क्रिकेटरो के दीवाने प्रशंसकों के कई किस्से हैं और अपने मनपसंद क्रिकेटर के लिए ये दीवाने दर्शक कई बार कुछ ऐसा भी कर जाते हैं जो उन्हे मुश्किल में फंसा देता है। तब उन्हें उस मुश्किल से कौन निकालता है?
यह कहना तो सही नहीं होगा कि हर बार मुश्किल से उसी क्रिकेटर ने निकाला पर ढ़ेरों ऐसी मिसाल हैं जब क्रिकेटर उनकी मदद के लिए आगे आए।
यह तो खूब जिक्र में आता है कि सचिन तेंदुल्कर को ‘भगवान’ कहने वाले सुधीर गौतम हर सीजन में उन्हें 1000 लीची का तोहफा खुद पहुंचाते हैं पर यह कही जिक्र में नही आता कि वे इन 1000 लीची को बिहार में अपने गांव से मुंबई कैसे ले जाते हैं?
गर्मी में लीचे खराब न हो जाएं, इसलिए सुधीर ट्रेन में एसी कोच का टिकट न होने के बावजूद लीची की टोकरी को एसी कोच में रखते हैं और खुद बाहर खड़े रहते हैं। कई बार वे इस वजह से मुश्किल में फंसे पर हर बार सचिन तेंदुल्कर का नाम उन्हें बचाता है और साम-दाम से वे कोई न कोई रास्ता निकाल लेते हैं।
ऐसे ही कुछ और किस्से
जब तेंदुलकर ने बचाया
सुधीर गौतम को तेंदुलकर ने मैच का टिकट न होने के बावजूद कई बार स्टेडियम में दाखिल कराया पर सबसे खास मदद मार्च 2009 में कानपुर में की। एक प्रेक्टिस सैशन में तेंदुलकर से हाथ मिलाने की कोशिश में सुधीर ग्राउंड में घुस गए। एक पुलिस अधिकारी ने सुधीर को पकड़ा और वहीं पीटा मगर बात वहीं खत्म नहीं हुई। वे उसे पुलिस स्टेशन ले गए। जब तेंदुलकर को यह पता लगा तो उन्होंने बड़े अधिकारियों से बातकर सुधीर को छुड़वाया। तब ही तेंदुलकर ने उन्हें समझाया था कि कभी भी जबर्दस्ती ग्राउंड में न घुसें। उसके बाद से सुधीर ने यह गलती फिर नहीं की।
सुरेश रैना काम आए
अपने देश से बाहर, किसी प्रशंसक की मदद करना और भी बड़ी बात है। मेलबोर्न में 2015 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल से पहले भारत से आए एक परिवार ने सुरेश रैना तक यह संदेश पहुंचाया कि उनका अपाहिज बच्चा मैच देखना चाहता है पर टिकट नहीं है। विश्व कप के मैच का टिकट कोई मामूली बात नहीं थी। रैना ने धोनी से बात की और धोनी ने टीम के लॉयसन ऑफिसर से। एक विशेष स्टैंड में उस बच्चे के मैच देखने का इतजाम हुआ।
जेब कट गई थी
इंग्लैंड के एक मशहूर क्रिकेट प्रेमी ट्रेवर हेविट है। 2003 के इंग्लैंड के श्रीलंका टूर के बाद से उन्होंने इंग्लैंड के हर टूर में मैंच देखे है। हेविट से जुड़ा सबसे मशहूर किस्सा 2011 के विश्व कप के लिए भारत टूर का है। यहां मुंबई में उनकी जेब कट गई। सारा पैसा निकल गया। हेविट पसंद करते थे केविन पीररसन को पर उनसे कभी मिले नहीं थे। उन्हें पता नहीं क्यों यह लगा कि ऐसे में पीटरसन उनकी मदद करेंगे। मैट प्रायर से मिले और उन्होंने पीटरसन से मिलवा दिया।
पीटरसन ने पूछा- काम क्या करते हो? जवाब था-डेकोरेटर। पीटरसन ने कहा- एक र्शत पर मदद करूंगा कि अगर इंग्लैंड लौट कर मेरे घर में काम करोगे! डील हो गई। हेविट ने ही बाद में इस बारे में बताया।
शादी टूटने से बचाई
अमृतसर का एक शख्स क्रिकेट का इतना दीवाना था कि क्रिकेट के चक्कर में उसकी शादी टूटने की नौबत आ गई थी। वह क्रिकेट प्रेमी युवराज सिंह के पास आया कि मेरी पत्नी को समझाओ को मुझे क्रिकेट देखने से न रोके। युवराज ने समझाया और उनका परिवार टूटने से बचाया वह भी तब जब अपनी शादी नहीं हुई थी।
पासपोर्ट खो गया था
फेतह सिंह राव गायकवाड़ मैनेजर थे 1978 के पाकिस्तान टूर में। एक भारतीय क्रिकेट प्रेमी पासपोर्ट खोने के कारण मुश्किल में था- गायकवाड़ ने हाई कमीशन से बात कर उनका डुप्लीकेट पासपोर्ट बनाने में मदद की।