भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश में इस खेल को धर्म की तरह पूजा जाता है। भारत ने क्रिकेट जगत को सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धोनी जैसे महान खिलाड़ी दिए और यही वजह है कि क्रिकेट को पूरी दुनिया में लोकप्रिय बनाने में भारतीय टीम का बड़ा हाथ है। भारतीय T20 लीग इंडियन प्रीमियर लीग ने तो क्रिकेट को दुनिया के कोने-कोने में मशहूर कर दिया है।

हर खेल की तरह क्रिकेट के फैंस भी जुनूनी हैं और अपनी पसंदीदा टीम और खिलाड़ी को सपोर्ट करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि कुछ लोग क्रिकेट को पसंद नहीं करते हैं और अन्य खेलों की तुलना में इसे कमतर मानते हैं। आइए एक एक नजर डालते हैं उन कारणों पर जिसके चलते लोग क्रिकेट को नापसंद करते हैं।

टेस्ट क्रिकेट की घटती लोकप्रियता

क्रिकेट की शुरुआत 5 दिनों के टेस्ट मैच फॉर्मेट से हुई थी लेकिन समय के साथ क्रिकेट तीन फॉर्मेट- टेस्ट, वनडे और T20 क्रिकेट में बंट चुका है। इसमें कोई शक नहीं कि इन तीनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा लोकप्रिय T20 क्रिकेट है जो टेस्ट और वनडे की तुलना में बहुत ही कम अवधि में खत्म हो जाता है। इससे क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट पर संकट गहरता जा रहा है। क्रिकेट के पुराने फैंस को जहां टेस्ट और वनडे देखने में ज्यादा मजा आता है। वहीं, मौजूदा समय के युवा फैंस की दिलचस्पी सिर्फ T20 लीग और T20I क्रिकेट में देखने में होती है। क्रिकेट को नापसंद करने वालों के लिए ये एक बड़ी वजह है कि T20 क्रिकेट के चलते टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता लगातार घटती जा रही है।

बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच भेदभाव

एक वक्त था जब क्रिकेट के मैदान पर सचिन बनाम मैकग्रा और द्रविड़ बनाम अख्तर जैसी मशहूर और जबरदस्त जंग को देखने के लिए फैंस टीवी पर टकटकी लगाए रहते थे। ये वो समय था जब बल्लेबाज और गेंदबाजों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलती थी। लेकिन समय बीतने के साथ ही क्रिकेट में बैटिंग पॉवरप्ले जैसे नियम आए गए जो सीधे तौर पर बल्लेबाजों को फायदा प्रदान करने लगे। क्रिकेट को नापसंद करने वाले कुछ लोगों का कहना है कि पॉवरप्ले नियम की वजह से क्रिकेट सिर्फ बल्लेबाजों का खेल बनकर रह गया है। इसके अलावा दुनियाभर के क्रिकेट स्टेडियमों मे बैटिंग के मुफीद सपाट पिचों का होना इस खेल को बल्लेबाजों के पक्ष में करता है।

बारिश की वजह से मैच रद्द होना

क्रिकेट को नापसंद करने के पीछे बारिश भी एक बड़ा कारण है। दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में शुमार हॉकी और फुटबॉल में बारिश का कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन क्रिकेट शायद दुनिया का एक ऐसा फील्ड गेम है जो बारिश में नही खेला जा सकता। हमने कई बार ऐसा देखा है कि मैच रोमांचक स्थिति में हैं और अचानक आई बारिश की वजह से मैच रद्द करना पड़ा। इस स्थिति में उन फैंस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है जो महंगी टिकटें खरीदकर स्टेडियम में मैच देखने पहुंचते हैं।

डकवर्थ-लुईस नियम

क्रिकेट में वैसे तो कई नियम हैं लेकिन डकवर्थ-लुईस नियम काफी विवादित और चर्चित रहा है। क्रिकेट को नापसंद करने के पीछे की सबसे बड़ी वजहों में से है डकवर्थ-लुईस नियम। जब से क्रिकेट में इस नियम की एंट्री हुई, तभी ये विवाद और चर्चा में रहा। दरअसल, बारिश प्रभावित मैचों का परिणाम निकालने के लिए डकवर्थ-लुईस नियम का इस्तेमाल किया जाता है।

डकवर्थ लुईस नियम से दूसरी पारी में खेलने वाली टीम के लिए उचित लक्ष्य निर्धारित किया जाता है, जो पहली टीम द्वारा बनाए गए कुल रन, उनके द्वारा खोए गए विकेटों की संख्या और कुल खेले गए ओवरों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। इस नियम के चलते कई बार दूसरी पारी में खेलने वाली टीम को ऐसा लक्ष्य मिलता है जो उनके लिए बनाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।

दुनिया में क्रिकेट की कम लोकप्रियता

भारत में लोक्रप्रियता के मामलें में भले ही कोई अन्य खेल क्रिकेट के सामने नहीं टिकता हो लेकिन ये बात भी सच है कि क्रिकेट दुनिया के कुछ गिने-चुने देशों में ही खेला जाता है। वैसे तो क्रिकेट का वर्ल्ड कप का आयोजन साल 1975 से हर 4 साल बाद हो हा है लेकिन क्रिकेट वर्ल्ड कप में कभी भी 16 से ज्यादा टीमों ने हिस्सा नहीं लिया है। यही नहीं, दुनिया के सबसे बड़े खेल टूर्नामेंट ओलंपिक गेम्स में भी क्रिकेट शुमार नहीं है। कुल मिलाकर देखें तो क्रिकेट का दुनिया में कम लोकप्रिय होना इस खेल को नापसंद करने की एक बड़ी वजह है।

BCCI की दादागिरी

क्रिकेट को फॉलो करने वाले ज्यादातर लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी कि बीसीसीआई दुनिया के सभी क्रिकेट बोर्ड में सबसे ज्यादा अमीर है और यही वजह है कि भारतीय बोर्ड क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ICC को सबसे ज्यादा रेवेन्यू पैदा करके देता है। दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड होने की वजह से बीसीसीआई का कई बार अन्य बोर्ड के साथ-साथ आईसीसी जैसी क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ICC से भी विवाद हो चुका है। यही नहीं, कई बार मजबूरी में दूसरे क्रिकेट बोर्ड को बीसीसीआई के सामने झुकना भी पड़ा है।

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