हालांकि लोकेश राहुल पर ‘कॉफ़ी विद करन’ के संकट का साया अभी खत्म नहीं हुआ है और इस तरह के विवाद किसी भी क्रिकेटर की क्रिकेट पर असर डाल देंगे पर इस सब को भुलाकर उनका आईपीएल के इस सीजन में रन बनाने का सिलसिला जारी है। 11 अप्रैल के मैच नंबर 25 तक इस साल आईपीएल में लोकेश राहुल ने किंग्स इलेवन पंजाब के लिए 7 मैच की 7 पारी में 79.25 औसत से 317 रन बनाए हैं और रन के चार्ट में उनसे ज्यादा रन सिर्फ डेविड वॉर्नर (349) ने बनाए हैं, लोकेश का 131.53 का स्ट्राइक रेट भी कम नहीं और इस सीजन में जिन तीन बल्लेबाज ने 100 रन बनाए – उनमें से एक नाम लोकेश राहुल का है। सिर्फ वॉर्नर और लोकेश ने ही शतक के अतिरिक्त 50 के 3 स्कोर भी बनाए। स्पष्ट है कि लोकेश इस सीजन के सबसे कामयाब बल्लेबाजों में से एक हैं।
ऐसा नहीं कि वे सिर्फ इस सीजन में ही कामयाब हैं। लोकेश राहुल का आईपीएल करियर 11 अप्रैल 2013 को शुरू हुआ और इस सीजन के मैच नंबर 25 तक 60 मैच की 51 पारी में 42.53 औसत, 137.84 स्ट्राइक रेट से 1701 रन बनाए हैं। क्या विश्वास करेंगे कि आईपीएल में कम से कम 1700 रन बनाने वालों में औसत में इस समय राहुल टॉप पर हैं – डेविड वॉर्नर 42.36 औसत से 4363 रन, महेंद्र सिंह धोनी 41.46 औसत से 4229 रन तथा क्रिस गेल 40.94 औसत से 4217 रन उनसे पीछे हैं।
अगर लोकेश राहुल की 51 पारी के बराबर आईपीएल रिकॉर्ड देखें तो 51 पारी में सिर्फ सचिन तेंदुल्कर (1723), शेन वॉटसन (1744), माइक हसी (1783), शॉन मार्श (1973) और क्रिस गेल (2254) ने लोकेश राहुल से ज्यादा रन बनाए थे। सुरेश रैना (1528), कुमार संगकरा (1438), महेंद्र सिंह धोनी (1425), ऋषभ पंत (1424), गौतम गंभीर (1409), वीरेंद्र सहवाग (1404) और रोहित शर्मा (1403), जैसे आईपीएल के धाकड़ बल्लेबाज उनसे पीछे हैं।
बल्लेबाजी का इतना अच्छा रिकॉर्ड पर 6 सीजन में 3 टीम के लिए खेल चुके हैं। 2013 में 2 पारी में 20 रन के बाद आरसीबी ने निकाल दिया। 2014 और 2015 में 8-8 पारी में क्रमशः 166 और 142 के रिकॉर्ड के बाद हैदराबाद ने निकाल दिया। 2016 में हालांकि विराट कोहली की टीम में लौटे और 12 पारी में 397 रन बनाए पर आरसीबी ने रिटेन नहीं किया। यह आरसीबी के विराट कोहली की कप्तानी में किए गए सबसे गलत फैसलों में से एक गिना जाता है।
2017 की आईपीएल खेले नहीं और 2018 एवं 2019 के सीजन किंग्स इलेवन पंजाब के लिए रहे। 2018 में तो 14 पारी में 54.91 की औसत और 158.41 के स्ट्राइक रेट से 659 रन बनाए। 2019 में अब तक, जो बल्लेबाजी की है उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि वे अपने इस रिकॉर्ड की बराबरी के लिए तैयार हैं। यह रिकॉर्ड लोकेश की घरेलू क्रिकेट में कामयाबी का संकेत देता है पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकेश ने इसकी झलक क्यों नहीं दिखाई? यही वह सवाल है, जो लोकेश की बल्लेबाजी की तारीफ करने वालों को भी बौखलाता है।
अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड में गिनतियां खराब नहीं हैं, लेकिन प्रदर्शन में अस्थिरता ने इसका मजा खराब कर दिया। 34 टेस्ट में 35.27 औसत से 5 शतक के साथ 1905 रन, 14 ओडीआई (जो लगभग 3 साल में खेले) में 1 शतक के साथ 343 रन 34.30 औसत से तथा लगभग इसी दौर में 27 टी 20 अंतर्राष्ट्रीय में 43.95 औसत से 2 शतक के साथ 879 रन। अभी तो भला हो कप्तान विराट कोहली का कि वे समर्थन देते रहे और खिलाते रहें – अन्यथा मैचों की गिनती इससे भी कम होती। अब समय आ गया है कि लोकेश अपने विकेट की कीमत समझें, यह समझें कि चयनकर्ता ज्यादा मौके नहीं देंगे – तभी फायदा है। आईपीएल में रन बनाने में ग्लैमर है पर इंडिया कैप में अच्छी फॉर्म जारी रखने की बात ही कुछ और है।