आईपीएल का ग्रुप राउंड पूरा हो गया और टॉप 4 यानीं कि मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद ने प्ले ऑफ के लिए क्वालिफाई किया। इन 4 के लिए चुनौती का अगला राउंड अब शुरू है। बची 4 टीम केकेआर, किंग्स इलेवन,राजस्थान रॉयल्स और आरसीबी के कैंप में अब सवाल ये है कि सीजन में ऐसा क्या गलत किया कि ग्रुप राउंड से आगे नहीं बढ़ पाए? जब सीजन शुरू हुआ तो हर टीम के पास चैंपियन बनने का बराबर का मौका था – इसीलिए कहीं तो कमी रही।

सबसे पहले भाग्य की भूमिका। जिन 4 ने क्वालिफाई किया उनमें से 3 ने 14 में से 9-9 मैच जीते और 18-18 अंक के साथ टॉप पर रहे। बाकी बची 5 टीम में से आपस में कोई ज्यादा अंतर नहीं हैं – सनराइजर्स, कोलकाता और किंग्स इलेवन के 12-12 अंक तथा राजस्थान रॉयल्स और आरसीबी के 11-11 अंक। अपने बेहतर नैट रन रेट की बदौलत सनराइजर्स आगे निकल गए।

ध्यान दीजिए – उन 4 ने क्वालिफाई किया, जिनमें कप्तानी में कोई कलह नहीं थी। इसी बात को इस तरह भी कह सकते हैं कि हार और डांवा डोल स्थिति से कप्तानी की कलह शुरू हुई और टीम मैनेजमेंट/फ्रेंचाइजी की गलती ये कि उन्होंने इसे रोकने की कोशिश नहीं की या देरी की। कोलकाता और आरसीबी कप्तान को चिपके रहे। विराट कोहली बल्लेबाज के तौर पर टीम के ग्राफ को उपर उठा सकते थे – कप्तानी के चक्कर में वह भी नहीं कर पाए। अश्विन का गुस्सा उनकी टीम पर भारी पड़ा। केकेआर ने कप्तान दिनेश कार्तिक और अन्य खिलाड़ियों के बीच की बढ़ती दूरी को नजरअंदाज किया। केकेआर ने आंद्रे रसेल की बेहतरीन बल्लेबाजी को भी बेकार किया। सिर्फ राजस्थान रायल्स ने हिम्मत दिखाई और रहाणे से कप्तानी छीनी पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अगर ग्रुप राउंड खत्म होने के समय के टॉप बल्लेबाज और टॉप गेंदबाज की लिस्ट देखें तो पता लगेगा कि जो टीम प्ले ऑफ में नहीं पहुंचीं उनका भी प्रतिनिधित्व है पर जीत एक या दो खिलाड़ियों की अच्छी क्रिकेट से नहीं मिलती।

टॉप 5 में दो बल्लेबाज हैं किंग्स इलेवन के (लोकेश राहुल 593 रन और क्रिस गेल 490 रन), टॉप 9 में दो बल्लेबाज हैं आरसीबी के (विराट कोहली 464 रन, एबी डी विलियर्स 442 रन) तथा टॉप 3 में एक बल्लेबाज है केकेआर का (आंद्रे रसेल 510 रन) – इसका मतलब ये हुआ कि टॉप 9 में प्ले ऑफ के लिए क्वालिफाई न करने वाली टीमों का प्रतिनिधित्व ज्यादा है।

टॉप 10 में दो गेंदबाज हैं किंग्स इलेवन के (मौहम्मद शमी 19 विकेट और आर अश्विन 15 विकेट) तथा टॉप 5 में एक गेंदबाज हैं आरसीबी का (युजवेंद्र चहल 18 विकेट)।

इससे तय हो जाता है कि सिर्फ एक या दो खिलाड़ी टीम को चैंपियन नहीं बनाते। ऐसा होता तो कोहली, डी विलियर्स और चहल किससे कम साबित हुए़? जरूरी ये है कि बाकी के खिलाड़ी अपनी भूमिका निभाएं और टीम उपलब्ध प्रतिभा का सही उपयोग करें। केकेआर का थिंक टैंक आंद्रे रसेल की फॉर्म देखकर भी उन्हें ज्यादा गेंद खेलने का मौका देने के लिए तैयार नहीं था, जब तक शुभमन गिल का बल्लेबाजी का नंबर बदला बहुत देर हो गई थी। किंग्स इलेवन ने प्रभ सिमरन के लिए पैसा खर्चा पर उन्हें बैंच पर बिठाकर बेकार कर दिया। राजस्थान रॉयल्स में रन के दबाव में जूझ रहे रहाणे गेंद खराब करते रहे।

अश्विन ने ठीक कहा किंग्स इलेवन में पंच की कमी थी। पहले 6 में से 4 मैच जीते और अगले 8 में से 2 मैच। आरसीबी की ट्रेन पहले 6 मैच हारकर पटरी से उतर गई थी। केकेआार ने भी शुरूआत अच्छी की पर बाद में लगातार हारे और हर हार ने दबाव बढ़ा दिया। राजस्थान रॉयल्स ने जयपुर का भी कोई फायदा नहीं उठाया और एसोसिएशन से झगड़ों ने उनका ध्यान बांटे रखा।

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