विश्व कप सामने है और ऐसे में वन डे इंटरनेशनल में भरोसे के दोनों सलामी बल्लेबाजों का बैट एकदम रूठ सा गया था। माउंट मोंग्नी के बाद लगातार 5 वन डे में एक बार भी 40 पर और तीन बार 10 पर भी नहीं पहुंचे थे रोहित शर्मा। उनके जोड़ीदार शिखर का रन का सूखा भी माउंट मोंग्नी से शुरू हुआ और 6 वन डे में वे एक बार भी 30 पर और तीन बार 10 पर भी नहीं पहुंचे थे। जब अपने स्कोर नहीं बने तो पहले विकेट के लिए अच्छी साझेदारी कहां से निभाते?
इन दोनों का एक दम फॉर्म खो देना एक राष्ट्रीय चर्चा बन गया था – खास तौर पर इसलिए क्योंकि विश्व कप की टीम तैयार करते हुए इनके विकल्प तो तलाशे ही नहीं थे और अब तो प्रयोग करने का समय भी नहीं रहा। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध मोहाली वन डे में दोनों एक साथ फॉर्म में लौटे – शिखर धवन ने 115 गेंद में 143 बनाए तथा रोहित शर्मा ने 92 गेंद में 95 और उनकी 193 रन की साझेदारी ने भारत के बड़े स्कोर की नींव रखी। भारत भले ही मोहाली वन डे हार गया पर एक बार फिर तय हो गया कि अगर भारत को मैच में बैक फुट पर नहीं रहना है तो इन दोनों को रन बनाने होंगे – पहले विकेट की असरदार साझेदारी निभानी होगी।
रोहित शर्मा- शिखर धवन जोड़ी काम बखूबी करती आ रही है और अगर भारत हाल के सालों में हमेशा वन डे में मैच विजेता नजर आया तो उसका बहुत कुछ श्रेय इन दोनों को जाता है। खूबी यह कि दोनों न सिर्फ रन बनाते हैं – रन रेट पर भी नजर रहती है और टीम को बड़े स्कोर का आधार मिलता है।
ये जोड़ी जून 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में बनी थी और पहले ही मैच (विरूद्ध दक्षिण अफ्रीका, कार्डिफ) में 21.2 ओवर में 127 रन जोड़कर सनसनीखेज शुरूआत की – तब रोहित ने 65 और शिखर ने 114 रन बनाए थे। किसी ने ध्यान नहीं दिया- ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध मोहाली वन डे इनका पहले विकेट की जोड़ी के तौर पर 100वां मैच था – इसमें 45.72 औसत से 100 वाली 15 साझेदारी के साथ 4526 रन जोड़े हैं। ऐसा नहीं है कि इस जोड़ी के बनने के बाद और किसी जोड़ी ने भारत के लिए वन डे में पारी शुरूआत नहीं की – पर कोई भी टिक नहीं पाया।
आप भी देखिए भारत के लिए रिकॉर्ड:
– पहले विकेट के लिए इससे ज्यादा रन सिर्फ सौरव गांगुली-सचिन तेंदुल्कर जोड़ी के नाम हैं – 6610 रन। मैच की गिनती (136) और 100 वाली साझेदारी की गिनती (21) में भी सिर्फ यही जोड़ी इनसे आगे है।
– अगर कम से कम 1000 रन का योग्यता स्तर तय कर दें तो सिर्फ तेंदुल्कर-गांगुली (49.33), गंभीर-सहवाग (50.54), अजय जडेजा-सचिन तेंदुल्कर (59.77) और शिखर धवन-आजिंक्य रहाणे (64.06) इनसे बेहतर हैं औसत में।
– सलामी जोड़ी की कामयाबी टीम की बल्लेबाजी पर क्या असर डालती है? शिखर धवन-रोहित शर्मा जोड़ी की परिकल्पना सिर्फ ओपनर के तौर पर ही रही है। अब तक इन दोनों ने 102 पारी में साथ साथ बल्लेबाजी की और इनमें से 100 में ओपनर के तौर पर।
विराट कोहली ने हमेशा इस बात को माना कि उनके वन डे क्रिकेट में बेहतर रिकॉर्ड में इस जोड़ी का योगदान रहा है। अगर ओपनर बड़ी शुरूआत दें, दूसरी टीम की गेंदबाजी का दम तोड़ दें तो आगे के बल्लेबाजों का काम आसान हो जाता है और दबाव कम हो जाता है। विश्व कप में भारत की कामयाबी का सवाल बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि ये ओपनर क्या करेंगे? 100 मैच की जोड़ी का अनुभव यह साबित करता है कि ये किसी से कम नहीं।