क्रिकेट के खेल में एक स्पिन गेंदबाज का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है. स्पिनरों को बल्लेबाजों की नाक में हमेशा दम करते देखा गया है. स्पिन गेंदबाज़ कई विविधताओं के साथ गेंदबाजी करते हैं. फिलहाल हम ऑफ स्पिनर द्वारा डाली जाने वाली कैरम बॉल के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इसको कैसे डाला जाता है.

‘कैरम बॉल’ बल्लेबाजों को चकमा देने के लिए एक ऑफ़ स्पिनर का सबसे बेहतरीन हथियार होता है. कैरम बॉल एक दाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए लेग साइड में टप्पा खाकर ऑफ़ साइड में जाती है.

कैरम बॉल पकड़ने की कला क्या है?

अपने हाथ की पहली और दूसरी उंगली को वी शेप में बनाएं. इसके बाद दूसरी उंगली को हल्का सा बेंड करें. साथ ही पहली उंगली को गेंद की सीम पर रखें. दूसरी उंगली को आपको सीम के साइड में रखना है. इन दोनों उंगलियों के बीच थोड़ा गेप होना चाहिए. हालांकि इस दौरान आपको काफी दर्द होगा क्योंकि आपको अपनी पहली उंगली को पूरी ताकत से गेंद की सिलाई पर रखना है. ये स्थिति बिलकुल कैरम बोर्ड में स्ट्राइकर के समान होती है, लेकिन इसमें मिडिल फिंगर को बेंड करना होता है. अब गेंद को रिलीज करते समय आपको अपने हाथ को बाईं और रोल करना होगा. इस प्रकार आप कैरम बॉल डालने में कामयाब होंगें.

आपकी गेंदबाजी में अगर प्रॉपर लेंथ नहीं है तो बल्लेबाज़ आपको आसानी से भाप लेगा और आपकी गेंदों की खूब पिटाई भी करेगा. इसलिए आपकी गेंदबाजी में प्रॉपर लेंथ का होना बेहद ज़रूरी है. इस प्रकार की गेंदबाजी में बल्लेबाज़ के पगबाधा आउट होने और विकेटकीपर द्वारा कैच लपके जाने का चांस ज़्यादा होता है. इसमें ज़्यादातर डॉट गेंदें भी मिलती हैं.

भारतीय टीम के ऑफ़ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन कैरम गेंद के काफी माहिर हैं. उनके अलावा श्रीलंका के पूर्व स्पिनर अजंता मेंडिस भी इस गेंद का बखूबी इस्तेमाल करते थे.

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