2018 में इंग्लैंड दौरे के दौरान टीम इंडिया (Team India) के तत्कालीन हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) महान भारतीय कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) की बल्लेबाजी से काफी खफा हो गए थे। शास्त्री ने धोनी की धीमी बल्लेबाजी की आलोचना करते हुए उन्हें टीम से बाहर करने की चेतावनी दे दी थी। इस बात का खुलासा भारतीय टीम के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर (R Sridhar) ने अपनी नई किताब ‘कोचिंग बियॉन्ड: माई डेज विद द इंडियन क्रिकेट टीम’ में किया है।
यह वाकिया 2018 का है, जब विराट कोहली (Virat Kohli) के नेतृत्व में भारत ने तीन मैचों की टी20 आई और इतने ही ओडीआई के साथ-साथ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था। भारत ने टी20 सीरीज 2-1 से जीती थी और पहले वनडे मैच में भी जीत दर्ज की थी, लेकिन दूसरे एकदिवसीय मैच में भारत को 86 रन से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले में धोनी के पास आखिरी 10 ओवर में भारत को जीत दिलाने का मौका था, लेकिन वे 59 गेंदों में 37 रन बनाकर आउट हो गए।
52 साल के श्रीधर ने अपनी किताब में इस घटना को याद करते हुए लिखा, “जब विराट और सुरेश रैना बल्लेबाजी कर रहे थे, तब हम मैच में थे। मगर जैसे ही हमने उन दोनों के विकेट गंवाए, तो आखिरी 10 ओवरों में एमएस ही एकमात्र बल्लेबाज बाकी थे, लेकिन धोनी ने शायद पहले ही हार मान ली थी। भले ही अंतिम 10 ओवर में आवश्यक रन रेट लगभग 13 रन प्रति ओवर था। मगर हम अगले छह ओवरों में 20 रन ही बना पाए। उस पारी में एमएस ने अपने 10,000 एकदिवसीय रन पूरे किए थे। हम सभी उसके लिए रोमांचित थे, लेकिन हम यह भी जानना चाहते थे कि उन्होंने टारगेट हासिल करने की एक भी कोशिश क्यों नहीं की।”
उन्होंने आगे लिखा, “रवि शास्त्री इस हार से बेहद दुखी थे। वे निराश थे कि कैसे हम बिना लड़े हार गए। हमने लक्ष्य हासिल करने की कोशिश भी नहीं की। हम बस आसानी से नीचे गिर गए। निर्णायक मैच हेडिंग्ले में था और मुकाबले से पहले मीटिंग में शास्त्री ने कहा, ‘चाहे आप कोई भी हों, ऐसा कोई और अवसर नहीं होना चाहिए, जब हम मैच जीतने की कोशिश न करते हुए हार जाएं। यह मेरी देखरेख में नहीं होगा। और अगर कोई ऐसा करता है, तो मेरी निगरानी में वह उसका आखिरी मैच होगा। आप क्रिकेट का खेल हार सकते हैं, इसमें कोई शर्म की बात नहीं है, लेकिन आप इस तरह नहीं हारेंगे।'”
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