भारत में फॉर्मूला वन रेस की शुरुआत आज से लगभग 8 साल पहले हुई थी. हालांकि अन्य खेलों की तरह फॉर्मूला-1 को हमारे देश में अच्छा समर्थन नहीं मिल पाया, लेकिन इस खेल के प्रति धीरे-धीरे लोगों का प्यार उमड़ते देखा जा रहा है. भारत की जानिब से नारायण कार्तिकेयन ने एफ-1 जगत में अपनी रफ़्तार का लोहा मनवाया था. वो भारत के एकमात्र फॉर्मूला-वन चालक रहे.

फार्मूला वन दुनिया की सबसे बड़ी कार रेस प्रतियोगिता है. इसे सभी देशों में आयोजित नहीं किया जा सकता, लेकिन भारत में इसका आयोजन किया गया. इसमें सुपर लाइसेंस वाले ड्राइवर ही भाग ले सकते हैं. इसका आयोजन फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल ऑटोमोबाइल (एफआईए) नाम की संस्‍था द्वारा किया जाता है. एफ-1 के तहत कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. इनमें फॉर्मूला वन ग्रांड प्रिक्स प्रमुख है.

भारत में इस खेल को उच्च कोटि का दर्जा नहीं मिल पा रहा। हालांकि भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है, लेकिन हॉकी से ज़्यादा तवज्जो क्रिकेट को दी जाती है. फॉर्मूल-1 को भी आगे बढ़ाने के लिए इस प्रकार के कदम उठाने होंगे, जिससे क्रिकेट की तरह एफ-1 का खुमार भी भारतीय लोगों के सिर चढ़ कर बोल सके. इतना ही नहीं फॉर्मूला -1 का भविष्य सुधारने के लिए युवाओं को आगे आना होगा, तब ही हमारे देश में इस खेल का उद्धार होना संभव है.

 

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