australian women cricket team
क्या ऑस्ट्रलियाई क्रिकेटर जैसा कोई नहीं?

विमेन प्रीमियर लीग (WPL) भारत का टूर्नामेंट है और टीम बनाने के लिए घरेलू क्रिकेटरों की ज्यादा जरूरत है, इसलिए भारत की क्रिकेटरों को बड़े और गिनती में ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट मिलना कोई हैरानी की बात नहीं। बहरहाल, भारत के बाद, जिस देश की क्रिकेटर सबसे ज्यादा डिमांड में रहीं वह, ऑस्ट्रेलिया है। इसमें कोई हैरानी की बात नहीं और अभी कुछ दिन पहले ही तो ऑस्ट्रेलिया ने 6वां महिला टी20 विश्व कप टाइटल जीत लिया था। इस पर क्रिकेट की दुनिया में आम सोच ये थी कि इसमें कौन सी ख़ास बात है, उनको तो जीतना ही था। टॉप क्रिकेटरों की टॉप टीम है वे।

ये बात नीलामी में सभी टीम मालिकों के जहन में थी और इसीलिए ऑस्टलियाई क्रिकेटरों के लिए खजाने का दरवाजा खोला गया। ऑस्ट्रेलियाई हरफनमौला एशले गार्डनर को नीलामी में 3.2 करोड़ रुपये का दूसरा सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिला, वे नंबर 1 टी20 ऑलराउंडर हैं और गईं गुजरात जायंट्स टीम में। इस टीम की थिंक टैंक टेबल पर उनकी कोच राचेल हेन्स (वे भी ऑस्ट्रेलिया की) मौजूद थीं और गार्डनर उनकी पसंद थीं, तो इसमें हैरानी की कोई बात नहीं।

एलिस पेरी को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने लिया 1.7 करोड़ रुपये में। बाद में बेथ मूनी (गुजरात टीम- 2 करोड़ रुपये) कीमत में उनसे आगे निकल गईं। नंबर 1 रैंकिंग वाली टी20 बल्लेबाज ताहलिया मैकग्रा (1.4 करोड़ रुपये-यूपी वॉरियरज़), ऑस्ट्रेलिया की कप्तान मेग लैनिंग (1.1 करोड़ रुपये- दिल्ली कैपिटल्स), उप कप्तान एलिसा हीली (70 लाख रुपये-यूपी) और ऑलराउंडर एनाबेल सदरलैंड (70 लाख रुपये-गुजरात) के लिए भी प्रभावशाली बोली लगी। मीडियम पेस मेगन शुट्ट और कलाई की स्पिनर अलाना किंग को किसी ने नहीं खरीदा पर दूसरे राउंड में शुट्ट को बैंगलोर (सिडनी सिक्सर्स के चीफ कोच बेन सॉयर ही उनके कोच हैं) ने कोच के वोट पर 40 लाख रुपये में ले लिया। उन्होंने ही 30 लाख रुपये की बोली एरिन बर्न्स के लिए लगाई, वे तो ऑस्ट्रेलिया की टी20 विश्व कप टीम का हिस्सा भी नहीं थीं। खब्बू स्पिनर जेस जोनासेन को दिल्ली ने दूसरे राउंड में 50 लाख रुपये में खरीदा। मशहूर हैरिस बहनों, ग्रेस (75 लाख रुपये) और लौरा (45 लाख रुपये) को क्रमशः यूपी और दिल्ली ने खरीदा।

जब ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेटरों पर ऐसा पैसा खर्च किया गया और इनमें से तीन मेग लैनिंग (दिल्ली कैपिटल्स), बेथ मूनी (गुजरात जायंट्स), और एलिसा हीली (यूपी वॉरियरज़) को तो कप्तान भी बना दिया तो ये अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि हर टीम में थिंक टैंक की नजर में ऑस्ट्रेलियाई नाम टाइटल जीतने की गारंटी जैसा था। क्या ऐसा हुआ है?

अभी डब्ल्यूपीएल सिर्फ 3 दिन पुराना टूर्नामेंट है पर ये भ्रम बड़ी बुरी तरह से टूट रहा है कि टीम में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर की मौजूदगी जीत की गारंटी है। मेगन शुट्ट और एलिस पेरी विश्व कप विजेता हो सकती हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया की इन दो सबसे अनुभवी गेंदबाजों की दुर्दशा हो रही है। 6 मार्च के मैच में, इन की गेंदबाजी को मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में बेकार साबित कर दिया गया। शुट्ट और पेरी दोनों टी20 इंटरनेशनल में टॉप 5 विकेट लेने वालों में हैं मुंबई इंडियंस के रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को 9 विकेट से के दौरान दोनों ने 10 से भी ज्यादा रन प्रति ओवर दिए।

तेज गेंदबाज शुट्ट ने इससे पहले दिल्ली कैपिटल्स के विरुद्ध पहले मैच में आरसीबी की हार में चार ओवर में 45 रन दिए थे और इस बार तीन ओवर में 32 रन दिएऔर मेग लैनिंग की दिल्ली के कप्तान के तौर पर डब्ल्यूपीएल में शुरुआत को प्रभावशाली बनाया। पेरी ने एक ओवर में 8 रन दिए लेकिन जब अटैक में वापस लौटीं तो अपनी पहली दो गेंदों पर ही स्काइवर-ब्रंट को बॉउंड्री हिट लगाकर जीत रिकार्ड करने का मौका दे दिया। पेरी ने बैट के साथ भी एक शानदार छक्का लगाया पर कुल 7 गेंद में 13 रन थे और रन आउट हो गई।

इस बीच, गुजरात जायंट्स की ऑस्ट्रेलियाई कप्तान बेथ मूनी की टीम न सिर्फ पहले मैच में हार गई- मूनी घुटने की चोट से जूझ रही हैं और टूर्नामेंट में आगे खेलने के लिए फिट होंगी या नहीं, कोई नहीं जानता। रन और विकेट की गिनती में लिस्ट में टॉप पर कोई ऑस्ट्रेलियाई नाम नहीं है। हां, ऑस्ट्रेलिया क्रिकेटर वाली प्रतिष्ठा को ग्रेस हैरिस ने आगे बढ़ाया और क्या गजब की जीत दिलाई मुंबई को, मैच का पासा ही पलट दिया अपने बैट से।

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