इन दिनों जब भी आईपीएल पर किसी बाहरी प्रभाव की बात हुई तो चुनाव का जिक्र हुआ। चुनाव की तारीखें आईपीएल के प्रोग्राम पर असर डालती हैं – विश्व कप की तारीखों का असर सीधे आईपीएल के खेल पर है। विश्व कप का सीधा असर खिलाड़ियों के पूरे सीजन के लिए उपलब्ध होने पर है और इससे टीमों की संरचना बदलती रहेगी।

हालांकि आईपीएल शुरू होने से पहले, भारत के अतिरिक्त अन्य दूसरे क्रिकेट बोर्ड ने संकेत दे दिया था कि उनके खिलाड़ी किस-किस तारीख तक विश्व कप के लिए उपलब्ध रहेंगे – अब यह बात सामने आ चुकी है कि ये तारीखें सिर्फ एक संकेत हैं, कोई पक्का वायदा नहीं। लसिथ मलिंगा का मामला यही तो है।

मुंबई इंडियंस उन्हें 2 करोड़ रूपए में खरीदकर वापस लाए। टीम का अंदाजा ये था कि शुरू के मैचों में वे उपलब्ध रहेंगे, लेकिन श्रीलंका क्रिकेट ने अचानक ही मलिंगा पर शर्त लगा दी कि अगर विश्व कप टीम में जगह का दावेदार बनना है तो सुपर प्रॉविंशियल वन डे टूर्नामेंट में खेलो। इसमें खेलने का मतलब है कि आईपीएल में मुंबई इंडियंस के पहले 6 मैच की टीम से गायब। विश्व कप की वजह से उनके विश्व कप क्रिकेटरों ने वैसे भी आईपीएल के आखिरी राउंड में नही खेलना। तो बचा क्या? इसीलिए मुंबई इंडियंस और भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने श्रीलंका क्रिकेट के मलिंगा को वापस बुलाने के मामले में सख्ती दिखाई – तब कहीं रास्ता निकला और तय हुआ कि मलिंगा पूरा टूर्नामेंट खेलने वापस नहीं जाएंगे और शुरू के 6 में से सिर्फ 2 मैच के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।

2017 में इंग्लैंड ने कमाल कर दिया था और अपने आईपीएल क्रिकेटरों को आयरलैंड के विरूद्ध वन डे के लिए वापस न बुलाकर आईपीएल मैच खेलने दिए थे। इस बार वे ऐसी दरियादिली नहीं दिखाने वाले क्योंकि विश्व कप से पहले अपनी टीम की आखिरी संरचना तय करने का कोई मौका नहीं छोड़ेगा। इंग्लैंड को 3 मई को आयरलैंड के विरूद्ध एक ओडीआई खेलने के अतिरिक्त पाकिस्तान के विरूद्ध 1 टी-20 और 5 ओडीआई खेलने हैं। बेन स्टोक्स, जोस बटलर और जोफ्रा आर्चर अगर चले गए तो राजस्थान रॉयल्स को तो झटका लगेगा ही। स्मिथ को ऑस्ट्रेलिया ने बुला लिया तो विदेशी स्टार के नाम पर उनके पास क्या बचेगा?

सनराइजर्स हैदराबाद को डेविड वॉर्नर, मौहम्मद बनी, जॉनी बेयरस्टो और राशिद खान झटका देंगे। रॉयल चैलेंजर्स की गेंदबाजी पर सीधे मार्कस स्टोइनिस, नाथ कुल्टर नाइल और मोइन अली की गैर मौजूदगी असर डालेगी।

अब यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड खुद इस मामले में कोई सख्ती नहीं दिखाने वाला। यहां तक कि यह बात भी गलत निकली कि उन्होंने फ्रेंचाइजी को ‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ पर कोई निदेर्श दिए। विराट कोहली ने भी कहा कि ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है कि विश्व कप वाले खिलाड़ी कितने आईपीएल मैच खेलेंगे। इस तरह सब कुछ फ्रेंचाइजी पर छोड़ दिया है पर खुद विराट कोहली का ही केस लें – अगर रॉयल चैलेंजर्स का प्ले ऑफ में पहुंचना दांव पर लगा हो या वे प्ले ऑफ में पहुंच गए हों तो वे विश्व कप के बारे में सोचेंगे या पहले आईपीएल टाइटल के बारे में?

दूसरी तरफ याद रखिए गैरी कर्स्टन ने भारत के कोच की ड्यूटी में एक बार क्या किया कहा था? 2009 वर्ल्ड टी 20 में भारत के खराब खेल के बाद उन्होंने कहा था – इस टूर्नामेंट से पहले खेली आईपीएल के कारण खिलाड़ियों और कोच के बीच संपर्क भी टूट गया था और वर्ल्ड टी-20 की जो तैयारी की वह जीरो हो गई। आईपीएल के बाद एकदम भागे और हारे। इस बार भी आईपीएल के बाद एकदम भागेंगे।

2011 में विश्व कप 19 फरवरी से 2 अप्रैल तक चला – आईपीएल उसके बाद 8 अप्रैल से शुरू हुआ। 2015 में विश्व कप 14 फरवरी से 29 मार्च तक चला – आईपीएल उसके बाद 8 अप्रैल से शुरू हुआ। इस बार स्थिति अलग है और आईपीएल पहले तथा विश्व कप बाद में। उन दोनों साल में कई फ्रेंचाइजी की शिकायत थी कि विश्व कप की थकान ने आईपीएल में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर डाला। अपनी विश्व कप फॉर्म को कई खिलाड़ी जारी नहीं रख पाए। क्या इस बार यही शिकायत क्रिकेट बोर्ड करेंगे?

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