एजबेस्टन टेस्ट के ज्यादा हिस्से में, टेस्ट पर हावी रहने के बावजूद भारत ये टेस्ट हार गया। क्यों? ये चर्चा तो सालों तक होती रहेगी पर इतना साफ कि जब टीम के एक-दो नहीं, कहीं ज्यादा खिलाड़ी अपनी ख़ास भूमिका में नाकामयाब रहें तो बाकी के खिलाड़ियों का प्रदर्शन कहां से जीत दिलाएगा? बल्लेबाजी में गिल 17 और 4 रन, विहारी 20 और 11 रन, कोहली 11 और 20 रन, अय्यर 15 और 19 रन तथा शार्दुल 1 और 4 रन। इन में से 4 टॉप बल्लेबाज का मिलकर योगदान, 2 पारियों में 122 रन। बल्लेबाजों की इस नाकामयाबी ने गेंदबाजों को मुश्किल में डाल दिया और हार की एक ख़ास वजह बना।
ऐसा खेलेंगे तो नजला तो गिरेगा ही। संयोग से भारत को अगला टेस्ट अब कई महीने बाद खेलना है और तब तक बहुत कुछ भुला दिया जाएगा, फिर भी कुछ खिलाड़ी का प्रदर्शन सेलेक्टर जरूर याद रखेंगे और उनकी जगह दूसरों को मौका देंगे। रोज कह रहे हैं कि टेलेंट की कोई कमी नहीं तो खिलाड़ियों का बड़ा पूल किस काम आएगा? अगले टेस्ट की टीम से ये चेहरे गायब हो सकते हैं :
शुभमन गिल (17 और 4)
दोनों पारियों में बुरी तरह फ्लॉप, लगभग 6 महीने में अपना पहला टेस्ट खेलते हुए, गिल ने वास्तव में जूझने का सिलसिला जारी रखा। बहुत मौके दे दिए हैं। दोनों बार, जेम्स एंडरसन-क्रॉली जोड़ी ने आउट किया। एंडरसन उन्हें खासा परेशान कर रहे हैं- टेस्ट में चार बार आउट किया है। हालांकि बांग्लादेश की गेंदबाजी ऐसे परेशान नहीं करेगी पर ये कोई वजह नहीं कि उन्हें अगला टेस्ट खिलाएं।
हनुमा विहारी (20 और 11)
जो नंबर 3 हो और ऐसा खेले तो कैसे काम चलेगा? दोनों पारियों में कहीं टॉप बल्लेबाज नजर ही नहीं आए। अब तो पूरे मौके न दिए जाने की शिकायत भी नहीं कर सकते। इस टेस्ट में ‘बड़ा’ स्कोर उनका कद एकदम बढ़ा देता। अपनी पिछली 10 पारियों में सिर्फ एक 50 का स्कोर। मजे की बात ये कि क्रीज पर टिके (दोनों पारियों में कुल 150 मिनट) लेकिन रन नहीं बनाए। रोहित शर्मा के टीम में लौटने से उनकी जगह अपने आप हिल जाएगी।
श्रेयस अय्यर (15 और 19)
मिडिल आर्डर में भविष्य की उम्मीद कह रहे थे उन्हें- दोनों ही मौकों पर, शॉर्ट बॉल पर आउट। कमी साफ़ है- तकनीकी मोर्चे पर मेहनत की जरूरत है। ये ठीक है कि बांग्लादेश टीम के साथ कोई मैकुलम जैसा स्कीम बनाने वाला कोच नहीं होगा पर सरफराज खान के लिए अपने आप जगह बना दी।
शार्दुल ठाकुर (1 और 4; 1-48 और 0-65)
बैट और गेंद दोनों से इस सवाल का जवाब देने में बुरी तरह नाकामयाब रहे कि अश्विन की जगह उन्हें क्यों खिलाया? पहली पारी में एक अतिरिक्त गेंद पर स्टोक्स के विकेट के अलावा कुछ ख़ास नहीं किया जबकि तीसरे सीमर के तौर पर बड़ी उम्मीद थी। बिलकुल फ्लैट और थकी सी गेंदबाजी, 6.85 और 5.90 की उनकी इकॉनमी से पता चलता है कि बल्लेबाजों के लिए उन्हें खेलना कितना आसान रहा। भारत में टेस्ट में तो अश्विन को खेलना ही है, इसलिए शार्दुल जगह देंगे उन्हें।
मोहम्मद सिराज (2 & 2*; 4-66 & 0-98)
हालांकि, पहली पारी में 4 विकेट लिए पर दूसरी पारी में गड़बड़ कर दी और 6 से भी ज्यादा रन दे दिए हर ओवर के हिसाब से। हो सकता है कि पहली पारी के 4 विकेट उन्हें बचा लें पर कई युवा पेसर टेस्ट टीम के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं, उन्हें आजमाने पर प्रेरित हो सकते हैं सेलेक्टर।
कितने बदलेंगे ये तो समय बताएगा, पर इतना तय है कि टीम की शक्ल बदलेगी।