बांग्लादेश ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आने के बाद से कई अच्छे खिलाड़ी पेश किए हैं पर इनमें से कोई भी शाकिब अल हसन जैसा चर्चा में नहीं आया। इस समय शाकिब के नाम 55 टेस्ट में 3807 रन और 205 विकेट, 195 वन डे इंटरनेशनल में 5577 रन और 247 विकेट तथा 72 टी 20 अंतर्राष्ट्रीय में 1471 रन और 88 विकेट हैं। ये रिकॉर्ड उन्हें बांग्लादेश के ही नहीं, विश्व क्रिकेट के टॉप ऑलराउंडर में से एक साबित करता है।
शाकिब की खूबी ये रही है कि उन्होंने अपनी इस बेमिसाल ऑलराउंड योग्यता को सिर्फ बांग्लादेश क्रिकेट के दायरे में नहीं बांधे रखा – यही बात उन्हें बाकी के बेहतरीन बांग्लादेश क्रिकेटरों से अलग बनाती है। लिस्ट ए क्रिकेट में 239 मैच में 6665 रन और 307 विकेट तथा टी 20 क्रिकेट में 298 मैच में 4763 रन और 346 विकेट का रिकॉर्ड इसी का सबूत है। बांग्लादेश ने सही मायने में कोई ग्लोबल क्रिकेटर पेश किया तो वे शाकिब हैं। आस्ट्रेलिया में एडिलेड स्ट्राइकर्स, वेस्टइंडीज में बारबेडास ट्राइडेंट्स एवं जमैका तलावाज, पाकिस्तान सुपर लीग में कराची किंग्स और पेशावर ज़ाल्मी, आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स तथा सनराइजर्स हैदराबाद एवं इंग्लैंड में वूरस्टरशायर का कॉन्ट्रैक्ट – ऐसी अंतर्राष्ट्रीय पहुंच तो बड़े-बड़े खिलाड़ियों को नसीब नहीं हुई।
इन सभी पेशेवर कॉन्ट्रैक्ट, बांग्लादेश के विज्ञापन बाजार में सबसे महंगे कॉन्ट्रैक्ट और एंडोर्समेंट और सबसे बड़ी बात ये कि पेशेवर टी 20 के इस बढ़ते दौर में लगभग हर लीग में मौजूदगी ने बांग्लादेश के अन्य क्रिकेटरों की तुलना में उनका कद बहुत बड़ा कर दिया और उनका ये रूतबा टीम पर भारी पड़ने लगा। बांग्लादेश मीडिया में लिखा जाता है कि शाकिब के चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट के साथ संबंध बहुत अच्छे हैं, जिस बदौलत वे मैच चुनने में मनमानी करते हैं – जब मन हो खेल लो, जब मन न हो न खेलो। कई बार शाकिब ने खराब फिटनैस की दलील पर बांग्लादेश के लिए खेलने से इंकार किया पर लगभग उन्हीं दिनों में पेशेवर लीग क्रिकेट खेले। बोर्ड अधिकारी बदल गए पर कोई शाकिब को बांध नहीं पाया। कई बार धमकी दी कि बांग्लादेश से बाहर खेलने का एनओसी नहीं देंगे – हर बार बोर्ड को ही झुकना पड़ा। आज शाकिब विश्व में अकेले क्रिकेटर हैं, जिनके पास बोर्ड का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट है पर अपने देश से बाहर खेलने के लिए उन्हें बोर्ड से एनओसी की भी कोई जरूरत नहीं। सिर्फ बोर्ड उन्हें यह बताएगा कि कब कब उनकी मौजूदगी की जरूरत है और बाहर मत जाओ।
यह भी सिर्फ दिखावा है। वे बांग्लादेश टीम के साथ किसी बड़े टूर्नामेंट की तैयारी या अन्य दूसरे खिलाड़ियों के साथ मिलकर टीम भावना बनाने में विश्वास कहां करते हैं – या उनके पास इसके लिए फुर्सत कहां है? 15 अप्रैल को बांग्लादेश ने विश्व कप की टीम घोषित की – शाकिब उसमें उपकप्तान हैं। बोर्ड ने 23 अप्रैल से मीरपुर में कैंप लगाया – विश्व कप से पहले बांग्लादेश को आयरलैंड में एक ट्राई सीरीज भी खेलनी हैं इसलिए यही दिन बचे थे। शाकिब को भी कहा गया कि एक हफ्ते के कैंप में हिस्सा लें। वे नहीं गए। वे थे कहां? शाकिब तो सनराइजर्स हैदराबाद के साथ आईपीएल में थे। विश्व कप के लिए टीम बिल्डिंग से ज्यादा जरूरी समझा सनराइजर्स टीम में रहना मैच प्रैक्टिस की दलील पर।
ये महज दिखावा था क्योंकि सनराइजर्स वाले उन्हें खिला कहां रहे हैं? आईपीएल 23 मार्च को शुरू हुई और सनराइजर्स ने 23 अप्रैल को उन्हें पहला मैच खिलाया। 30 अप्रैल तक सिर्फ 2 मैच खेले थे। टूर की औपचारिकताएं पूरी करने कैंप के आखिरी दिन मीरपुर गए, शक्ल दिखाई, कुछ कागज पर हस्ताक्षर किए और गायब – यहां तक कि विश्व कप टीम की ऑफिशियल फोटो में भी शामिल नहीं हुए। फुर्सत नहीं थी और इसे जरूरी भी नहीं समझा। टीम के रवाना होने से पहले की ऑफिशियल फोटो में शाकिब गायब हैं – उनका बड़ा कद टीम पर भारी पड़ रहा है।