भारतीय क्रिकेट टीम ने आईसीसी के हर एक मुख्य खिताब पर कब्ज़ा जमाया है. विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी, टी20 विश्व कप जैसे बड़े इवेंट्स के टाइटल को मैंन इन ब्लू ने जीता है. सबसे पहले पूर्व कप्तान और दिग्गज ऑलराउंडर कपिल देव ने 1983 में टीम इंडिया को पहला आईसीसी विश्व कप दिलाकर भारतीय क्रिकेट में नई इबारत लिखी थी. क्रिकेट इतिहास का यह तीसरा विश्व कप था, जो इंग्लैंड में खेला गया था. टीम इंडिया फाइनल में वेस्टइंडीज को 43 रन से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनी थी.

इसके 38 साल बाद पूर्व कप्तान और दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को दूसरा आईसीसी विश्व कप का खिताब दिलाया. टीम इंडिया ने साल 2011 में भारत में आयोजित हुए वर्ल्ड कप के फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से पराजित किया था. इसके बाद भारत ने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुए आईसीसी टी20 विश्व कप को भी अपने कब्ज़े में लिया. इस दौरान भी टीम की कमान धोनी के ही हाथों में थी. भारत यहीं नहीं रुका, धोनी वाली टीम इंडिया ने साल 2013 में इंग्लैंड में खेली गई आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी को भी अपनी झोली में डाला.

इस तरह से भारत ने अभी तक आईसीसी के हर एक मुख्य खिताब पर कब्ज़ा जमाया है और इसका श्रेय टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और कैप्टन कूल कहे जाने वाले धोनी को जाता है, जिन्होंने भारत का लगभग एक दशक तक प्रतिनिधित्व करते हुए मैंन इन ब्लू को कई बार चैंपियन बनाया, लेकिन जब से धोनी ने कप्तानी छोड़ी है तभी से भारत ने कोई भी आईसीसी का खिताब अपने नाम नहीं किया है. यहां तक कि टीम इंडिया ने आखिरी बार आईसीसी का टाइटल 2013 में इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में जीता था. मामला यह नहीं है, सवाल यह है कि आखिरकार भारत विराट कोहली की कप्तानी में बड़े टूर्नामेंट्स क्यों नहीं जीत पाता है?

इसमें कोई दो राय नहीं है कि विराट कोहली विश्व के नंबर एक बल्लेबाज हैं. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में चरण दर चरण कीर्तिमानों की झड़ी लगाने वाले और अभी तक 70 शतक जड़ने वाले कोहली पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड शतक सैकड़े से महज 30 सेंचुरी ही पीछे हैं. इसके अलावा भी उन्होंने कई बड़े-बड़े रिकार्ड्स अपने नाम किए हैं. यह दर्शाता है कि कोहली कितने बेहतरीन बल्लेबाज हैं. मगर सवाल उनकी बल्लेबाजी का नहीं है, हम यहां मुद्दा उठा रहे हैं उनकी कप्तानी का. आखिर टीम इंडिया उनकी कप्तानी में आईसीसी का कोई बड़ा खिताब क्यों नहीं जीत पा रही है? आज हम इसी विषय पर बात करेंगे कि क्या चीज है, जो कोहली वाली टीम इंडिया को आईसीसी के मुख्य टूर्नामेंट्स में कमज़ोर बनाती है.

पहला मुद्दा –

आक्रामकता में गलत फैसले लेना – कई बार कोहली को गुस्से में गलत फैसले लेते देखा गया है और उनका यह रवैया टीम को ले डूबता है तथा विराट सेना मैच से भी बाहर हो जाती है. कोहली के गुस्से में लिए गए गलत निर्णय की कीमत टीम को हार के रूप में भुगतनी पड़ती है.

दूसरा मुद्दा –

पूरी टीम का कोहली पर निर्भर रहना – कई मुकाबलों में कोहली के जल्दी आउट होने के बाद टीम की पारी सस्ते में सिमट जाती है. रन मशीन के जल्दी वापस पवेलियन लौटने के बाद टीम का कोई भी अन्य बल्लेबाज क्रीज़ पर ज्यादा देर तक नहीं टिक पाता और इसी कारण भारतीय टीम को आईसीसी के इवेंट्स में बाहर का रास्ता देखना पड़ जाता है.

तीसरा मुद्दा –

टीम में लगातार होते परिवर्तन – भारतीय टीम में कई खिलाड़ियों को लगातार मौका नहीं मिल पाता. इस वजह से टीम का संयोजन डगमगा जाता है और टीम को हार के रूप में इसकी कीमत चुकानी पड़ जाती है. इसलिए टीम मैनेजमेंट को चाहिए कि कम से कम आईसीसी के टूर्नामेंट्स में टीम में परिवर्तन नहीं करने चाहिएं.

गौरतलब है कि विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने दो बार आईसीसी टूर्नामेंट्स में शिरकत की है, जिसमें विराट के वीरों को खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ा है. टीम इंडिया ने आईसीसी विश्व कप 2019 और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में विराट की कप्तानी में खेलीं और किसी में भी जीत हासिल नहीं कर पाई.

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