विश्व क्रिकेट में कई ऐसे तेज़ गेंदबाज़ हुए हैं, जिन्होंने अपनी रफ़्तार, लाइन और लैंथ के सहारे कई दिग्गज बल्लेबाजों को परेशान किया है. उनमें वसीम अकरम, एलेन डोनाल्ड, कोर्टनी वॉल्श, शोएब अख्तर, ब्रेट ली, डेल स्टेन, आदि मुख्य हैं. तेज़ गेंदबाज़ आमतौर पर मैच विजेता माने जाते हैं. इतना ही नहीं तेज़ गेंदबाज़ ही मैच में नई गेंद के साथ आक्रमण शुरू करते हैं. गेंद की गति सिर्फ गेंदबाज़ को अपनी शक्ति से नहीं आती, बल्कि वे अपनी योग्यता से, पिच तथा मौसम की मदद से भी तेज़ी हासिल कर सकता है. इसके साथ-साथ एक तेज़ गेंदबाज़ स्विंग गेंद को भी बल्लेबाज़ के खिलाफ बतौर हथियार इस्तेमाल करता है. उसमें इन-स्विंग, आउट-स्मिंग, रिवर्स स्विंग इत्यादि जैसी गेंदबाजी शामिल है. आज हम इनस्विंग गेंदबाजी के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और साथ ही इस गेंद को फेंकने का तरीका भी जानेंगे.
तेज़ गेंदबाजों का मुख्य कार्य
तेज़ गेंदबाज़ अपनी गेंद की गति के साथ-साथ उसकी लाइन, लैंथ और गति मिश्रण पर भी ध्यान देते हैं. वो गेंद फेंकते समय अपने रनअप का भी खासा ध्यान रखते हैं. इतना ही नहीं तेज़ गती के गेंदबाज़ स्विंग गेंद का भी सटीक इस्तेमाल कर बल्लेबाजों को अपने जाल में फंसाते हैं. वो मैच की परिस्थिति के अनुसार अलग-अलग प्रकार की स्विंग गेंदबाजी का इस्तेमाल करते हैं.
इन-स्विंग गेंदबाजी क्या है?
इन-स्विंग गेंदबाजी वो गेंद है, जो गिरने के बाद बल्लेबाज़ की तरफ आती है. जब तक गेंद नई होती है तो उसे इन-स्विंग कराना किसी भी गेंदबाज़ के लिए काफी आसान होता है, लेकिन गेंद पुरानी होने के बाद इन-स्विंग नहीं हो पाती. गेंद की चमक कम होने के बाद उसकी ऊपरी सतह खुरदरी हो जाती है. इस कारण उसे स्विंग कराने में दिक्कत होती है.
इन-स्विंग गेंदबाजी का तरीका
इस प्रकार की गेंदबाजी करने के लिए गेंद की सिलाई की दिशा फाइन लेग की ओर होनी चाहिए. इस दौरान अंगूठा गेंद की सिलाई के नीचे, जबकि तीसरी तथा चौथी उंगलियाँ उसे मदद देती हैं. साथ ही गेंद फेंकते समय हाथ बिलकुल सीधा और अधिकतम उंचाई पर होना चाहिए और इस समय गेंद की सिलाई की दिशा भी फाइन लेग की तरफ होनी चाहिए. इसके साथ ही गेंद को हाथ घुमाकर फेंका जाता है.
इन-स्विंग गेंदबाजी के समय कैसी फील्ड सजावट होनी चाहिए?
इस प्रकार की गेंदबाजी के दौरान कप्तान और गेंदबाज़ आपस में मशवरा कर फील्डिंग की सजावट करते हैं, जिसमें मिड ऑफ़, कवर, कवर पॉइंट, पॉइंट, डीप फाइन लेग, स्क्वायर लेग, मिडविकेट, पहली स्लिप, दूसरी स्लिप लगाई जाती है. साथ ही विकेटकीपर और गेंदबाज़ अपनी-अपनी जगह पर तैनात होते हैं.