पाकिस्तान ने अपने 31 अक्टूबर के मैच में बांग्लादेश को 7 विकेट से हरा दिया और ये शायद इस वर्ल्ड कप में उनका पहला मैच है, जिसके खेले जाने के बाद टीम की आलोचना नहीं हुई। इस खबर में बहरहाल कप्तान बाबर आजम के लिए कोई राहत नहीं वे एक बार फिर बैट के साथ नाकामयाब रहे और 16 गेंद में सिर्फ 9 रन बनाए। ये वर्ल्ड कप उनके लिए बैट के साथ एक बड़ी निराशा साबित हुआ है अब तक तो और रिकॉर्ड सबूत है 7 पारी में 216 रन और स्ट्राइक रेट 78 से भी कम। वैसे तो बाबर एशिया कप के दौरान भी फार्म में नहीं थे और 6 मैच में सिर्फ 68 रन बनाए पर उम्मीद थी कि वर्ल्ड कप तक वे फार्म में लौट आएंगे पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।
पाकिस्तान की टीम उनकी खराब फार्म को भी झेल लेती पर गड़बड़ ये हुई कि इस खराब फार्म का असर उनकी कप्तानी पर आ गया और इस समय जानकार उन्हें इस वर्ल्ड कप में, कप्तान रेटिंग में सबसे घटिया कप्तान मान रहे हैं जोस बटलर से भी नीचे। इस सब चर्चा में सीमा पार से आ रही ये खबर तड़का लगा रही है कि पीसीबी ने ये लगभग तय कर लिया है कि वर्ल्ड कप के बाद उन्हें कप्तानी से हटाया जा सकता है।
कागज़ पर अभी भी पाकिस्तान टीम को गणित के सहारे सेमीफाइनल खिलाने का हिसाब लगाना जारी है पर इस वर्ल्ड कप में टीम पाकिस्तान की मुश्किलों के लिए सारा दोष अकेले बाबर को दिया जा रहा है। वर्ल्ड कप से पहले नंबर 1 बल्लेबाज और जिसकी बल्लेबाजी की तुलना विराट कोहली से करना एक फेवरिट टॉपिक था, वे एकदम ‘विलेन’ बन गए। ये ग्राउंड के बाहर दिख रहा है तो ग्राउंड पर भी। देखिए –
- जब बाबर ने 50 बनाए तब भी कोई अच्छे बल्लेबाज नहीं दिखे क्योंकि उनका स्कोरिंग रेट खराब था।
- खिलाड़ियों की फील्डिंग और बॉडी लैंग्वेज (अफगानिस्तान के विरुद्ध मैच सबसे बड़ा सबूत) बहुत खराब और टीम एक ऐसी मशीन की तरह खेल रही है जिसमें बाबर की कप्तानी का कोई इनपुट नहीं।
- खिलाड़ी वर्ल्ड कप में ‘सबसे अनफिट’ और उस पर हर रोज ख़बरें फील्डिंग ड्रिल में मेहनत की नहीं- बिरयानी, बीफ और मटन का लुत्फ उठाने की। अब तो ये भी पता चल गया है कि पिछले एक साल से पाकिस्तानी खिलाड़ियों का कोई फिटनेस टेस्ट नहीं हुआ है। आज की क्रिकेट में यदि 100 प्रतिशत फिट नहीं तो कैसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर सकते हैं?
- बाबर ग्राउंड पर एक डमी कप्तान की तरह से हैं- गेंदबाजी और फील्डिंग में बदलाव महज दिखावा/औपचारिकता ज्यादा लग रहा है किसी स्ट्रेटजी का नतीजा नहीं। जब सर्कल के बाहर सिर्फ दो फील्डर होते हैं तो हारिस रऊफ़ को पावर प्ले में अटैक पर लाकर उन्हें ‘पिटवा’ दिया और दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध किसी पेसर को आख़िरी ओवर के लिए न बचाना ‘ब्रेन फेड’ ही तो था- वे जानते थे इन डेथ ओवर में नवाज का पिछला रिकॉर्ड बड़ा खराब है।
जिन मिस्बाह और वसीम अकरम ने 2019 वर्ल्ड कप के बाद सरफराज अहमद की जगह बाबर को सभी फॉर्मेट में कप्तान बनाने के लिए पीसीबी को मनाने में सबसे खास भूमिका निभाई थी वे भी अब खुलेआम बाबर की आलोचना कर रहे हैं। इसलिए ये खबर कतई हैरान करने वाली नहीं कि अगर पाकिस्तान के सेमीफाइनल खेलने जैसा चमत्कार न हुआ तो बाबर हटेंगे और नए कप्तान के नाम की अटकलें शुरू हो गई हैं।
इस सारे नजारे का एक दूसरा पहलू भी है और जो इस समय पाकिस्तान टीम के साथ हो रहा है, उसे देखते हुए तो ये और भी ख़ास हो जाता है। देखिए-
- गौतम गंभीर बार-बार चिल्ला रहे हैं (2011 वर्ल्ड कप को आधार बनाकर) कि मैच/कप अकेले कप्तान ने न तो जीतता है और न हारता है ये सब टीम के साथ होता है। तो यहां ये सवाल क्यों नहीं उठ रहा कि पाकिस्तान टीम के बाकी खिलाड़ी क्या कर रहे हैं?
- टीम में कप्तान के लिए सपोर्ट की कमी ने ड्रेसिंग रूम का माहौल खराब कर दिया है और पाकिस्तान क्रिकेट तो ऐसी मिसाल से भरी है जब कप्तान बनने के लालच में दावेदारों ने मौजूदा कप्तान को सपोर्ट नहीं किया।
- जब टीम हारती है तो कोई साथ नहीं देता गलतियों की लिस्ट लंबी होती जाती है, दबाव बढ़ जाता है और ऐसे में और ज्यादा गलतियां होती हैं।
ये सब बातें बाबर के केस में सही हैं और उस पर ‘सोने पर सुहागा ‘ये रहा कि खुद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पुराने खिलाड़ियों ने वर्ल्ड कप के बीच में ही टीम का साथ देना तो दूर उसे ‘गिराने’ का मजा लूटना शुरू कर दिया। बाबर ऐसे न तो पहले बल्लेबाज हैं जो किसी बड़े टूर्नामेंट में ‘आउट ऑफ़ फार्म’ हैं और न ही ऐसे पहले कप्तान हैं जिनकी टीम किसी बड़े टूर्नामेंट में उम्मीद के मुताबिक़ नहीं खेली। कहीं और क्यों देखें इस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड को देख लीजिए। वे तो पाकिस्तान से भी खराब हालत में हैं तब भी कोई बटलर/स्टोक्स की आलोचना नहीं कर रहा और चर्चा ये हो रही है कि टीम के प्रदर्शन को वापस सही ट्रैक पर लाने के लिए क्या करना है?
बाबर को टीम /बोर्ड /ज्यादातर पुराने खिलाड़ियों में से किसी ने सपोर्ट नहीं किया। इसके उलट हर रोज एक ‘नई साजिश’ की खबर ने मुश्किल और बढ़ा दी।