जैसे ही एमएसके प्रसाद की चयनसमिति ने विश्व कप के लिए भारत के 15 खिलाड़ियों के नाम की घोषणा की – एक बड़ी अजीब बात देखने को मिली। माहौल में चर्चा तो ये होनी चाहिए थी कि ये 15 कैसे हैं, ये 15 क्या कर सकते हैं और दूसरी टीमों का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं वगैरा… वगैरा… यहां तो बहस ये थी कि अंबाती रायुडू और ऋषभ पंत को कैसे छोड़ दिया? सोशल मीडिया हो या और कोई मीडिया – जितनी जगह/चर्चा टीम में न आकर भी ये दोनों ले गए, चुने 15 में से किसी को नहीं मिली।
पिछले सभी विश्व कप तक हो ये रहा था कि हर टीम 30 संभावित खिलाड़ी चुनी थी और उन सभी के नाम के साथ वीजा/टिकट और अन्य इंतजाम किए जाते थे इस शर्त के साथ कि जाएंगे आखिर में 15 ही। ऐसा इसलिए किया जाता था कि कहीं ऐसा न हो कि बिल्कुल आखिरी वक्त पर किसी खिलाड़ी के वीजा में दिक्कत आए या और कोई तकनीकी कमी निकल आए। इस बार आईसीसी ने पंरपरा बदली। 15 चुनो पर विश्व कप शुरू होने से एक हफ़्ता पहले तक, आईसीसी से पूछे बिना उन्हें बदल सकते हैं – इस बार ये तारीख 23 मई है। एकदम खिलाड़ी बदलने पर वही वीजा वाली दिक्कत आ सकती है – इसलिए स्टैंड बाई खिलाड़ी चुने ताकि किसी भी जरूरत से निपटने के लिए उनकी फलाइट पकड़ने की बाकी खिलाड़ियों की तरह पूरी तैयारी हो।
बस इसी व्यवस्था का फायदा उठाकर, चयनकर्ताओं ने माहौल ठंडा करने के लिए 3 स्टैंड बाई घोषित कर दिए। ये तीन नाम अंबाती रायुडू, ऋषभ पंत और नवदीप सैनी के हैं। इन्हें स्टैंड बाई बनाते हुए रायुडू और पंत को ‘बल्लेबाज’ गिना। ध्यान दीजिए कि विश्व कप के 15 चुनते हुए एमएसके प्रसाद ने ये कहा था कि दिनेश कार्तिक को उनके बेहतर विकेटकीपर होने का फायदा मिला। अगर पंत तब ‘विकेटकीपर’ वाली केटेगरी में चर्चा में आए तो अब शुद्ध बल्लेबाज कैसे बन गए? सिर्फ माहौल ठंडा करना था और उसमें रायुडू और पंत से बेहतर नाम और किसी के नहीं हो सकते थे।
2017 की चैम्पियंस ट्राफी के लिए 15 खिलाड़ी चुनने के साथ ही 5 स्टैंड बाई घोषित कर दिए थे – ये 5 वही थे जो आखिरी 15 में आने की चर्चा में थे। ये नाम ऋषभ पंत, कुलदीप यादव, दिनेश कार्तिक, शार्दुल ठाकुर और सुरेश रैना के थे। इस बार न सिर्फ 3 स्टैंड बाई चुने, 3 नैट्स गेंदबाज भी चुने। ये 3 खलील अहमद, अवेश खान और दीपक चाहर हैं। ये तीनों स्टैंड बाई से अलग हैं क्योंकि टीम के साथ ही इंग्लैंड चले जाएंगे और नैट्स पर बल्लेबाजों की मदद करेंगे। अगर गेंदबाजी में जरूरत पड़ी तो ये तीनों निश्चित तौर पर बेहतर विकल्प होंगे क्योंकि पहले से इंग्लैंड में होने के कारण पिच और मौसम का मिजाज समझ गए होंगे।
बात यहीं खत्म नहीं होती। चैम्पियंस ट्राफी वाली गिनती पूरी करने के लिए उसके बाद चयनकर्ताओं ने दो स्टैंड बाई और घोषित कर दिए – ये नाम इशांत शर्मा और अक्षर पटेल के हैं। ध्यान दीजिए कि उन इशांत शर्मा और अक्षर पटेल का स्टैंड बाई बनाया जिनके नाम का तो विश्व कप टीम के चयन में कहीं जिक्र नहीं था। क्या वास्तव में, जरूरत पड़ने पर, इशांत या अक्षर पटेल में से किसी को या दोनों को विश्व कप खेलने इंग्लैंड भेज देंगे?
इशांत शर्मा को इसी चयनसमिति ने पिछले लगभग एक साल के ट्रायल ओडीआई सीजन में एक भी ओडीआई में नहीं खिलाया। 3 साल से ज्यादा हो गए उन्हें ओडीआई खेले। आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध सिडनी में था। अगर उनके इंग्लैंड के अनुभव को महत्व देना था तो ट्रायल के लिए एक ओडीआई में तो खिला लेते, जिस आईपीएल सीजन (2019) की गेंदबाजी की एमएसके प्रसाद ने बात की उसमें भी अब तक इशांत को 7 मैच में 5 विकेट मिले हैं 31.00 औसत और 26.4 के स्ट्राइक रेट से। यही हाल अक्षर पटेल का है। आखिरी ओडीआई अक्टूबर 2017 में खेले और इस साल आईपीएल में 7 मैच में 80 रन और 4 विकेट। तो इन 5 को चुनकर चयनकर्ताओं ने किसका दिल खुश किया?