क्रिकेट इतिहास में चाइनामैन गेंदबाजों की उत्पत्ति काफी कमी के साथ होती देखी गई है. क्रिकेट जगत में इन गेंदबाजों का दबदबा हमेशा कायम रहा है. हर विपक्षी टीम के खिलाफ चाइनामैन गेंदबाजों की तूती बोलती है. क्रिकेट के खेल में कई ऐसे चाइनामैन गेंदबाज़ हुए हैं, जिन्होंने अपनी गेंदबाजी के बूते विपक्षी बल्लेबाजों की नांक में हमेशा दम किया है. उनमें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज गेंदबाज ब्रेड हॉग और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व गेंदबाज़ पॉल एडम्स का नाम मुख्य है. इसके अलावा वर्तमान समय में टीम इंडिया के युवा चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव भी अपनी गेंदबाजी का लोहा पूरे विश्व में मनवा रहे हैं.

चाइनामैन गेंदबाजी क्या है?

चाइनामैन गेंदबाजी एक बाएं हाथ के स्पिनर द्वारा डाली जाती है. ये गेंद टिप पड़ने के बाद दाएं हाथ के बल्लेबाज के सामने अंदर की तरफ और बाएं हाथ के बल्लेबाज के सामने बाहर की तरफ टर्न लेती है.

चाइनामैन गेंदबाजी करने का तरीका क्या है?

चाइनामैन गेंदबाजी लेग ब्रेक एक्शन द्वारा डाली जाती है. गेंद को पहली तीनों उँगलियों की मदद से पकड़ा जाता है, जो गेंद की सिलाई पर फैली होती हैं. गेंद फेंकने से पहले पूरी तरह से बाएं हाथ की पकड़ में होती है और लेग ब्रेक की तरह इसे भी तीसरी उंगली स्पिन देती है. गेंद फेंकते समय इसे बाईं ओर से दाईं ओर स्पिन कराया जाता है.

चाइनामैन गेंदबाजी की उत्पत्ति कैसे हुई?

क्रिकेट के खेल में चाइनमैन शब्द की उत्पत्ति 1930 में हुई थी. वेस्टइंडीज के एलिस अचोंग को क्रिकेट का पहला चाइनामैन गेंदबाज़ माना जाता है. अचोंग मूल रूप से चीन के रहने वाले थे तथा बांए हाथ के स्पिन गेंदबाज थे. 1933 में अचोंग ने इंग्लैंड के खिलाफ मेनचेस्टर में वॉल्टर रॉबिन्स को एक आश्चर्यजनक गेंद पर आउट किया था. रॉबिन्स ने पवेलियन लौटने के दौरान अंपायर से कहा, ‘चाइनामैन ने शानदार गेंदबाजी की.’ यहीं से चाइनामैन गेंदबाजी की शुरूआत हुई.

चाइनामैन गेंदबाजी के दौरान कैसी हो फील्डिंग की सजावट?

इस दौरान गेंदबाज़ और कप्तान आपस में मशवरा कर टीम की फील्डिंग में सजावट करते हैं. इसके बाद एक स्लिप, गली, पॉइंट, कवर, मिड ऑफ़, मिड ओन, मिड विकेट, स्क्वायर लेग, फाइन लेग जैसी फील्डिंग की सजावट की जाती है. साथ ही गेंदबाज और विकेटकीपर अपनी-अपनी जगह पर तैनात रहते हैं.

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