क्रिकेट में लगातार 3 गेंदों पर 3 विकेट लेने को हैटट्रिक कहा जाता है। विश्व कप के 40 साल से भी ज्यादा के इतिहास में अभी तक 9 बार हैटट्रिक की गई हैं, जिन्हें 8 गेंदबाजों ने अंजाम दिया है।

विश्व कप की पहली हैटट्रिक लेने का गौरव भारत के चेतन शर्मा को प्राप्त है, जिन्होंने 1987 के विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ ऐसा किया था। इसके बाद 1992 और 1996 के विश्व कप में कोई भी गेंदबाज हैटट्रिक लेने का कारनामा नहीं कर सका था। फिर 1999 के विश्व कप में पाकिस्तान के सकलेन मुश्ताक ने हैटट्रिक की थी और ऐसा करने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने थे। वह 11 जून का ही दिन था, जब 1999 के विश्व कप में सकलेन ने जिंबाब्वे के खिलाफ हैटट्रिक की थी।

1999 के विश्व कप में जिंबाब्वे ने केन्या को हराने के बाद भारत को भी हराकर सनसनी फैला दी थी और अपने विश्व कप अभियान की बढ़िया शुरुआत की थी। हालांकि श्रीलंका और इंग्लैंड से वे हार गए थे, इसके बावजूद दक्षिण अफ्रीका पर शानदार जीत दर्ज कर सुपर सिक्स में जगह बनाने में कामयाब रहे थे।

उधर पाकिस्तान ने भी उस विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया था और लीग मैचों में वेस्ट इंडीज, स्कॉटलैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को हराकर विश्व कप जीतने का तगड़ा दावा पेश किया था। हालांकि बांग्लादेश ने पाकिस्तान को हराकर सबको चौंका दिया था, जिसके बाद सुपर सिक्स में जब पाकिस्तान की भिड़ंत जिंबाब्वे से होनी थी तो सब यही सोच रहे थे कि कहीं ऐसा न हो कि जिंबाब्वे भी पाकिस्तान को हराकर कोई बड़ा उलटफेर कर दे।

सुपर सिक्स में पाकिस्तान दक्षिण अफ्रीका और भारत से हार गया था। उधर जिंबाब्वे ने बारिश के कारण अधूरे रहे मैच के बाद न्यूजीलैंड के साथ अंक बांटे थे और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जिंबाब्वे को हार मिली थी।

द ओवल में जिंबाब्वे और पाकिस्तान के बीच मैच खेले जाने से पहले सुपर सिक्स की अंक तालिका में दक्षिण अफ्रीका के 6 अंक, जिंबाब्वे के 5 अंक, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के 4-4 अंक, न्यूजीलैंड के 3 अंक, जबकि भारत के 2 अंक थे। भारत सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुका था, जबकि जिंबाब्वे की संभावनाएं अभी बरकरार थीं, बशर्ते कि भारत न्यूजीलैंड को और दक्षिण अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया को हरा देता।

जिंबाब्वे का कार्यक्रम उस विश्व कप में कुछ ज्यादा ही व्यस्त था। 6 दिनों में उनका यह तीसरा मैच था। उधर पिछले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अविजित 132 रनों की पारी खेलने वाला और 2 विकेट भी लेने वाला उनका प्रमुख खिलाड़ी नील जॉनसन भी थका हुआ था, हालांकि इसके बावजूद वह खेला था।

पाकिस्तान के कप्तान वसीम अकरम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। सईद अनवर (144 गेंदों में 103) की शानदार शतकीय पारी की बदौलत पाकिस्तान ने निर्धारित 50 ओवरों में 9 विकेट पर 271 रन बनाए थे।

जवाब में जिंबाब्वे की कोशिश हर्गिज प्रभावशाली नहीं रही थी। 123 रन पर वे 7 विकेट खो चुके थे। यहीं सकलेन मुश्ताक का हमला शुरू हुआ था। जिंबाब्वे की पारी के 41वें ओवर की पहली और दूसरी गेंद पर उन्होंने क्रमशः हेनरी ओलोंगा और एडम हकल को विकेटों के पीछे मोइन खान के हाथों स्टंप आउट करवाया था, जबकि तीसरी गेंद पर पॉमी एमबांग्वा को एलबीडब्ल्यू आउट किया था। इसी के साथ सकलेन विश्व कप की दूसरी हैटट्रिक जमाने में सफल हुए थे। पाकिस्तान ने यह मैच 148 रनों से जीतकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी।

1999 के बाद विश्व कप में हैटट्रिक करने वाले अन्य गेंदबाज हैं: श्रीलंका के चामिंडा वास (2003), ऑस्ट्रेलिया के ब्रैट ली (2003), श्रीलंका के लसिथ मलिंगा (2007 और 2011, 2007 के विश्व कप हैटट्रिक सहित 4 गेंदों में चटकाए थे 4 विकेट), वेस्ट इंडीज के केमर रॉश (2011), इंग्लैंड के स्टीवन फिन (2015) और दक्षिण अफ्रीका के जीन-पॉल डुमिनी (2015)।

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