आईपीएल 2019 शुरू होने से पहले ही चर्चा में आ गए हैं हर टीम के कप्तान क्योंकि विजेता के तौर पर आईपीएल ट्रॉफी और इनाम का चैक हाथ में लेना किसी भी कप्तान का सपना हो सकता है? कप्तानों में से इस बार कौन बाजी मारेगा – क्या धोनी जैसा दिग्गज कप्तान या श्रेयस अय्यर जैसा नया कप्तान? कप्तान का हुनर कितना जिम्मेदार है टीम के लिए? अगर अकेले धोनी की कप्तानी से आईपीएल टाइटल में जीत मिलती तो जिन दो साल वे राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स के कप्तान थे वे भी आईपीएल टाइटल जरूर जीत लेते। गौतम गंभीर को जो कामयाबी कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ मिली – दिल्ली की टीम के लिए उसका एक हिस्सा भी नहीं।
माइक ब्रेयरली को कप्तान की तकनीकी का गुरू गिनते हैं और उनका कहना है कि जितनी टीम अच्छी होती है – उतना ही कप्तान अच्छा होता है। अपनी नई किताब में ब्रेयरली ने लिखा है कि अगर वे या स्टीव वॉ अपने बेहतरीन दौर में बांग्लादेश/जिंबाब्वे के कप्तान बन जाते तो इसका मतलब ये नहीं कि बांग्लादेश/जिंबाब्वे को विश्व चैंपियन बना देते। विराट कोहली भारत के कप्तान के तौर पर चाहे जो रिकॉर्ड बनाते रहें – रॉयल चैलेंजर्स ने उनकी कप्तानी में एक भी टाइटल नहीं जीता।
आईपीएल में सबसे अनुभवी कप्तान हैं धोनी और चेन्नई के लिए तीन टाइटल जीते – 175 मैच खेले और इनमें से 159 में कप्तान। 94 मैच में जीत यानि कि 59.12 प्रतिशत मैच जीते। अब तक आईपीएल में 3691 दिन कप्तान – ये गिनती भी रिकॉर्ड है। धोनी चूंकि विश्व कप की स्कीम में हैं इसलिए टीम मैनेजमेंट उन्हें आराम दे सकती है और संभव है कि आखिरी कुछ मैच वे न खेलें और तब सुरेश रैना कप्तानी करेंगे। धोनी 100 मैच जीतने का रिकॉर्ड बना सकते हैं।
यही बात विराट कोहली पर भी लागू होगी और उनके कुछ मैच के आराम का मतलब होगा कप्तानी एबी डीविलियर्स के पास। विराट कोहली 100 मैच में कप्तानी का रिकॉर्ड बनाएंगे इस बार – अब तक 96 मैच में से 45 यानि कि 46.88 प्रतिशत मैच ही जीते। बैंगलूरू मैनेजेमेंट में तो यहां तक चर्चा थी कि इस बार कोहली को कप्तानी से ही हटा दें पर ग्लेमर और टिकट खिड़की का ध्यान रखकर ऐसा नहीं किया।
रोहित शर्मा के साथ मुंबई इंडियंस ने दो टाइटल जीत लिए है। कोहली की गैर मौजूदगी में भारत की कप्तानी भी वे ही करते हैं। रोहित की एक खूबी ये है कि वे मिसाल बनकर कप्तानी करते हैं। रोहित की जगह, अगर आराम देने की नौबत आई तो मुंबई इंडियंस वाले किसे मौका दे सकते हैं, अभी तय नहीं – अब तक 89 मैच में 52 जीत – 58.43 प्रतिशत यानि कि सबसे कामयाब कप्तान में से एक।
दिनेश कार्तिक को 7.40 करोड़ रूपये में खरीदकर कोलकाता नाइट राइडर्स ने सीधे कप्तान बना दिया। ये उनकी पांचवी टीम है। उनका विश्व कप में खेलना तय नहीं और कोलकाता को उम्मीद रहेगी कि गंभीर जैसा जादू दिखाएंगे। अब तक 22 मैच में से 11 में जीत।
राजस्थान रॉयल्स ने भी रहाणे को कप्तानी से हटाने के बारे में सोचा और ये हो भी जायेगा अगर शुरू के मैचों में टीम का खेल टॉप न रहा। टीम के पास बहुत अच्छा विकल्प है – स्टीव स्मिथ वापस आ गए हैं और वापसी में स्मिथ को कुछ साबित करना होगा। प्रदर्शन रहाणे की भी मदद करेगा विश्व कप टीम में जगह की दावेदारी में। अब तक 16 मैच में सिर्फ 7 जीत – 43.75 प्रतिशत।
जैसे स्मिथ की बदौलत रहाणे को कप्तानी मिली, वैसे ही वॉर्नर की बदौलत विलियमसन को कप्तानी मिली। इस समय वे फिट नहीं पर जल्दी फिट हो जाएंगे। अगर विश्व कप की वजह से उन्होंने भी कुछ मैच न खेले तो सनराइजर्स हैदराबाद का कप्तान बदलेगा। अब तक 17 मैच में 10 जीत – 58.82 प्रतिशत। इस समय आईपीएल के एकमात्र विदेशी कप्तान।
दिल्ली और पंजाब टीम की गलती ये रही कि दूसरा कप्तान सोचा ही नहीं – इसीलिए दिल्ली तो गंभीर के फेल होने पर सीधे श्रेयस अय्यर पर पहुंच गए जबकि पंजाब को अश्विन की जगह कोई और दिख नहीं रहा। इन दोनों को इस कमजोरी का नुकसान होगा। क्या दिल्ली वाले शिखर धवन के बारे में सोचेंगे? अश्विन ने 14 में से 6 मैच जीते।
तो ट्रॉफी किस कप्तान के हाथ में होगी?