सीएसके ने आईपीएल 2018 का टाइटल जीताकर उन विशेषज्ञों को करारा जवाब दिया जो कहते थे कि टी-20 क्रिकेट तो सिर्फ युवा खिलाड़ियों के लिए है। नीलाम के बाद जब हर टीम की संरचना सामने आई तो किसी ने सीएसके को ‘डैड्स आर्मी’ कहा तो किसी ने कहा कि कोई 30+ टेबलेट बनाने वाली उन्हें अपने विज्ञापन के लिए मॉडल बना लेगी।
सिर्फ उनकी क्या बात करें – इस आईपीएल के दौरान व्यक्तिगत तौर कई बुजुर्गों ने साबित किया कि वे किसी से कम नहीं और किसी भी आईपीएल टीम में आने के हकदार हैं। ऐसे टॉप 5 देखिए-
शेन वॉटसन – 555 रन के साथ शेन वॉटसन इस सीजन के टॉप 5 बल्लेबाजों में रहे और सबसे खास बात ये कि इस सीजन में 2 शतक बनाने वाले वॉटसन अकेले बल्लेबाज थे. वॉटसन के नाबाद 117 रनों की बदौलत यह पता ही नहीं लगा कि कैसे चेन्नई की टीम ने फाइनल को 19 से भी कम ओवर में जीत लिया। ऐसा नहीं कि वॉटसन बहुत फिट है। धोनी भी मानते हैं कि फील्ड में वॉटसन रन छोड़ देते हैं पर जिस दिन मूड में हो तो कहना ही क्या? वाटसन 37 साल पूरे करने जा रहे हैं।
महेंन्द्र सिंह धोनी – भारत की टीम हो या आईपीएल – पिछले लगभग 3 साल से कहा जा रहा है कि धोनी की जगह लेने वाला ढूंढ लेना चाहिए। धोनी भी 37 साल पूरे करने जा रहे हैं वे खराब खेले तो उन्हें हटाएं? इस आईपीएल में भी 15 पारी में 75.83 औसत से 455 रन बनाए, स्ट्राइक रेट 150.66 रहा और 50 वाले 3 स्कोर। इसमें 24 चौक्के और 30 छक्के भी । यह भी देखिए कि वे साथ में विकेट कीपर और कप्तान भी हैं। दोनों भूमिका में उनकी बराबरी वाला कोई नहीं। धोनी तो युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा हैं।
दिनेश कार्तिक – गौतम गंभीर की कप्तानी और बल्लेबाजी की कोलकात्ता टीम में जगह लेना आसान नहीं पर 32 साल की उम्र पार कर चुके दिनेश कार्तिक ने ये काम कर दिखाया। केकेआर फाइनल की दौड़ तक चले, खुद कार्तिक ने 49.80 की औसत से 498 रन बनाए 147.77 के स्ट्राइक रेट से तथा 49 चौक्के एवं 16 छक्के लगाए। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे सबसे पुराने खिलाड़ियों में से एक है कार्तिक। निदहास ट्राफी में आखिरी गेंद का छक्का कार्तिक को चर्चा में ले आया और उसी फार्म को आईपीएल में जारी रखा।
एबी डि विलियर्स – यह हमेशा आईपीएल की सबसे बड़ी चर्चा में से एक रहेगा कि ए बी डि विलियर्स और विराट कोहली जैसे बल्लेबाजो के साथ रॉयल चैलेंजर्स बंगलूरू को आईपीएल टाइटल क्यों नसीब नहीं होता? ए बी जल्दी ही 34 साल के होने वाले हैंं पर क्या आईपीएल में ऐसा महसूस हुआ? ए बी 11 पारी ही खेले क्योंकि उनकी टीम प्ले ऑफ में नहीं पहुंची – इसमें 53.33 औसत से 480 रन, 174.54 स्ट्राइक रेट और 6 स्कोर 50 रन वाले तथा साथ में 39 चौक्के और 30 छक्के। और क्या करना होगा?
उमेश यादव – आरसीबी के लिए 30 को पार कर चुके, उमेश यादव ने न सिर्फ गेंदबाजी में विकेट लिए सही मायने में टीम को मुकाबले पर रखा और खास तौर पर आखिरी ओवरों के दौरान रन रोक कर। 14 मैच में 20.90 की औसत और 7.86 के इकानमी रेट से 20 विकेट लिए – सीजन में सबसे ज्यादा विकेट के चार्ट में उनसे ऊपर सिर्फ सिद्घार्थ कौल एवं रशीद खान (21 विकेट – 17 मैच में) एवं टाय (24 विकेट) का नाम है टी-20 में ऐसे कई खिलाड़ियों की क्रिकेट को नया जीवनदान दिया है।