भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हराकर अपना नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज करा दिया है। मेजबान ने एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट में मेहमान टीम को 36 रनों पर ढेर कर दिया था, लेकिन भारत ने शानदार वापसी करके कंगारुओं को चार टेस्ट सीरीज में 2-1 से पटखनी दे दी।

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को मेलबर्न में खेले गए दूसरे मुकाबले में हराया और सीरीज को 1-1 से बराबर कर लिया। इसके बाद, मेजबान टीम ने सिडनी टेस्ट ड्रॉ किया, जिसके बाद उन्होंने कंगारुओं को गाबा में खेले गए चौथे और आखिरी टेस्ट में तीन विकेट से हराकर बड़ी जीत दर्ज की। ऐसे में, टीम इंडिया के फील्डिंग कोच आर. श्रीधर ने गेंदबाज अश्विन के यूट्यूब चैनल पर सीरीज के कुछ रोचक किस्सों का खुलासा किया।

श्रीधर ने अश्विन को बताया, ”एडिलेड टेस्ट हारने वाली रात विराट कोहली ने मुझे मैसेज किया: ‘तुम क्या कर रहे हो?’ मैं चौंक गया था। मैंने सोचा कि वह इस समय मुझे मैसेज क्यों कर रहा है? मैं उस समय रवि शास्त्री, भरत अरुण और विक्रम राठौर के साथ बैठा हुआ था और मैंने रवि को विराट के मैसेज के बारे में बताया।”

श्रीधर ने आगे बताया, ” उन्होंने कहा कि मैं भी आप सबके साथ बात करना चाहता हूं। मैंने कहा कि कोई बात नहीं आ जाओ। वह वहां आ गए और हम सभी चर्चा करने लग गए। यहीं से ‘मिशन मेलबर्न’ शुरू हुआ था। शास्त्री ने वहां पर एक
बात कही थी कि इस 36 को बिल्ले की तरह हमे पहनना होगा। यह 36 है, जो इस टीम को महान बना सकता है।”

भारतीय फील्डिंग कोच ने आगे कहा, ”हम थोड़ा उलझन में थे, लेकिन फिर हमने उन फैसलों पर बात करना शुरू किया, जो हमें भविष्य में लेने थे। उसके बाद विराट ने अगली सुबह अजिंक्य को बुलाया और हमने बहुत अच्छी चर्चा की। 36 पर ऑल -आउट होने के बाद, आमतौर पर टीम अपनी बल्लेबाजी को मजबूत करती है, लेकिन रवि शास्त्री, विराट और अजिंक्य ने गेंदबाजी को मजबूत करने का फैसला लिया। इसी वजह से हमने विराट की जगह रविंद्र जडेजा को लिया और यह एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ।”

उन्होंने कहा, ”शास्त्री चाहते थे कि बाएं हाथ के ज्यादा बल्लेबाज खेलें। उन्होंने (शास्त्री) कहा कि दाएं हाथ के बल्लेबाजों के खेलने के कारण ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करने में सफल रहे। अगर टीम में बाएं हाथ के बल्लेबाज होंगे तो उनकी गेंदबाजी पर प्रभाव पड़ेगा और यह हमारे लिए रणनीति के तौर पर काम करेगा। इसलिए, ज्यादातर निर्णय वहीं लिए गए और यह भी फैसला लिया गया कि हम अपने पांच सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के साथ खेलेंगे।”

श्रीधर ने कहा, ”हमने अभ्यास नहीं करने का फैसला किया और खिलाड़ियों को एक दिन का अवकाश दिया, फिर पूरी टीम को डिनर पर आमंत्रित किया। हमने कुछ गेमों की व्यवस्था की क्योंकि, जब आप कमरे में अकेले होते हैं, तो नकारात्मकता ज्यादा हो जाती है।”

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