भारत में मकर संक्रांति के अगले ही दिन भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने अचानक ही कप्तानी छोड़ दी। इसके बाद से यह जद्दोजहद लगतार जारी है कि लाल गेंद वाले प्रारूप का कप्तान किस खिलाड़ी को बनाया जाए।
विराट कोहली ने काफी समय से टेस्ट कप्तानी का मांझा मजबूती से अपने हाथों में थामे रखा था, लेकिन मकर संक्रान्ति के अगले ही दिन उन्होंने इस कप्तान रूपी पंगत के मांझे को अपने खुद के हाथों से तोड़ दिया, जिसके बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये बन चुका है कि अगला टेस्ट कप्तान कौन होगा?
विराट कोहली भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन टेस्ट कप्तान साबित हुए, जो पिछले करीब 7 साल से महेन्द्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद से लंबे फॉर्मेट में टीम इंडिया की बागडौर संभाल रहे थे। कोहली ने इस दौरान टीम को ना केवल सफलता दिलायी बल्कि उन्होंने टीम इंडिया के टेस्ट स्वरूप को ही बदल डाला।
टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली के कप्तानी के आंकड़े ही उनकी काबिलियत को बयां करते हैं, जो 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी करते हुए भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 40 टेस्ट जीतने वाले कप्तान रहे। उनकी अगुवाई में भारत को केवल 17 टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
नए कप्तान के चयन में हैं कई तरह की मुश्किलें
इस तरह के बेजोड़ कप्तानी रिकॉर्ड्स के बाद अचानक ही विराट कोहली ने कप्तानी छोड़कर भारतीय टेस्ट टीम की नैया को बीच समंदर में छोड़ दिया है। विराट के नेतृत्व में, जो टेस्ट टीम प्रदर्शन कर रही थी, उसे किसी भी नए कप्तान के लिए कायम रख पाना बहुत ही मुश्किल होने वाला है। ऐसे में अब नया कप्तान चुनना किसी भी तरह से आसान नहीं होने वाला है। विराट के कप्तानी से इस्तीफे के बाद टेस्ट की कमान संभालने के लिए रोहित शर्मा को तो सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है, लेकिन साथ ही इस रेस में केएल राहुल, ऋषभ पंत, जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी हैं, पूर्व उपकप्तान अजिंक्य रहाणे को भी इस रेस से अलग नहीं किया जा सकता है।
मतलब साफ है भारतीय क्रिकेट टीम के अगले टेस्ट कप्तान चुनने का पेंच ऐसा फंस गया है कि इससे बाहर निकलने में बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट के सामने कई चुनौतियां आने वाली है।
सबसे बड़ी चुनौती यह है कि चाहे किसी को भी कप्तान बनाए, उसके सामने टीम को एक साथ लेकर चलने और देश-विदेश में विराट कोहली की तरह सफलता दिलानी होगा, जो कतई आसान नहीं है।
रोहित ही राह में फिटनेस और उम्र है सबसे बड़ा रोड़ा
जब कप्तानी की रेस में शामिल खिलाड़ियों की बात करें तो रोहित शर्मा को जरूर कप्तान के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन रोहित के सामने सबसे बड़ी समस्या उनकी उम्र है (जो 35 बरस के होने वाले हैं), साथ ही उनकी फिटनेस भी बड़ी समस्या होगी। रोहित को पिछले कुछ समय से फिटनेस को लेकर काफी समस्या रही हैं। ऐसे में किसी अनफिट खिलाड़ी को कप्तान चुनना टीम के लिए भी समस्या खड़ी कर सकता है।
राहुल हैं कप्तानी के दावेदार, लेकिन टीम में हो सकते हैं मतभेद
अब केएल राहुल का कप्तानी के लिए जिक्र करें तो इन्हें कप्तानी देने का दांव बीसीसीआई चल सकता है। राहुल भारत के लिए दक्षिण अफ्रीका में एक टेस्ट में कप्तानी भी कर चुके हैं, लेकिन केएल राहुल को वनडे टीम में रोहित शर्मा का डिप्टी बनाया गया है, ऐसे में टेस्ट में उनको कप्तानी देने से टीम में मतभेद की स्थिति हो सकती है, क्योंकि कोई नहीं चाहेगा कि जो वनडे में उनका उपकप्तान हो वो टेस्ट में कप्तानी का जिम्मा संभाले। इससे साफ है कि केएल राहुल को भी कप्तान नियुक्त करना इतना आसान नहीं दिख रहा है।
बुमराह को टेस्ट में आराम देना बन जाता है जरूरी
वहीं, जब जसप्रीत बुमराह को कप्तान के रूप में देखे तो बुमराह जरूर भारतीय टीम में पिछले कुछ साल में सबसे कंसिस्टेंट खिलाड़ी रहे हैं, जिनका तीनों ही फॉर्मेट में जबरदस्त प्रदर्शन रहा है। इसी की बदौलत उन्हें दक्षिण अफ्रीका में वनडे की उपकप्तानी भी मिली है, लेकिन टेस्ट में बुमराह को फिटनेस की समस्या से जूझना पड़ा है। भारत में आने वाले सालों में 2 महत्वपूर्ण सीमित ओवर के टूर्नामेंट को देखकर बुमराह को टेस्ट में कुछ-कुछ समय आराम देना जरूर चाहेगा। ऐसे में वो कप्तान बनते हैं तो कप्तान को आराम मिलना कठिन है।
पंत को कप्तानी मिलने में सबसे बड़ी बाधा गैरजिम्मेदाराना रवैया
ऋषभ पंत को भविष्य का कप्तान देखा जा रहा है। पंत अभी केवल 24 साल के हैं, ऐसे में वो एक लॉन्ग टर्म चॉइस हो सकते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पंत एक बहुत ही काबिल खिलाड़ी हैं, लेकिन उनके कप्तानी मिलने में सबसे बड़ी बाधा उनका गैरजिम्मेदाराना रवैया है। वैसे पंत ने टेस्ट में अपने आपको साबित तो कर दिया है, लेकिन वो खराब शॉट खेलकर विकेट गंवाने में देर नहीं करते। ऐसे में एक कप्तान का जिम्मेदार होना काफी अहम होता है, जो गुण ऋषभ पंत में नहीं है।
लिहाजा, भारतीय टीम की टेस्ट कप्तानी से विराट कोहली ने अपना फैसला जो सुनाया है, उसके बाद अब भारत के अगले टेस्ट कप्तान बनाने की राह इतनी आसान नहीं है, जिसमें विकल्प तो कई सारे हैं, लेकिन उनकी राह में रोड़े भी कम नहीं हैं।