भारत और इंग्लैंड के बीच चार टेस्ट मुकाबलों की सीरीज का पहला मैच 5 फरवरी से चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मैच के लिए दोनों टीम ने अभ्यास करना शुरू कर दिया है। कोरोना महामारी के बाद भारत में यह पहली घरेलू सीरीज खेली जाएगी। हालांकि, भारत के सभी क्रिकेट मैदान बड़े और बहुत खूबसूरत हैं, लेकिन हर किसी की अपनी एक खास पहचान है, जिसके लिए वह मशहूर हैं। आज हम आपको एमए चिदंबरम क्रिकेट ग्राउंड के बारे में कुछ दिलचस्प फैक्ट्स आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।

1. इतिहास

एमए चिंदबरम स्टेडियम चेन्नई में स्थित है। इस स्टेडियम का नाम बीसीसीआई और तमिलनाडु क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष के नाम पर रखा गया था। इससे पहले यह मद्रास क्रिकेट क्लब ग्राउंड या चेपक स्टेडियम के नाम से जाना जाता था।

चिंदबरम स्टेडियम में पहला मुकाबला 10 फरवरी 1934 को खेला गया था। 1952 में यहां भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया था, जिसमें भारतीय टीम ने जीत दर्ज की थी। यह स्टेडियम तमिलनाडु रणजी टीम और इंडियन प्रीमियर लीग की चेन्नई सुपर किंग्स का घरेलू मैदान भी है।

हालांकि, इस स्टेडियम में एक टेस्ट मुकाबला टाई भी हुआ था। साल 1986 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था। इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के दिवंगत क्रिकेटर डीन जोन्स ने 210 रनों की शानदार पारी खेली थी, जबकि ग्रेग मैथ्यू ने 10 विकेट चटकाए थे। इतना ही नहीं टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव ने भी शतकीय पारी खेली थी। इसके अलावा 21 मई 1997 को पाकिस्तान टीम के पूर्व क्रिकेटर सईद अनवर ने भारत के खिलाफ इंडिपेंडेंस कप में 194 रन बनाए थे।

2. मैदान के रिकॉर्ड

एमए चिंदबरम स्टेडियम में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने वेस्टइंडीज के विरुद्ध 236* रनों की नाबाद पारी खेली थी। इस स्टेडियम का यह सबसे बड़ा व्यक्तिगत टेस्ट स्कोर है। गौरतलब है कि इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ इस मैदान पर 652 रनों का विशाल स्कोर भी बनाया था। इसी स्टेडियम पर नरेंद्र हिरवानी के नाम पर टेस्ट मैच में 136 रन देकर 16 विकेट चटकाने का भी रिकॉर्ड है।

भारत ने 2016 में इंग्लैंड के विरुद्ध 759-7 का स्कोर बनाया था, जो कि इस मैदान का उच्चतम स्कोर है। इस मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम द्वारा सबसे कम 83 रन बनाने का रिकॉर्ड भी है। टेस्ट प्रारूप में इस स्टेडियम में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर (1018) के नाम पर है, जबकि सचिन तेंदुलकर ने 876 रन और गुंडप्पा विश्वनाथ ने 785 रन बनाए थे। इस स्टेडियम में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने का रिकॉर्ड भारतीय पूर्व स्पिनर अनिल कुंबले (48 विकेट) के नाम पर है, जबकि कपिल देव और हरभजन सिंह ने क्रमश: 40 विकेट और 39 विकेट चटकाए थे।

3. एमए चिदंबरम स्टेडियम की क्षमता

इस स्टेडियम की क्षमता 50 हजार है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक सुरक्षा कारणों के चलते इसकी क्षमता 38 हजार कर दी थी।

4. क्राउड

1997 में भारत के खिलाफ 194 का सर्वोच्च एकदिवसीय स्कोर बनाने के बाद भारतीय क्रिकेट फैंस ने पाकिस्तानी क्रिकेटर सईद अनवर को स्टैंडिंग ओवेशन दी थी। 1999 में एक बार फिर से पाकिस्तान टीम ने टेस्ट मुकाबला जीता था, तब भी दर्शकों ने उनकी प्रंशसा की थी।

5. ये हैं ऐतिहासिक क्रिकेट मुकाबले, जो एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेले गए

भारत बनाम इंग्लैंड (1951-52) : भारत ने अपना पहला टेस्ट मुकाबला इस मैदान पर जीता था, जब उसने इंग्लैंड को एक पारी और 8 रनों से हराया था। यह भारतीय टीम की शानदार जीत थी।

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (1986-87) : यह मुकाबला टाई में समाप्त हुआ था, जो कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ था।

मद्रास बनाम मैसूर (1934) : इस मैदान पर पहला रणजी ट्रॉफी मुकाबला इन दोनों के बीच खेला गया था। ए जी राम सिंह ने इस मैच के पहले दिन मद्रास की तरफ से खेलते हुए 11 विकेट चटकाए थे।

6. विवाद

एम ए चिदंबरम स्टेडियम विवादों के लिए भी खबरों में रहा था, जब इसके तीन स्टैंड्स को सुप्रीम कोर्ट ने अनधिकृत घोषित कर दिया था।

7. इस मैदान की पिच कैसी है?

इस मैदान की पिच को जब अनावृत और असेवित किया जाता था, तो यह तेज गेंदबाजों के लिए मददगार साबित होती थी। हालांकि, भारतीय टीम की तरफ से, जब बिशन सिंह बेदी, बी एस चंद्रशेखर, एस वेंकटराघवन और ई.ए.एस.प्रसन्ना जैसे स्पिनर ने खेलना शुरू किया था, तब से विकेट स्पिन के भी अनुकूल हो गई थी। आकंड़ो पर नजर डालने से साफ स्पष्ट होता है कि चेपक विकेट पर किस प्रकार की गेंदबाजी होती है।

इस मैदान पर 10 विकेट लेने वालों में से नौ स्पिनर हैं, जबकि एकमात्र तेज गेंदबाज के तौर पर कपिल देव का नाम शुमार है। अनिल कुंबले 48 विकेट के साथ सूची में सबसे टॉप पर हैं, जबकि हरभजन सिंह दूसरे स्पिनर हैं, जिन्होंने 42 विकेट चटकाए हैं।

Leave a comment