भारतीय क्रिकेट में हमेशा से ही दिग्गज खिलाड़ियों का बोलबाला रहा है. इतना ही नहीं टीम इंडिया पहले से ही विश्व की टॉप टीम्स में शामिल रही है. कई ऐसे मौके भी आएं हैं, जब भारतीय खिलाड़ियों ने देश और विदेश में ज़बरदस्त प्रदर्शन कर विपक्षियों के दांत खट्टे किए हैं. वहीं, कई ऐसे भी अवसर देखने को मिले हैं, जब भारतीय क्रिकेट को शर्मसार होना पड़ा है. आज हम ऐसे ही 5 मौकों पर नज़र डालेंगे. तो आइये देखते हैं:
टीम इंडिया के विश्व कप 2007 में ग्रुप स्टेज से बाहर होने के बाद फैंस ने किया खिलाड़ियों के घर पर हमला
वेस्टइंडीज में आयोजित हुए आईसीसी विश्व कप 2007 में पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए आठवें मुकाबले में टीम इंडिया को बांग्लादेश के खिलाफ 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. इतना ही नहीं, भारत इस मैच को हारने के बाद टूर्नामेंट से बाहर भी हो गया था. नीली जर्सी वाली टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.3 ओवर में ऑलआउट होने के बाद 191 रन बनाए थे, जिसके जवाब में बांग्लादेश ने 9 गेंद और 5 विकेट शेष रहते हुए मैच को जीत लिया था और भारत को ‘शर्मनाक’ हार झेलनी पड़ी थी. इसके बाद फैंस ने कई भारतीय खिलाड़ियों के घर पर पत्थरों से हमला कर दिया था. यह घटना भारतीय क्रिकेट इतिहास की शर्मनाक घटनाओं में से एक है.
मैच फिक्सिंग में फंसे पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन
दिसंबर 2000 में पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को मैच फिक्सिंग में दोषी पाया गया था, जिसके बाद बीसीसीआई ने उनपर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अजहरुद्दीन ने हिम्मत नहीं हारी और लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने 2012 में वह प्रतिबंध वापिस ले लिया. इसके बाद दाएं हाथ के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ने कहा था, “जो कुछ हुआ, उसके लिए मैं किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहता. मुझे नहीं पता कि मुझ पर प्रतिबंध क्यो लगाया गया था.’’ दरअसल, साल 2000 में भारत ने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध घरेलू मैच खेला था, जिसके खत्म होने के कुछ समय बाद ही दिल्ली पुलिस द्वारा भारतीय दिग्गज क्रिकेटरों के मैच फिक्सिंग में जुड़े होने की बात सबके सामने आई थी. उस समय दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन कप्तान (दिवंगत) हैंसी क्रोनिए पर भी मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था. इसे विश्व क्रिकेट का सबसे काला अध्याय माना जाता है.
आईसीसी विश्व कप 1996 के सेमीफाइनल में भारतीय दर्शकों की शर्मनाक हरकत
भारतीय क्रिकेट टीम आईसीसी विश्व कप 1996 के सेमीफाइनल मुकाबले में कोलकाता के इडेन गार्डंस मैदान में श्रीलंका के दिए 252 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. इस दौरान मेजबानों के 120 रनों के स्कोर पर 8 विकेट गिर चुके थे, जिस वजह से भारतीय फैंस ने गुस्से में बोतलें और फल मैदान में फेंकना शुरू कर दिया था. इतना ही नहीं, उन्होंने सीटों पर भी आग लगा दी थी, जिसके बाद मैच को वहीं रोकना पड़ा था और दोबारा शुरू नहीं कराया जा सका था, जिस वजह से श्रीलंका की टीम को मैच का विजेता घोषित कर दिया गया था. यह घटना भारतीय क्रिकेट इतिहास में आज भी सबसे शर्मनाक मामलों में शुमार है.
‘मंकी गेट’ मामले ने भारतीय क्रिकेट को हिला कर रख दिया था
इस काण्ड को भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे शर्मनाक मामलों में गिना जाता है. 6 जनवरी साल 2008 को क्रिकेट जगत में एक ऐसा वाक्या हुआ, जिसने समूचे विश्व का ध्यान अपनी तरफ खींचा. उस विवाद ने बड़े से बड़े खिलाड़ी को घसीटा और सचिन तेंदुलकर-रिकी पोंटिंग, जैसे खिलाड़ी भी इससे अछूते नहीं रह सके. दरअसल, सचिन तेंदुलकर के साथ जब हरभजन सिंह बल्लेबाजी कर रहे थे तो हरभजन ने कई बार सचिन से कहा कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एंड्रू सायमंड्स उन्हें उकसा रहे हैं, जिसपर सचिन ने कहा कि इन सब बातों पर ध्यान मत दो और बल्लेबाजी में अपना ध्यान केंद्रित करो. इसके बाद हरभजन सिंह के उपर ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर एंड्रू साइमंड्स पर नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगा था, जिसके बाद हरभजन सिंह के उपर 3 टेस्ट मैच का बैन लगा दिया गया था. इतना ही नहीं, इस घटना के बाद एक समय ऐसा भी आया था, जब टीम इंडिया सीरीज को बीच में ही छोड़कर वापस जाने वाली थी, यदि हरभजन सिंह के ऊपर से बैन नहीं हटाया जाता है.
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में भारतीय पेसर श्रीसंत को पाया गया दोषी
यह घटना भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे शर्मनाक घटनाओं में से एक है. दरअसल, इंडियन प्रीमियर लीग के छठे एडिशन के दौरान यानी साल 2013 में टीम इंडिया के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत मैच फिक्सिंग में दोषी पाए गए थे, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वहीं, दूसरी तरफ बीसीसीआई ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद श्रीसंत ने लंबी लड़ाई लड़ी और साल 2015 में दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उन्हें आरोपों से बरी कर दिया था. उनके अलावा आईपीएल में कथित तौर पर स्पॉट फिक्सिंग करने वाले राजस्थान रॉयल्स के अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण पर भी प्रतिबंध लगाया गया था.