांचवें नंबर की अर्जेंटीना को हराकर बड़ा उलटफेर किया। दिलचस्प बात यह रही कि आइसलैंड, जो देश केवल तीन लाख जनसंख्या वाला है और फीफा विश्व रैंकिंग में 133वें स्थान पर था. उसने मजबूत इंग्लैंड टीम की चुनौती का सामना कर विश्वकप के लिए क्वालीफाई किया. मगर 97वें स्थान पर काबिज़ भारत वर्तमान में फीफा विश्वकप में नहीं खेल रहा.

बता दें कि सुनील छेत्री वाली भारतीय फुटबॉल टीम फीफा विश्वकप 2018 में जगह बनाने में असमर्थ रही थी. वर्ल्ड कप क्वालीफायर में टीम इंडिया ईरान, गुआम, तुर्कमेनिस्तान और ओमान के साथ एक ही ग्रुप में शामिल थी. इस दौरान भारत ग्रुप में सबसे नीचे रहा और विश्वकप के लिए क्वालीफाई नहीं कर सका.

जब आइसलैंड, कैमरून आदि जैसी टीमें फीफा विश्वकप के लिए क्वालीफाई कर सकती हैं तो टॉप-100 में शामिल टीम इंडिया क्यों नहीं?

भारत में क्रिकेट को हमेशा धर्म की तरह पूजा जाता है, वहीं फुटबॉल को लेकर इतना तवज्जो नहीं दिया जाता। भारत में क्रिकेट का मतलब धर्म है. 11 खिलाड़ी, जो देवता समान समझे जाते हैं, वहीं फैंस भक्त माने जाते हैं.

भारत में फुटबॉल को भी बढ़ावा देने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। हमें छोटे बच्चों के हुनर को पहचानकर उनको आगे बढ़ाना होगा, जिससे आने वाले समय में हमारे देश को सुनील छेत्री जैसे कई खिलाड़ी मिल सकें. वहीं कइ सालों से चले आ रहे सूखे को ख़त्म करते हुए टीम इंडिया देशवासियों को अपने देश के लिए चीयर करने का मौक़ा दे।

गौरतलब है कि हाल ही में भारत ने इंटरकॉन्टिनेंटल कप 2018 के फाइनल में केन्या को 2 – 0 से हराकर खिताब पर कब्ज़ा जमाया था. भारत की जानिब से दोनों गोल कप्तान सुनील छेत्री ने दागे थे। जब टीम इंडिया अपने घर में इतना शानदार प्रदर्शन कर सकती है तो विदेशों में क्यों नहीं।

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