कैसी मजेदार स्थिति है – खेल रहे हैं आईपीएल और बात कर रहे हैं विश्व कप की तैयारी की। आईपीएल शुरू होने के समय, भारत की विश्व कप टीम से जुड़ी बहस में, आम सहमति ये है कि 15 में से 14 जगह के खिलाड़ी तय हो गए हैं। बचा कौन? बचा नंबर 4 जो वास्तव में टीम की बल्लेबाजी में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। खास तौर पर भारत के लिए तो और भी खास क्योंकि भारत के टॉप-3 रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली स्ट्रोक प्लेयर हैं और इनकी बल्लेबाजी ही नंबर 4 को बताएगी कि उसे क्या करना है?
ये तीनों अगर रन रेट तेज रखने में कामयाब रहे तो बीच के ओवरों में नंबर 4 को अगर कम से कम रन रेट बढ़ाना नहीं तो उसी को बनाए रखना होगा। विकेट जल्दी जल्दी गिरे तो नंबर 4 का पहला काम होगा विकेट गिरने का सिलसिला रोकना, टीम को झटकों से बचाना और संभलने के बार स्कोरिंग को तेजी देना।
नंबर 4 पर कौन होगा – ये बहस भी न होती, अगर हाल के कुछ मैचों में अंबाती रायुडू का बैट एकदम चुप न होता। रायुडू ने अपनी पिछले कुछ महीने की मेहनत को बकार सा कर दिया और मुकाबले पर अन्य दावेदार ले आए।
2015 विश्व कप फाइनल 29 मार्च 2015 को था। विश्व कप के बाद से अब तक भारत ने 86 वन डे खेलें हैं। इनमें 47 बल्लेबाज खेले पर 12 को नंबर 4 पर खेलने भेजा। ये गिनती खुद अस्थिरता का सबूत है। सबसे ज्यादा 14 पारी रायुडू ने खेलीं और उसके बाद धोनी (12), रहाणे (10), दिनेश कार्तिक एवं युवराज सिंह (9), मनीष पांडे (7), हार्दिक पांड्या (5) और केदार जाधव, लोकेश राहुल, विराट कोहली एवं मनोज तिवारी (3) तथा ऋषभ पंत (1) आते हैं। रन की गिनती की लिस्ट में रायुडू (464), धोनी (448), रहाणे (420), युवराज सिंह (358), कार्तिक (264), मनीष पांडे (183), हार्दिक पांड्या (150), मनोज तिवारी (34), कोहली (30), लोकेश राहुल (26), जाधव (18) और पंत (16) हैं।
तुलना में अलग-अलग विशेषज्ञ और पुराने क्रिकेटर रायुडू, रहाणे, पंत, कार्तिक, जाधव और यहां तक कि पुजारा का नाम भी ले रहे हैं। सौरव गांगुली ने ऋषभ पंत का नाम लिया। आखरी नंबर 4 कौन होगा यह फैसला आईपीएल के शुरू के दिन करेंगे। एक नई सोच और सामने आई है और वह यह कि 2003 एवं 2011 विश्व कप की तरह, पांचवें गेंदबाज के तौर पर भारत एक आलराउंडर का प्रयोग करे – 2003 में वीवीएस लक्ष्मण जैसे बल्लेबाज को टीम से निकाल कर दिनेश मोंगिया को ले गए और 2011 में युवराज सिंह ने हर मैच में ये काम करते हुए 15 विकेट भी लिए। अगर यही सोच चली तो विजय शंकर अचानक ही नंबर 4 पर फिट हो जाएंगे। आईपीएल इस तरह से भारत की विश्व कप जरूरत का जवाब देगी।
आज तक विश्व कप में भारत के नंबर 4 क्या करते आए हैं? इस सवाल का जवाब बड़ी अजीब स्थिति बयान करता है। अब तक विश्व कप में भारत ने 18 बल्लेबाजों का प्रयोग किया और इनमें से सबसे ज्यादा 11 पारी तेंदुल्कर ने खेलीं। उसके बाद अजहरूद्दीन (9), वेंगसरकर (7), रहाणे और कैफ (6), कोहली और विश्वनाथ (5), यशपाल, युवराज, अजय जडेजा और संदीप पाटिल (3), कांबली और द्रविड़ (2) तथा धोनी, रैना, मोंगिया, गांगुली और गंभीर (1) रहे। रन की लिस्ट में क्रम से तेंदुल्कर (400), अजहरूद्दीन (238), वेंगसरकर और रहाणे (208), कोहली (202), जडेजा (182), युवराज (178), विश्वनाथ (145), कैफ (142), यशपाल (112), पाटिल (87), रैना (74), मोंगिया (32), धोनी (29), गंभीर (28), कांबली (26), गांगुली (24) और द्रविड़ (18) हैं।
नियमित नंबर 4 मिलना चुनौती ही रहा है भारत के लिए – अगर मौजूदा शताब्दी के विश्व कप ही देखें तो 2003 में 5 बल्लेबाज (सबसे ज्यादा 6 पारी में मौहम्मद कैफ), 2007 में 2 (सबसे ज्यादा 2 पारी में तेंदुलकर), 2011 में 4 बल्लेबाज (सबसे ज्यादा 4 पारी में कोहली) और 2015 में 2 बल्लेबाज (सबसे ज्यादा 6 पारी में रहाणे) का प्रयोग किया। वही सिलसिला इस बार भी चलेगा क्योंकि कोई नाम ऐसा नहीं जो नंबर 4 का अकेला दावेदार हो।