dhoni virat jadeja
ऐसे पांच खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें मौका धोनी की टीम में मिला, लेकिन कोहली की कप्तानी में वे चमके।

इस समय भारतीय क्रिकेट टीम का अंतर्राष्ट्रीय जगत में एक अलग स्थान है। विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया में रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या, मोहम्मद शमी जैसे कई जबरदस्त खिलाड़ी हैं, जो विपक्षी टीम्स को धराशायी करने का माद्दा रखते हैं। क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम बहुत शानदार है।

टीम इंडिया में ऐसे कुछ खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पूर्व कप्तान एमएस धोनी की कप्तानी में डेब्यू किया था, लेकिन विराट कोहली की कप्तानी में उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा दिखाया। आज हम आपको इस आर्टिकल में ऐसे पांच खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें मौका धोनी की टीम में मिला, लेकिन कोहली की कप्तानी में वे चमके।

  1. हार्दिक पांड्या

टीम इंडिया के स्टार हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए शानदार प्रदर्शन करने के बाद किया था। हार्दिक ने जब भारतीय टीम में कदम रखा था तब उस वक्त महेंद्र सिंह धोनी टीम के कप्तान थे। 27 साल के दाएं हाथ के बल्लेबाज अपने शुरुआती करियर में सांतवें नंबर पर बल्लेबाजी करते थे और टीम के पांचवें गेंदबाज के तौर पर 10 ओवर डालते थे।

हार्दिक पंड्या ने एमएस धोनी के संन्यास लेने के बाद अपने खेल में सुधार किया और फिर छठे स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए टीम को मजबूती प्रदान की। इसके बाद विराट कोहली की कप्तानी में पांड्या ने टेस्ट टीम में जगह बनाई। हार्दिक ने खुद को अपने शानदार खेल से साबित किया और और आज वे टीम इंडिया का एक अहम स्तंभ हैं।

2. मोहम्मद शमी

भारतीय टीम के दिग्गज तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत साल 2013 में धोनी की कप्तानी में की थी। पाकिस्तान के विरुद्ध वनडे मुकाबले में शमी की घातक गेंदबाजी कोई नहीं भूल सकता, जिसमें उन्होंने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा शमी ने इंग्लैंड के खिलाफ भी बेहतरीन प्रदर्शन किया था। एमएस धोनी के संन्यास लेने के बाद से 30 साल के दाएं हाथ के पेसर की गेंदबाजी में लाइन और लेंथ के साथ तेजी भी आ गई। इस समय उनका नाम भारतीय टीम के प्रमुख गेंदबाजों में लिया जाता है।

3. रविंद्र जडेजा

टीम इंडिया के दिग्गज ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक दशक पूरा करने जा रहे हैं। क्रिकेट पंडित कहते हैं कि पिछले चार सालों में जडेजा ने अपने प्रद्रशन में बहुत सुधार किया है, जिसके चलते वे क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में टीम का अहम हिस्सा बन गए हैं। 32 साल के बाएं हाथ के बल्लेबाज ने एमएस धोनी की कप्तानी में सीमित ओवर में साल 2009 में डेब्यू किया था, जबकि टेस्ट में साल 2012 में कदम रखा था और उस वक्त भी टीम की कमान धोनी के हाथों में थी। रविंद्र जडेजा जितने अब खतरनाक खिलाड़ी हैं, उतने वे धोनी की कप्तानी में नहीं थे।

जडेजा के खेल में यह परिवर्तन साल 2017 से आया है और अब वे हर प्रारूप में गेंद और बल्ले से जबरदस्त योगदान करते हैं। इतना ही नहीं ‘सर जडेजा’ फील्डर भी बेहतरीन हैं।

4. रविचंद्रन अश्विन

भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का नाम क्रिकेट जगत के दिग्गज खिलाड़ियों में गिना जाता है। अश्विन पिछले 10 सालों से भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं। वे टीम इंडिया के लिए टेस्ट प्रारूप में जबरदस्त गेंदबाजी करते आ रहे हैं और उनके शानदार आंकड़े इस बात के गवाही हैं। 34 साल के इस गेंदबाज ने 78 टेस्ट में 24 के औसत से 409 चटकाए हैं।

अश्विन ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत चेन्नई सुपर किंग्स से की थी। उस दौरान एमएस धोनी टीम इंडिया के कप्तान थे। धोनी आईपीएल में आर अश्विन के प्रदर्शन से बहुत प्रभावित हुए थे, जिसके चलते उन्हें धोनी की ही कप्तानी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला था। धोनी की कप्तानी में अश्विन उपमहाद्वीपों में बेहतरीन प्रदर्शन करते थे, लेकिन विदेशों में ज्यादा असरदार नहीं साबित होते थे। फिर विराट कोहली की कप्तानी में उन्होंने विदेशी पिचों पर भी अपनी जबरदस्त गेंदबाजी से अच्छा प्रदर्शन किया और करते आ रहे हैं।

5. चेतेश्वर पुजारा

चेतेश्वर पुजारा भारत की टेस्ट टीम के एक अद्भुत खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपनी जबरदस्त बल्लेबाजी से विरोधी गेंदबाजों की नाक में दम किया हुआ है। पुजारा ने अब तक भारत के लिए टेस्ट प्रारूप में 85 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 46.6 के औसत से 6244 रन बनाए हैं। पुजारा ने भी धोनी की कप्तानी में अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत की थी।

33 साल के दाएं हाथ के बल्लेबाज ने शतकीय पारी से अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन वे विदेशों में रन बनाने में नाकामयाब हो रहे थे, जिसकी वजह से उन्हें साल 2018 में इंग्लैंड दौरे पर ड्रॉप भी किया था। हालांकि, उसके बाद पुजारा ने शानदार वापसी की थी और अब वे भारतीय टेस्ट टीम के अहम खिलाड़ी बन गए हैं।

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