अगर कीमत से डब्ल्यूपीएल मीडिया अधिकार रिकॉर्ड, तो इसके ब्रॉडकास्ट के तरीके से आईपीएल में भी क्रांति आएगी  

आम सोच यही होनी चाहिए कि 951 करोड़ रुपये की कीमत वायाकॉम18 (मीडिया हाउस जिसके सबसे बड़े पार्टनर रिलायंस इंडस्ट्रीज) खर्च कर रहे हैं, 2023 से 2027 तक डब्ल्यूपीएल के ब्रॉडकास्ट अधिकार के लिए (प्रति मैच 7.09 करोड़ रुपये) तो उनकी पालिसी होनी चाहिए मैच देखने वालों से इसकी कीमत वसूल करना।

क्या आप विश्वास करेंगे कि भारत के 750 मिलियन स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं को अपने फोन या इसी तरह की किसी भी डिवाइस पर डब्ल्यूपीएल और आईपीएल को बिना किसी दिक्कत और अलग से पैसा खर्चे बिना स्ट्रीम करने की सुविधा होगी। अगर आपके पास स्मार्टफोन या इंटरनेट वाली डिवाइस है और आप इनमें क्रिकेट देखना चाहते हैं, तो आपको ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता। यह स्ट्रीम बिलकुल मुफ़्त है और संभवत: उस भाषा में, जिसे आप सुनना चाहते हैं। ये डिजिटल क्रांति नहीं तो और क्या है?

जियो ने अपने इस सनसनीखेज प्रयोग को, डब्ल्यूपीएल और आईपीएल में लाने से पहले, भारतीय स्पोर्ट्स स्ट्रीमिंग में अभूतपूर्व कदम उठा कर 2022 फीफा विश्व कप के दौरान आजमा लिया है। इसी पॉलिसी की बदौलत वे 110 मिलियन दर्शकों तक पहुंचने में कामयाब रहे और आईपीएल की लोकप्रियता को देखते हुए, आईपीएल के दौरान इस गिनती को पार करने की पूरी उम्मीद है।

2022 आईपीएल के दौरान देखिए क्या हुआ था? सब्सक्रिप्शन-आधारित स्ट्रीमिंग मॉडल के साथ, डिजनी+हॉटस्टार पर 160 मिलियन दर्शकों तक आईपीएल की पहुंच रिकॉर्ड की गई। इस गिनती और मुफ्त स्ट्रीमिंग को आधार बनाएं तो आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि जियो की पहुंच से कैसा रिकॉर्ड बन सकता है? अगर डब्ल्यूपीएल के ब्रॉडकास्ट अधिकार के साथ -साथ, आईपीएल डिजिटल अधिकार को भी जोड़ लें तो वायकॉम 18 ने इन पर 24,500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा पैसा खर्च किया है और इस रकम को देखकर कैसे यह कह दें कि ये ठीक पॉलिसी है? ख़ास तौर पर आज की मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति को देखते हुए, वह इस पैसे को कैसे वसूल कर पाएंगे? तब भी, वायकॉम 18 का कहना है कि वे सही हैं और अपनी बड़ी ग्राहक पहुंच की बदौलत विज्ञापनदाताओं से पैसा वसूल कर लेंगे।

तो इस तरह, हर कोई खुश है। डब्ल्यूपीएल, महिलाओं की खेल लीग की दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट बन गई थी- एक भी गेंद के फेंके जाने से पहले और उस वक्त तो टीम नहीं मालूम थीं, खिलाड़ी नहीं मालूम थे। असल में डब्ल्यूपीएल के लिए जो भी कीमत दी, उसके लिए देखा आईपीएल को। 2008 में, जब आईपीएल के मीडिया अधिकार बेचे थे तो सोनी ने प्रति मैच 11 करोड़ रुपये खर्च किए- 10 साल के कॉन्ट्रैक्ट में। तब तो किसी को भी नहीं मालूम था कि आईपीएल में क्या होगा? विश्व स्तर पर कोई बड़ी टी20 लीग मौजूद नहीं थी। कोई नहीं जानता था कि लोग आईपीएल के दीवाने हो जाएंगे।

हुआ ये कि ये जल्दी ही एक हॉट प्रॉपर्टी बन गई और दुनिया भर में टी20 लीग के लिए बेंचमार्क। पिछले साल, वायकॉम18 ने आईपीएल अधिकारों के लिए प्रति मैच 58 करोड़ रुपये देने का कॉन्ट्रैक्ट किया- ध्यान रहे सिर्फ डिजिटल अधिकारों/ स्ट्रीमिंग के लिए। यदि टीवी अधिकार के लिए डिज्नी स्टार ने जो कीमत दी, उसे जोड़ दें, तो प्रति मैच 116 करोड़ रुपये की कीमत निकली। ये आंकड़े आधार बने और इन्हें देख कर ये कह सकते हैं डब्ल्यू आईपीएल बहुत सस्ते में मिल गई। दूसरा आधार बनी भारत में महिला क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता।

अब रिलायंस के डब्ल्यू आईपीएल को जियो सिनेमा ऐप पर मुफ्त में स्ट्रीम करने से (जैसा कि हाल ही में फुटबॉल विश्व कप में किया) तो सब्सक्रिप्शन कमाई तो गई और सिर्फ विज्ञापनदाताओं का सहारा रहेगा। क्या पहली बार होने वाली इस इवेंट में बड़ी कंपनियां, भारी विज्ञापन देंगी जबकि कोई सुराग नहीं कि आई बॉल की गिनती क्या होगी? जानकार कहते
हैं, डब्ल्यूपीएल में, विज्ञापनदाताओं का बिल्कुल अलग सेट दिख सकता है। इस बात की पूरी संभावना है कि टूर्नामेंट में ट्यूनिंग करने वाली ज्यादातर महिलाएं होंगी। यूके में द हंड्रेड लीग को भी इसी तरह कम महिलाऐं देखती हैं पर महिला लीग में गिनती एक दम बढ़ जाती है। मार्च ज्यादा दूर नहीं है- देखिए क्या होता है?

एक अनुमान ये लगाया जा रहा कि 12 भाषाओं में डब्ल्यूपीएल की कमेंट्री उपलब्ध होगी।

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