आईपीएल के हर सीजन का रोमांच यही रहा है कि सीजन शुरू होने के समय कुछ नहीं मालूम था कि कौन ‘हिट’ और कौन ‘मिस’? खेलता तो हर कोई हिट होने के लिए है, पर कामयाबी हर किसी को नसीब नहीं होती। सबसे बड़ी बात ये कि बनाए रन या लिए विकेट तब सबसे असरदार नजर आते हैं, जब वे टीम का रिकॉर्ड सुधारने में मददगार साबित हों। सिर्फ अपने रिकॉर्ड को सुधारने के लिए खेलने वालों की कम से कम आईपीएल में तो कोई जरूरत नहीं।

हिट की लिस्ट में पहला नाम डेविड वॉर्नर का लिया जा रहा है – हो भी क्यों न? एलिमिनेटर 1 तक भी और कोई 600 रन पर भी नहीं पहुंचा, जबकि वॉर्नर ने तो 12 मैच में ही 692 रन बना दिए 69.20 औसत और 143.86 स्ट्राइक रेट से। एलिमिनेटर 1 तक सनराइजर्स के बल्लेबाजों ने 15 पारी में 2345 रन (इसमें अतिरिक्त रन नहीं गिने) मिलकर बनाए और इसमें से 29.51 प्रतिशत रन वॉर्नर के बैट से आए, जबकि वे तो 12 पारी ही खेले। इससे अंदाजा हो जाता है कि वॉर्नर ने टीम के लिए क्या किया? आईपीएल मोस्ट वेल्यूएबल प्वाइंट रैंकिंग में वे 221 अंक पर रहे।

टॉप पर आंद्रे रसेल हैं क्योंकि उन्होंने रन बनाने के साथ साथ विकेट भी लिए। रसेल ने 13 पारी में 510 रन बनाए तो साथ ही साथ 11 विकेट भी लिए – इतना ही नहीं रसेल ने 61 ऐसी गेंद फैंकी जिन पर कोई रन नहीं बना। साथ में 31 चौके और 52 छक्के तो हैं ही। इसीलिए रसेल इस सीजन के सबसे बड़े हिट हैं। वे 369 अंक के साथ मोस्ट वेल्युएबल की लिस्ट में टॉप पर चल रहे हैं। केकेआर का जो भी सम्मान बचा उसमें रसेल का खास योगदान था।

हार्दिक पांड्या ने भी मुंबई इंडियंस को फाइनल तक ले जाने में गजब का ऑलराउंड योगदान दिया। 15 मैच की 14 पारी में हार्दिक ने 386 रन बनाए – 14 विकेट ,90 गेंद पर कोई रन नहीं दिया, 27 चौके, 29 छक्के और 11 कैच। तो कौन सा रोल ऐसा रह गया, जिसमें वे हिट नहीं रहे। इसी रिकॉर्ड ने विशेषज्ञों को यह कहने पर मजबूर कर दिया कि वे इस विश्व कप में सबसे सनसनीखेज ऑलराउंडर साबित हो सकते हैं। रसेल के अतिरिक्त अकेले क्रिकेटर, जिनके नाम एमवीपी लिस्ट में 300 से ज्यादा अंक हैं।

इसी तरह रन और विकेट की गिनती देखकर बड़ी आसानी से कहा जा सकता है कि कौन-कौन आईपीएल में नाकामयाब रहा पर इस नाकामयाबी के चार्ट में अगर खिलाड़ी की ‘बड़ी प्रतिष्ठा’ भी जोड़ दें तो पता लगता है कि उस खिलाड़ी ने क्या किया?

मुंबई इंडियंस ने फाइनल से पहले तक 15 मैच खेल लिए थे और उन्होंने इनमें से सिर्फ 4 में युवराज सिंह को खिलाया (98 रन 24.50 औसत से) तथा उन्हें एक भी ओवर फैंकने के लिए नहीं कहा। यह है खिलाड़ी के योगदान का उदाहरण! तब भी युवराज को इस सीजन के नाकामयाब क्रिकेटरों की लिस्ट में लिखना सही नहीं होगा क्योंकि उनसे कामयाबी की उम्मीद की किसने थी?

नाकामयाब तो वे जो आईपीएल को हिलाने के लिए बड़ी प्रतिष्ठा के साथ आए। उदाहरण के लिए बेन स्टोक्स की खराब फार्म ने राजस्थान रायल्स की प्ले आफ की कोशिश ही पटरी से उतार दी – 9 मैच में सिर्फ 123 रन और 6 विकेट, जिसे सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर कहा जा रहा था वह टांय टांय फिस्स हो गया!

रॉयल चैलेंजर्स की नाकामयाबी में विराट कोहली और डी विलियर्स फेल नहीं हुए – फेल हुए टिम साउथी, जिनका योगदान तरस खाने वाला था – 3 मैच में 118 रन देकर 1 विकेट और 9 रन बनाए! इसी तरह किंग्स इलेवन की कोशिश को एंड्रयू टाई और मुजीब उर रहमान ने बिगाड़ा। पिछले सीजन में 24 विकेट लेने वाले टाई ने इस बार 4 मैच में 77.50 औसत से 2 विकेट लिए, जबकि मुजीब ने 5 मैच में 63.66 की औसत से 3 विकेट लिए। ये दोनों तो सभी मैच खेलने वाले क्रिकेटर थे पर टीम से निकाले जाते रहे!

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