Ravi Shastri
रवि शास्त्री का कार्यकाल भारत के टी20 विश्व कप के सुपर12 राउंड में बाहर होने के साथ ही समाप्त हो गया.

भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने अपने कार्यकाल के दौरान उनकी और टीम की आलोचना पर खुलकर बात करते हुए कहा कि लगातार आलोचना कभी-कभी टीम पर बहुत कठोर हो जाती है. मुख्य कोच के रूप में शास्त्री का कार्यकाल भारत के टी20 विश्व कप के सुपर12 राउंड में बाहर होने के साथ ही समाप्त हो गया. उन्होंने आलोचकों को यह कहते हुए फटकार लगाई कि पिछले सात वर्षों में इतनी जीत के बावजूद टीम को कई बार कठोर आलोचना का सामना करना पड़ा.

रिपब्लिक वर्ल्ड से बात करते हुए शास्त्री ने आलोचकों की आलोचना करते हुए कहा कि अब उनके लिए जज बनने का समय आ गया है, जिन लोगों ने उन्हें उनके जीवन के इन सात सालों में जज किया है. उन्होंने कहा, “मुझे मेरे जीवन के इन 7 वर्षों में बहुत आंका गया, जो सार्वजनिक जांच के अधीन था. मेरे लिए जज की कुर्सी पर बैठने और इनमें से कुछ लोगों को जज करने का समय आ गया है”.

उन्होंने आगे कहा, “भारत में क्रिकेट एक धर्म है. आप 5 मैच जीतते हैं और फिर जब आप एक हार जाते हैं, तो पिस्टल और कलम निकलते हैं और कभी-कभी यह बहुत जहरीला होता है. हमने बहुत कुछ जीता, लोगों को हमें हारते हुए देखने की आदत नहीं थी. आलोचना का सामना करना कोच का काम है. आप उन सभी बाधाओं को पार कर लेते हैं, आप उसे खुद को नीचे नहीं लाने देते. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि टीम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें”.

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