ishan kishan shubhman gill
शुभमन गिल-ईशान किशन ओपनिंग पेयर टीम इंडिया की जरूरत है इस वर्ल्ड कप साल में?

व्यापार का बड़ा पुराना सिद्धांत है ‘डिमांड और सप्लाई’ के समीकरण का, भारतीय क्रिकेट आज इसी से जूझ रही है। प्लेइंग इलेवन में 11 खिलाड़ी और दावेदार इतने कि हर किसी को फिट नहीं कर सकते। तब भी, वर्ल्ड कप के इस साल में कुछ फैसले लेने होंगे और इन्हीं में से एक है ईशान किशन और शुभमन गिल का ओपनिंग पेयर बनाना। ईशान के 200 के सिर्फ 38 दिन बाद शुभमन ने भी 200 वाला स्कोर बना दिया और अगर ऐसे बल्लेबाज उपलब्ध हों तो क्यों न यही दोनों टीम इंडिया के लिए ओपनिंग करें। 5 वजह जो इस सोच की वकालत करती हैं :

दोनों की नई पहचान : सिर्फ भारत में ही नहीं, दोनों बल्लेबाजी में विश्व क्रिकेट की नई पहचान हैं। दोनों के नाम वनडे इंटरनेशनल में दोहरा शतक और देर-सवेर, आने वाले महीनों में, नहीं तो इस साल के वर्ल्ड कप में इन्हें ओपनर के तौर पर एक-साथ खिलाना ही होगा। भारत को इस बदलाव को हरी झंडी दिखानी होगी- जैसा टी20 में किया है। क्रिकेट इतिहास में कई मिसाल हैं जब सेलेक्टर्स ने भविष्य की तैयारी में मौजूदा सेट-अप को तोड़ा।

युवा और आगे भविष्य इनका है : कितनी हैरानी की बात है कि टीम के 23-24 साल के खिलाड़ी दोहरा शतक लगा रहे हैं और फिर भी टीम में नियमित नहीं हैं। संजय मांजरेकर कहते हैं- ईशान किशन और शुभमन गिल को एक साथ फिट करना मुश्किल है क्योंकि जब केएल राहुल उपलब्ध हैं तो वे विकेटकीपर भी हैं और नंबर 5 पर खेलेंगे। किशन को जबरदस्ती मिडिल में फिट करने की कोशिश उन्हें बेकार करने वाली बात है। किशन ने नंबर 4 पर 5 वनडे मैच में सिर्फ 89 रन बनाए तो क्यों उन्हें मिडिल में फिट करें। यहां बात तो गिल-किशन ओपनिंग पेयर बनाने की हो रही है।

मजबूरी में ही सही, बदलाव से फायदा होगा : जिस देश में भविष्य की टीम तैयार करने के लिए मोहिंदर अमरनाथ जैसे खिलाड़ी को टीम से निकाल दिया, उसी देश में रोहित शर्मा, विराट कोहली और केएल राहुल को खिलाना मजबूरी सा बना दिया है- ये तो खेलेंगे ही और इसका नुक्सान टीम उठा रही है। किशन या गिल- एक को ही टीम में फिट करने की पॉलिसी पर चल रहे हैं। रायपुर में दोनों साथ-साथ खेले और इसलिए मिडिल में किशन को फिट कर दिया। अब ये फिट करने की पॉलिसी को छोड़ना होगा और टीम के लिए किशन को एक ओपनर मान कर फिट करना होगा। क्या अब ये रोहित शर्मा की जिम्मेदारी नहीं कि वे टीम के हित को ध्यान में रखकर, नंबर 1/2 की जगह खाली करें और खुद मिडिल में खेलें। इस मामले में सौरव गांगुली से सबक लें।

लंबी पारी खेलने का इरादा : गिल और किशन की सबसे बड़ी खूबी है लंबी पारी खेलना- दोहरा शतक यूं ही नहीं बन गया। 200 पार करने के बावजूद किसी ने क्रैम्पस की शिकायत नहीं की। दोनों फिट हैं। इसी का फायदा उठाने के लिए उन्हें ओपनर ही बनाना होगा और अच्छी शुरुआत टीम को एकदम फ्रंट फुट पर ले आएगी।

साथ में दोनों सही टीम मैन और टीम की जरूरत के लिए खेलना जानते हैं। दोनों जब 200 के करीब थे तो अपने 200 की कतई चिंता नहीं की। टीम के लिए खेले और जैसी जरूरत थी, वैसा ही किया। गिल के लिए संदेश आया कि आखिरी 3 ओवर में हिटिंग करनी है और गिल ने वैसा ही किया। उनके 6,6,6 उन्हें आउट भी करा सकते थे।

सबसे बड़ी बात एक दूसरे के पूरक : इस समय गिल पहली पसंद हैं रोहित शर्मा के पार्टनर के तौर पर लेकिन फॉर्म, खब्बू बल्लेबाज और विकेटकीपर भी होना किशन के दावे को भारी बनाता है। कई जानकार कह रहे हैं कि किशन सिर्फ गिल की कीमत पर ओपनर हो सकते हैं।

इस सोच को बदलना होगा और टीम को जैसी तेज शुरुआत की जरूरत है- वह गिल और किशन ही देंगे। वैसे भी, शुभमन गिल और रोहित शर्मा दोनों दाएं हाथ की बल्लेबाजी जोड़ी हैं और ये एक ख़ास किस्म की गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ कमजोर पड़ जाती है। न्यूजीलैंड के स्पिनर मिचेल सेंटनर ने इसीलिए दोनों को अच्छी गेंदबाजी की, और बांधे रखा। अन्य दूसरी टीमें भी उसी कमजोरी का फायदा उठा सकती हैं।

इसके उलट गिल-किशन बाएं-दाएं हाथ से बल्लेबाजी का पेयर हैं। भारत का सबसे कामयाब ओपनिंग पेयर सचिन तेंदुलकर-सौरव गांगुली (8227 रन) और इसमें गांगुली खब्बू थे। उसके बाद अगले नंबर पर शिखर धवन-रोहित शर्मा (5193 रन) और इसमें धवन खब्बू थे।

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