ऑस्ट्रेलिया वाले इस बार के भारत टूर को भूलेंगे नहीं। टी- 20 की सीरीज जीतने के बाद 5 वन डे की सीरीज भी जीत गए और वह भी तब जबकि पहले दो वन डे के बाद भारत 2-0 से आगे था। जो आखिरी तीन मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीते उनमें उस्मान ख्वाजा के स्कोर 104, 91 और 100 थे। इनके साथ पहले दो वन डे में बनाए 50 और 38 रन भी जोड़ ले तो अपने आप पता लग जाता है कि ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी में उनका योगदान क्या रहा – 76.60 औसत और 88.86 स्ट्राइक रेट से 383 रन। औसत, स्ट्राइक रेट और 50+ स्कोर – इन सभी में वे टॉप पर रहे यानि कि विराट कोहली से भी बेहतर।

ये उस बल्लेबाज का प्रदर्शन है जो लगातार ऑस्ट्रेलिया की वन डे स्कीम में नहीं है, 2011 से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आने के बावजूद सिर्फ 26 वन डे इंटरनेशनल खेले हैं और अगर स्मिथ एवं वॉर्नर उपलब्ध होते तो शायद आखिरी 11 में उनके लिए जगह भी न बनती। विश्व कप से पहले 5 वन डे में ऐसे स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज का विश्व कप टीम में आना एक गारंटी बन जाता पर जो हालात हैं उनमें, इन स्कोर के बावजूद, उस्मान को भरोसा नहीं। यही वजह है कि मैन ऑफ द सीरीज अवॉर्ड जीतने के बाद उन्होंने कहा कि शायद इससे उनका विश्व कप टीम में आने का दावा मजबूत हुआ।

उस्मान ख्वाजा की इस बल्लेबाजी, खास तौर पर 50 ओवर वाले मैचों में, उनके प्रशंसकों को भी हैरान कर दिया है। सच तो ये है कि ऑस्ट्रेलिया के चयनकर्ताओं ने तीनों तरह की क्रिकेट में उस्मान ख्वाजा की टीम में आखिरी 11 में जगह पर सवालिया निशान लगाए रखा। उस्मान ने पहला टेस्ट जनवरी 2011 में खेला। तब से ऑस्ट्रेलिया ने 91 टेस्ट खेले लेकिन उस्मान इनमें से सिर्फ 41 में खेले – हालांकि रिकॉर्ड 42.53 औसत और 8 शतक के साथ 2765 रन है। उस्मान ने पहला वन डे 11 जनवरी 2013 में खेला। तब से ऑस्ट्रेलिया ने 125 वन डे खेले – उस्मान इनमें से सिर्फ 26 खेले जिनमें 42.00 औसत और 83.56 स्ट्राइक रेट से 2 शतक के साथ 966 रन बनाए। उस्मान ने पहला टी 20 खेला 31 जनवरी 2016 को यानि कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आने के लगभग 5 साल बाद। तब से ऑस्ट्रेलिया ने 36 टी 20 खेले – उस्मान इनमें से सिर्फ 9 खेले – 26.77 औसत और 132.41 स्ट्राइक रेट से 241 रन। तीनों तरह की क्रिकेट में अच्छे रिकॉर्ड के बाजवूद उस्मान ऑस्ट्रेलिया के लिए टॉप और नियमित बल्लेबाज नहीं गिने गए – यही वजह है कि भारत में रिकॉर्ड बनाने वाली बल्लेबाजी के बावजूद उन्होंने कहा कि शायद इससे उनका विश्व कप की टीम में आने का दावा मजबूत हुआ। अभी विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया को यूएई में पाकिस्तान के विरूद्ध वन डे की सीरीज खेलनी है और अगर उसमें प्रदर्शन गड़बड़ाया तो उस्मान को अहसास है कि क्या हो सकता है।

कमी कहां है? ऑस्ट्रेलिया की टीम में आना उस्मान के लिए आसान नहीं रहा। ऑस्ट्रेलिया के चयनकर्ताओं की इस बात के लिए तारीफ करनी होगी कि किसी भी अन्य युवा क्रिकेटर की तरह उस्मान को सीनियर क्रिकेट में लाने में देरी नहीं की। उस्मान ने दबाव इसके बाद झेला और उनके प्रदर्शन को हमेशा एक अलग नजर से आंका गया। जस्टिन लैंगर ने कुछ दिन पहले कहा था कि उस्मान को अब चाहिए कि हावी होकर खेलें, उनकी मौजूदगी अलग से नजर आए, गेंदबाज भी कहें कि उस्मान की बल्लेबाजी से डर लगता है।

भारत में बनाए स्कोर, उम्मीद है कि उस्मान को यह अहसास देंगे कि वे ऑस्ट्रेलिया के टॉप बल्लेबाजों में से एक हैं और वे अपनी मैजूदगी का अहसास दिला पाएंगे। यह साबित करने के लिए भारत के बाद विश्व कप सबसे बड़ा मैच है। उस्मान टीम के लिए उतने ही जरूरी हैं जितना अन्य कोई – स्मिथ और वॉर्नर वापस आए तो भी!

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