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केएल राहुल को विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर फिट करें, तो टीम इंडिया को क्या फायदा होगा?

भारत (India) ने श्रीलंका (Sri Lanka) पर 4 विकेट से दूसरे वनडे में जीत के साथ सीरीज जीती और एक नई चर्चा शुरू हो गई, जिस केएल राहुल (KL Rahul) के लिए सोशल मीडिया में सिर्फ आलोचना ही आलोचना थी, उसने अपने 50वें वनडे में नाबाद अर्धशतक जमाया और ईडन गार्डन्स में जीत में ख़ास भूमिका निभाई।

केएल राहुल ने हार्दिक पांड्या के साथ शानदार पार्टनरशिप निभाई- 75 रन की। मिडिल आर्डर में भारत को ऐसी ही मजबूती की जरूरत है। राहुल को इस स्कोर की सख्त जरूरत थी- बांग्लादेश में अपनी पहली तीन पारियों में 23 रन बनाने में नाकामयाब रहने के बाद, राहुल ढाका में दूसरे टेस्ट की आख़िरी पारी में सिर्फ 2 रन पर आउट हो गए और टूर को निराशाजनक नोट पर खत्म किया। तो क्या उन्हें विकेटकीपर-बल्लेबाज की ड्यूटी देने में ही टीम इंडिया का फायदा है? पंत के चोटिल होने से टीम की जरूरत एकदम बदल गई है। क्या फायदा है टीम इंडिया का और क्यों जरूरी है ये :
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टीम इंडिया को नंबर 5 की जरूरत है : इस समय टीम इंडिया को भरोसे के, नंबर 5 की सख्त जरूरत है और राहुल इसके सबसे जोरदार दावेदार हैं। सिर्फ इस वनडे में नहीं, भारत को मुश्किल दौर से बाहर निकालने का टेम्परामेंट है उनमें। ये बात भी अब सामने आ चुकी है कि कप्तान रोहित शर्मा चाहते हैं कि वह नंबर 5 पर टीम का मुख्य आधार बनें जिससे बीच के ओवरों में टीम की बल्लेबाजी में सुधार होगा।

एक सही टीम क्रिकेटर हैं और टीम की जरूरत में फिट : कहां तो बांग्लादेश में ख़राब फार्म देखकर, केएल राहुल के दिन गिने-चुने माने जा रहे थे पर अब सिर्फ वाइट बॉल ही नहीं, टेस्ट टीम में भी पहली जरूरत लग रहे हैं। ये मानने वालों की कमी नहीं कि फरवरी-मार्च में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टेस्ट सीरीज़ में वे ही विकेटकीपर होंगे। एक और मौका- आखिरकार 45 टेस्ट खेले हैं। अब तक टेस्ट में राहुल ने कभी विकेटकीपिंग नहीं की है पर टीम ऐसे मुकाम पर है कि कोई नंबर 2 तैयार ही नहीं किया है। राहुल का कम से कम टेस्ट अनुभव तो काम आएगा।

ऋषभ पंत की जगह के सबसे जोरदार दावेदार: रोहित संकेत दे चुके हैं कि मौजूदा हालात में, राहुल सबसे जोरदार विकल्प हैं क्योंकि विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी दोनों में अच्छे हैं। संजू सैमसन और भरत पर अभी टीम को भरोसा नहीं हो पाएगा। वनडे में तो जिन मैचों में राहुल विकेटकीपर भी रहे, उनमें बल्लेबाजी की औसत 55+ है जो उनके करियर रिकॉर्ड से बेहतर है। कोहली ने राहुल की बल्लेबाजी के बारे में कहा था- ‘वह पहली गेंद से स्लैम बैंग नहीं पर टीम की जरूरत के हिसाब से खेलना जानते हैं।’

टीम को एक अतिरिक्त बल्लेबाज का फायदा मिल जाता है : राहुल के विकेटकीपर के तौर पर खेलने से टीम को एक बड़ा फायदा यह मिलता है कि वे एक अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ खेल सकते हैं। इस संतुलन से टीम, ऑस्ट्रेलिया को चुनौती देने के बेहतर स्थिति में आ जाएगी।

राहुल विकेटकीपर के रूप में खराब नहीं हैं: बैक-अप के तौर पर कीपिंग करना, और इसे नियमित तौर पर करना दूसरी बात है। राहुल के मजबूत फंडामेंटल से मदद मिलती है। वे भी जूनियर क्रिकेट में विकेटकीपर थे और राज्य टीम में भी इसी भूमिका में आए थे। उन्होंने बल्लेबाजी को अपनी पहली जिम्मेदारी बाद में बना लिया।

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