क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) अपने बेहतरीन खेल की वजह से विश्व प्रसिद्ध हैं। मगर अब पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज सकलैन मुश्ताक (Saqlain Mushtaq) ने एक बड़ा खुलासा किया है, जिससे पता चलता है कि सचिन न सिर्फ बल्ले से, बल्कि मानसिक रूप से भी विरोधियों के साथ खेलते थे।
46 साल के सकलैन मुश्ताक ने भारत के खिलाफ खेले गए एक मुकाबले को याद करते हुए नादिर अली के पॉडकास्ट में कहा, “एक बार हम कनाडा गए थे। मैं इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलने के बाद वहां आया था। तब मैं एक युवा लड़का था और काउंटी खेलने के बाद थोड़ा अहंकारी हो गया था। मैच के दौरान मैंने सचिन तेंदुलकर को पहली ही बॉल फेंकने के स्लेज कर दिया। मैंने कुछ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया।”
उन्होंने आगे कहा, “मगर सचिन ने मेरे पास आकर बहुत अच्छे से कहा ‘सैकी, मैंने कभी नहीं सोचा था कि तुम ऐसा करोगे। मुझे तुम उस तरह के व्यक्ति नहीं लगते थे, जो ऐसे शब्द कहेगा। मुझे लगा कि आप एक बहुत ही सभ्य व्यक्ति हैं।’ उसने (सचिन ने) इसे इतने अच्छे से कहा कि अगले 4 ओवरों के लिए उसके शब्दों ने मुझे प्रभावित किया। उसने मुझसे जो कहा, उससे मैं इतना प्रभावित हुआ कि इससे पहले मैं कुछ समझ पाता, उन्होंने अपना काम कर दिया। वह बल्लेबाजी करते हुए सेट हो गए थे।”
सचिन की चतुराई की तारीफ करते हुए मुश्ताक़ ने आगे कहा, “जब कोई आपसे अच्छी तरह से बात करता है, तो आप इसके बारे में सोचना शुरू करते हैं। जब मैं अपने विचारों में था, तब सचिन ने अगले 4-5 ओवरों में हर ओवर में कम से कम एक चौका लगाया और मैं उनका सम्मान करने लगा। आखिरकार, जब उन्होंने आगे बढ़कर एक और चौका मारा, तो मुझे यह अपने चेहरे पर एक तमाचा लगा। मुझे तब एहसास हुआ कि उन्होंने मेरे साथ खेल खेला है। हालांकि, तब तक वह अच्छी तरह से सेट हो चुके थे और चीजें मेरे हाथ से निकल चुकी थीं। बाद में शाम को हम होटल में मिले और मैंने उससे कहा कि तुम एक चतुर व्यक्ति हो।”
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