इंग्लैंड वाले जबरदस्त रिकॉर्ड के साथ वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरीज खेलने आए थे। दूसरी तरफ मेजबान वेस्टइंडीज को इस सीजन में भारत और बांग्लादेश टूर में 2-0 से हार मिल चुकी थी। इसके बावजूद अचानक ही समीकरण बदला और वेस्टइंडीज ने ब्रिजटाउन में सीरीज के पहले टेस्ट में उन्हें 381 रन जैसी बड़ी हार दी। कई अच्छे प्रदर्शन इस जीत के लिए जिम्मेदार रहे पर सबसे बड़ी भूमिका कप्तान जेसन होल्डर ने निभाई – 202* का एक स्कोर और साथ में 2 विकेट। खास बात ये कि नंबर 8 पर बल्लेबाजी कर रहे थे और डोरिच के साथ मिलकर वेस्टइंडीज की पारी को 120-6 के स्कोर से संभाला था।
ढेरों नए रिकॉर्ड बना दिए होल्डर ने अपने इस दोहरे शतक से और खास बात ये कि इस टेस्ट के बाद की आईसीसी टेस्ट ऑलराउंडर रेंकिंग में उन्हें नंबर 1 पायदान पर पहुंचा दिया। टेस्ट शुरू होने के समय टॉप 3 क्रमशः शाकिब अल हसन (416 अंक), रविंद्र जडेजा (387) और होल्डर (366) थे – टेस्ट खत्म हुआ तो होल्डर 440 अंक पर थे। इस जगह पर, आईसीसी रेंकिंग की औपचारिक शुरूआत के बाद से वेस्टइंडीज से कोई नहीं पहुंचा था इससे पहले।
आईसीसी ने रेंकिंग की औपचारिक शुरूआत से पहले के टेस्ट मैचों की क्रिकेट की बदौलत भी रिकॉर्ड के लिए रेंकिंग की गणना की है और अगर उसे देखें तो पता लगता है कि नंबर 1 ऑलराउंडर पर वेस्टइंडीज से आखिरी नाम गैरी सोबर्स का था मार्च 1974 में! सोबर्स का नाम लें तो ऐसे ऑलराउंडर क्रिकेटर की छवि सामने आती है जिसके लिए क्रिकेट में सब कुछ संभव था – 93 टेस्ट में 57.78 औसत से 8032 रन और 34.03 औसत से 235 विकेट। सोबर्स ने 26 शतक बनाए और 6 बार 5 विकेट का रिकॉर्ड बनाया।
गैरी सोबर्स और जेसन होल्डर की तुलना करना सही नहीं होगा क्योंकि होल्डर अभी 36 टेस्ट ही खेले हैं – 33.86 औसत से 3 शतक के साथ 1761 रन और 28.29 औसत से 68 विकेट जिसमें 5 बार 5 और 1 बार 10 विकेट का रिकॉर्ड। यह भी क्यों भूल जाएं कि जब सोबर्स खेले तो वेस्टइंडीज एक टॉप टीम थी और वेस्टइंडीज टीम का प्रदर्शन जीत वाला बनाने की जिम्मेदारी अकेले सोबर्स नहीं उठा रहे थे – होल्डर को ये मनोवैज्ञानिक फायदा कभी नहीं मिला। वे जूझती हुई टीम के लिए खेले और बाद में कप्तान बनें। ऐसा नहीं है कि होल्डर के खेलने या कप्तान बनने से वेस्टइंडीज क्रिकेट का पासा पलट गया पर बदलाव के आसार नजर आ रहे हैं।
2012 से 2014 के बीच 24 टेस्ट में वेस्टइंडीज ने 9 टेस्ट जीते और 11 हारे पर 9 में से 6 जीत बांग्लादेश और जिंबाब्वे के विरूद्ध थीं। उससे आगे के अब तक खेले 21 टेस्ट में से ब्रिजटाउन में 8वीं जीत मिली। इस रिकॉर्ड में होल्डर का योगदान है एक क्रिकेटर और एक कप्तान के तौर पर। अब तक सिर्फ 9 खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जिन्होंने कप्तान के तौर पर 1000 रन और 50 विकेट का डबल बनाया। इस लिस्ट में रन की गिनती के क्रम में गैरी सोबर्स (3528 रन, 117 विकेट), इमरान खान (2408 रन, 187 विकेट), जॉन रीड (2129 रन, 54 विकेट), डेनियल विटोरी (1917 रन 116 विकेट), जेसन होल्डर (1381 रन, 72 विकेट), कपिल देव (1364 रन, 111 विकेट), रे इलिंगवर्थ (1288 रन, 51 विकेट), डेरन सैमी (1032 रन, 57 विकेट) एवं हीथ स्ट्रीक (1013 रन, 56 विकेट) जैसे नाम हैं।
एक ऐसे दौर में जबकि बल्लेबाज लंबी पारी खेलना भूलते जा रहे हैं और दोहरे शतक या बड़े स्कोर की हिस्सेदारी लगातार कम हो रही है – होल्डर ने दोहरा शतक बनाया। 2018-19 सीजन में सिर्फ तीसरा दोहरा शतक बना – मुशफिकर रहीम ने 219* और टॉम लेथम ने 264* बनाए थे होल्डर से पहले। कहां है टेस्ट क्रिकेट के बड़े नाम वाले बल्लेबाजों के दोहरे शतक?