भारतीय टीम के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के लिए आखिरी कुछ समय से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पंत अपनी खराब फॉर्म को लेकर लगातार आलोचकों का शिकार बन रहे हैं. लोग कभी उनकी विकेटकीपिंग पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो कभी उनकी बल्लेबाजी पर निशाना साध रहे हैं. हालांकि, उन्होंने रविवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेले गए तीन मैचों की सीरीज के पहले वन डे मैच में 71 रनों की पारी खेल अपने आलोचकों को करार जवाब दिया, लेकिन उनकी यह पारी टीम इंडिया को जीत नहीं दिला पाई. इसके अलावा पंत विकेटकीपिंग में भी कोई शिकार नहीं कर पाए.
अगर वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल ही में संपन्न तीन मैचों की टी-20 सीरीज में पंत के प्रदर्शन पर नज़र डालें तो उन्होंने हैदराबाद में 18 रन, तिरुवनंतपुरम में 33* रन बनाए, जबकि मुंबई में उनका खाता तक नहीं खुला. इस दौरान उनके खाते में कोई कैच नहीं आया. हालांकि, उन्होंने पहले टी-20 में स्टंप के रूप में 2 शिकार किए. इतना ही नहीं पंत ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में दिल्ली की तरफ से खेलते हुए दो मुकाबलों में भी कोई धमाकेदार प्रदर्शन नहीं किया. इससे पहले उन्हें बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में भी निराशा ही हाथ लगी.
हाल-फिलहाल में पंत ने जब भी बड़ी पारी खेली, तब ही टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा. पंत ने चेन्नई वनडे में 71 रन बनाए तो विंडीज ने 8 विकेट से जीत दर्ज की. इससे पहले पंत ने तिरुवनंतपुरम टी20 में 33* रन की नाबाद पारी खेली तो विंडीज ने विराट सेना को वहां भी 8 विकेट से पराजित किया. एक और बड़ी मिसाल यह कि उन्होंने अपने घरेलू मैदान दिल्ली टी20 मुकाबले में 27 रन स्कोर किए तो बांग्लादेश ने भारत को 7 विकेट से हरा दिया. इतना ही नहीं पंत ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दो मुकाबलों में क्रमशः 28 एवं 30 रन की पारी खेली, जिसमें दिल्ली को हरियाणा और राजस्थान ने पराजित किया, लेकिन जब उन्होंने ज्यादा रन नहीं बनाए तो टीम इंडिया ने जीत दर्ज की.
कुछ समय पहले ऋषभ पंत को दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी का उत्तराधिकारी माना जाने लगा था, लेकिन इसके बाद वे अपने खराब प्रदर्शन की वजह से आलोचकों का निशाना बने. इतना ही नहीं क्रिकेट के कई दिग्गजों ने भी उन्हें जमकर लताड़ लगाई, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने उन पर भरोसा जताए रखा और उन्होंने हाल ही में शानदार पारी खेलकर अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया. पंत ने मैच के बाद अपने आलोचकों से कहा, “चारों तरफ, जो भी अच्छु-बुरी बाते चल रही हैं उससे इतर मैं जितना ज्यादा हो सके अपने खेल पर फोकस रहना चाहता हूं.”
फिलहाल, यहां बात पंत की फॉर्म में लौटने की कर रहे हैं तो विंडीज टीम के खिलाफ वर्तमान सीरीज के पहले मुकाबले में पंत ने शानदार अर्धशतक जड़ फॉर्म में लौटने के संकेत दे दिए हैं. इस फॉर्म को आगे तक जारी रखने के लिए पंत को इन 5 बातों पर ध्यान देना होगा, तब ही वे बड़ी पारियां खेलने में कामयाब होंगे.
1. परिपक्वता की ज़रुरत – ऋषभ पंत को समझदारी दिखाते हुए परिपक्व होना होगा. एक गैरजिम्मेदाराना खिलाड़ी के रूप में आप टीम में अपनी जगह सुनिश्चित नहीं कर सकते. इसके लिए पंत को टीम में अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी और एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग का दायित्व संभालना होगा.
2. सिंगल-डबल से बदलता है मैच – युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को कई मौकों पर गैरजिम्मेदाराना शॉट्स खेलते हुए देखा गया है, जिसके बाद उन्हें आउट के रूप में इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा है. पंत को चाहिए कि वे बड़े शॉट्स पर ज्यादा ध्यान न देकर सिंगल्स और डबल्स में विश्वास रखें. इस पर एक मुहावरा भी है, “बूंद-बूंद से घड़ा भरता है.” इस तरह पंत को भी एक-एक दो-दो रन से अपने स्कोर को बढ़ाना चाहिए. इससे एक चोर भी संभलेगा और टीम का स्कोर भी बढ़ता रहेगा.
3. बड़े शॉट हर समय खेलने की ज़रुरत नहीं – ऋषभ पंत ज़्यादातर बड़े शॉट्स में विश्वास रखते हैं. कई बार उन्हें छक्के और चौके से खाता खोलते देखा गया है. कई बार उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी है, जहां पंत सस्ते में आउट हो जाते हैं, वहीँ टीम इंडिया को मैच हार के रूप में यह खामियाजा भुगातना पड़ता है. इसलिए पंत को टीम में अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी और सूझबूझ से बल्लेबाजी करनी होगी.
4. मैच की स्थिति के अनुसार बल्लेबाजी करें – ऋषभ पंत को मुकाबले की सिचुएशन के मुताबिक बल्लेबाजी करनी होगी. अगर टीम को ताबड़तोड़ पारी की ज़रुरत है तो ही चौके-छक्कों में विश्वास रखें और यदि लग रहा है कि मुकाबले को आसानी से जीता जा सकता है तो सिंगल्स और डबल्स से अपने स्कोर को आगे बढाएं.
5. साझेदारी करने पर ध्यान दें – क्रिकेट में एक कहावत है. ‘टेक कैचेस विन मैचेस’ इसी तरह लंबी साझीदारी बनाने से टीम की जीत आसान हो जाती है. इसलिए पंत को भी परिपक्वता दिखानी होगी. उन्हें बल्लेबाजी के दौरान एक ज़िम्मेदार खिलाड़ी के रूप में बड़ी साझेदारी बनाने पर ध्यान देना होगा. इस तरह से ऋषभ पंत अपनी फॉर्म को आगे तक जारी रख सकते हैं.