जब ‘हिट फॉर सिक्स’ और ‘बिग हिटर्स’ जैसी किताबें क्रिकेट साहित्य में जुड़ी तो विश्वास कीजिए उनमें एक-एक छक्के का भी जिक्र था। टेस्ट मैच में एक छक्का लगता था तो कई दिन तक उसके बारे में बात होती रहती थी, जब एडिलेड ओवल में डॉन ब्रेडमैन ने अपने टेस्ट करियर का पहला छक्का लगाया तो वह कितनी बड़ी घटना थी इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि खुशी में एक बार टेंडर ने दर्शकों को मुफ्त ड्रिंक्स और चिप्स बांटना शुरू कर दिया था। सलीम दुर्रानी के बैट से छक्का देखने लोग स्टेडियम जाते थे और दर्शकों के जिस स्टैंड से छक्के के लिए ज्यादा शोर सुनाई देता था वह उस तरफ छक्का लगाते थे। इसीलिए कहा गया कि अगर सलीम दुर्रानी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी लिखी तो उसका टाइटल ‘ऑस्क फॉर सिक्स’ के अतिरिक्त और कुछ नहीं होगा।

तब छक्का रोमांस था। आज छक्का पावर हिटिंग है। टेस्ट क्रिकेट में एडम गिलक्रिस्ट, विव रिचर्डस और वीरेंद्र सहवाग जैसे बल्लेबाजों ने स्ट्राइक रेट को महत्व दिलाया तो यही तीनों एवं कोलिस किंग तथा शाहिद अफरीदी जैसे बल्लेबाज छक्कों को वन डे क्रिकेट में स्कोरिंग बढ़ाने के तरीके तक ले गए। क्रिस गेल और रोहित शर्मा ने इसे पावर हिटिंग में बदला और टी 20 क्रिकेट में जहां स्कोरिंग रेट ही ‘सबसे बड़ा भगवान’ है – चौका-छक्का सबसे जरूरी हो गया, भले ही कवर ड्राइव लगाना न आता हो।

क्या आप ध्यान से देख रहे हैं आईपीएल में इन दिनों लग रहे छक्के? 28 मार्च तक के इस सीजन के 7 मैच में 97 छक्के लग चुके हैं – औसतन 13.87 छक्के प्रति मैच। हैरान होने की जरूरत नहीं क्योंकि अभी तो ये गिनती 2018 की आईपीएल के रिकॉर्ड से कम है यानि कि अभी और पावर हिटिंग की जरूरत है आंद्रे रसेल और युवराज के बैट से। 2018 की आईपीएल में 872 छक्के लगे थे – प्रति मैच औसतन 14.5 छक्के। ये आईपीएल रिकॉर्ड है। 2019 के 7 मैच में औसतन 13.87 छक्के प्रति मैच की गिनती भले ही एक रिकॉर्ड नहीं पर आईपीएल के इतिहास में सिर्फ दूसरा साल, जब प्रति मैच औसतन छक्के की गिनती 13 को पार कर गई। 2009 में प्रति मैच औसतन 8.30 छक्के और 2011 में प्रति मैच औसतन 8.62 छक्के की गिनती से कहां पहुंच गए हैं?

ये मत समझिएगा कि छक्के सिर्फ बल्लेबाज का रिकॉर्ड बेहतर करते हैं या टीम का स्कोरिंग रेट एक दम सुधार देते हैं – टीम को फायदा भी पहुंचाते है। आईपीएल के पिछले 11 सीजन में से 6 सीजन में टाइटल उस टीम ने जीता, जिसने सीजन में सबसे ज्यादा छक्के लगाए। पिछले 11 सीजन में से 7 सीजन में वह टीम आईपीएल अंक तालिका में सबसे नीचे रही जिसने सीजन में सबसे कम छक्के लगाए। इसीलिए यह पावर हिटिंग का युग है और जिस टीम को पावर हिटिंग के लिए सही बल्लेबाज मिल गए उसकी वाह वाह!

इस सीजन के अब तक के 7 मैच एक बड़ा अजीब नजारा दिखा रहे हैं। अपने दोनों मैच जीतकर 4-4 अंक के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स और चेन्नई सुपर किंग्स टॉप पर हैं। मजे की बात ये है कि इन दो मैच में कोलकाता के बल्लेबाजों ने 28 छक्के लगाए तो चेन्नई के बल्लेबाजों ने सिर्फ 6 छक्के और छक्कों की लिस्ट में चेन्नई 6वें नंबर पर है। इसीलिए रन रेट (प्रति 100 गेंद) देखें तो चेन्नई 98.66 की गिनती के साथ सबसे नीचे हैं – अपने दोनों मैच हारने वाली बैंगलूरू की टीम से भी नीचे। चेन्नई को ये समीकरण बदलना होगा।

अभी तक के 7 मैच में कोलकाता के नितीश राणा (10) और आंद्रे रसेल (9) छक्कों की लिस्ट में टॉप पर हैं और उनके बाद ऋषभ पंत (8) तथा क्रिस गेल, एबी डी विलियर्स और युवराज सिंह (6-6)। बाउंड्री शॉट से सबसे ज्यादा 100 रन नितीश ने बनाए हैं।

आगे छक्कों की पावर हिटिंग कैसे बदलेगी?

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