सबीना पार्क, किंग्सटन में टेस्ट का दूसरा दिन – वेस्टइंडीज की पहली पारी में अपने दूसरे स्पैल में जसप्रीत बुमराह ने अपने चौथे ओवर में लगातार तीन गेंद पर विकेट के साथ हैट्रिक बनाई। ये किसी भी भारतीय गेंदबाज की सिर्फ तीसरी, टेस्ट इतिहास की 44वीं और 2017 में मोइन अली की हैट ट्रिक के बाद पहली। स्कोरकार्ड बस यही दिखाएगा कि बुमराह ने हैट्रिक बनाई पर ये अनोखी हैट ट्रिक थी। इसके दो फैसलों पर रिव्यू की अपील हुई। क्या डीआएस के बिना ये हैट ट्रिक बन जाती?
पहला विकेट – ब्रावो का कैच केएल राहुल ने लपका और दूसर विकेट – ब्रूक्स को एलबीडब्लू आउट दिया पर हर एलबीडब्लू आउट की तरह ब्रूक्स भी खुश नहीं थे। उन्होंने रिव्यू मांगा पर आउट ही रहे। तीसरा विकेट – अंपायर पॉल रिफेल ने रोस्टन चेज को एलबीडब्लू नहीं दिया। हाल ये था कि गेंदबाज ने अपील तक नहीं की थी। कोहली ने न सिर्फ अपील की, रिव्यू भी मांगा। कोहली सही थे। विकेट मिल गया और हैट्रिक बन गई। निश्चित रूप से सबसे रोमांचक में से एक!
भारत के लिए इससे पहले सिर्फ दो हैट्रिक बनीं थी, जिन्हें हरभजन सिंह और इरफान पठान ने बनाया। कहां तो 1932 से टेस्ट खेलना शुरू कर चुके भारत के लिए 20वीं शताब्दी में एक भी हैट्रिक नहीं बनी और कहां अब इस शताब्दी के 19 साल में तीन हैट्रिक बनी हैं, जैसे अब बुमराह की हैट्रिक की धूम है वैसे ही हरभजन और इरफान ने, जब हैट्रिक बनाई तो उनकी धूम थी। तुलना करना आसान नहीं पर कोशिश तो करें तीनों हैट्रिक के मूल्यांकन की।
पहली हैट्रिक बनाई हरभजन सिंह ने 2000-01 के कोलकाता टेस्ट में और रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न के विकेट लिए। ये वही सीरीज है, जिसमें हरभजन की स्पिन का जादू ऑस्ट्रेलिया के लिए मुसीबत बन गया था। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 252-4 था यानि कि कोई दबाव नहीं और एक तरफ स्टीव वॉ थे। तब पोंटिंग और गिलक्रिस्ट, जैसे बेहतरीन बल्लेबाज एलबीडब्ल्यू हुए। शेन वॉर्न ने हैट्रिक गेंद पर सदगोपन रमेश की तरफ कैच उछाल दिया। रमेश टीम में सबसे कमजोर फील्डर थे, लेकिन उस कैच पर कोई गलती नहीं की। जैसे बुमराह ने अपनी हैट्रिक का श्रेय कोहली को दिया और हरभजन आज तक रमेश को हैट्रिक का श्रेय देते हैं।
ये वही टेस्ट है, जिसे फ़ॉलोऑन के बाद भारत ने जीता और हरभजन ने 13 विकेट लिए।
इरफान पठान ने भारत से बाहर हैट्रिक बनाई कराची में। टेस्ट में न्यूट्रल अंपायर थे और इरफान ने तो टेस्ट की शुरूआत को ही सनसनीखेज बना दिया था। 0 के स्कोर पर टॉप बल्लेबाज सलमान बट्ट, कप्तान युनूस खान और मोहम्मद यूसुफ के विकेट। स्कोर 0-3 हो गया। बट्ट कैच आउट, युनूस एलबीडब्लू और यूसुफ क्लीन बोल्ड। पाकिस्तान 39-6 के स्कोर से संभल कर 245 रन बना गया और आखिर में टेस्ट 341 रन से जीत गया।
पहली पारी में 5-61 की गेंदबाजी करने वाले इरफान को दूसरी पारी में 25 ओवर में 106 रन देकर एक विकेट ही मिला।
बुमराह ने भी हैट्रिक भारत से बाहर बनाई पर इस सच्चाई से इंकार नहीं कर सकते कि ब्रावो, ब्रूक्स और चेज उस तरह के टॉप बल्लेबाज नहीं, जिनके विकेट हरभजन और इरफान को मिले। ब्रूक्स का तो सिर्फ दूसरा टैस्ट, जबकि ब्रावो और चेज में से किसी की भी बल्लेबाजी की औसत 40 भी नहीं है। हरभजन ने पोंटिंग और गिलक्रिस्ट के बाद तीसरा विकेट उन शेन वॉर्न का लिया, जिन्हें टेलेंडर गिनते हैं पर वे नंबर 8 पर बल्लेबाजी कर रहे थे, 145 टेस्ट में 3000 से ज्यादा रन बनाए, जिनमें 12 स्कोर 50 वाले थे।
हरभजन ने जब हैट ट्रिक बनाई तो ऑस्ट्रेलिया टॉप टीम थी और स्कोर 252-4 था। पठान ने टेस्ट के शुरू में ही हैट्रिक बनाई, जबकि वेस्टइंडीज अपने सबसे घटिया बल्लेबाजी वाले युग में है। पहले टेस्ट में वे 100 पर आउट हुए थे और किंग्सटन में भारत ने 416 के स्कोर का दबाव नहीं झेल पाए। बुमराह ने विकेट लिए तो स्कोर 13-1 था।
2000-01 की स्टीव वॉ की टीम लगातार अपराजित के रिकॉर्ड के साथ भारत आई थी। इसकी तुलना में वेस्टइंडीज तो उस दौर में है, जहां उन्हें टॉप गिनने पर भी शक है। इसकी तुलना में कराची टेस्ट की पाकिस्तान टीम बहुत बेहतर थी। पाकिस्तान ने दूसरी पारी में 599-7 के स्कोर के साथ दिखा दिया कि वे कैसी टीम हैं। होल्डर की टीम ऐसा भी नहीं कर पाई। इसलिए इन तीन में से तो नंबर 1 हैट्रिक हरभजन की।