विराट कोहली का टेस्ट रिकॉर्ड नोट कीजिए : 107 टेस्ट में 8230 रन 48.12 औसत से। इनमें से-
जिन टेस्ट में वे कप्तान थे : 68 टेस्ट में 5864 रन 54.80 औसत से।
जिन टेस्ट में वे कप्तान नहीं थे : 39 टेस्ट में 2366 रन 36.96 औसत से।
ध्यान से औसत नोट कीजिए। आम तौर पर माना ये जाता है कि कप्तानी का दबाव बल्लेबाज की क्रिकेट पर असर डालता है पर विराट कोहली (Virat Kohli) के मामले में तो ये उलटा हो रहा है- गैर कप्तान टेस्ट में तो औसत 40 भी नहीं है और सबसे ख़ास बात ये थी कि ये लगातार गिर रही है। नियमित टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद रिकॉर्ड बड़ा साधारण सा है। विराट कोहली ने जनवरी 2022 में टेस्ट कप्तान की जिम्मेदारी को छोड़ा था दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के विरुद्ध भारत की सीरीज हार के बाद। तब लगा था कि वे कप्तान के तनाव से छुट्टी पाकर, बैट के साथ अपना पुराना रंग दिखाएंगे पर नतीजा ये है :
विरुद्ध श्रीलंका- 2 टेस्ट की सीरीज : औसत 27 और सबसे बड़ा स्कोर 45 रन।
विरुद्ध बांग्ला देश- 2 टेस्ट की सीरीज : औसत 15 और सबसे बड़ा स्कोर 24 रन।
विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया- अब तक सीरीज में 3 टेस्ट : औसत 22.20 और सबसे बड़ा स्कोर 44 रन।
अगर दोनों रिकॉर्ड में, उनकी बल्लेबाजी की औसत के फर्क की गणना करें तो ये 17.84 है और जो कम से कम 20 टेस्ट में कप्तान रहे हैं, उन पर इस रिकॉर्ड को लागू करें तो ये फर्क उन्हें इस मामले में सबसे खराब बल्लेबाज में से एक साबित करता है। विराट कोहली, इस मामले में पांचवें नंबर पर हैं। ऐसे टॉप 4 जिनकी गैर कप्तान टेस्ट में बल्लेबाजी की औसत, कप्तान वाले टेस्ट में औसत का अंतर विराट कोहली से भी ख़राब है (कम से कम 20 टेस्ट में कप्तान) :
इमरान खान (पाकिस्तान) : कप्तान के तौर पर- 2408 रन 52.34 औसत से और जब कप्तान नहीं तो- 1399 रन 25.43 औसत से यानि कि अंतर हुआ 26.91 का। ये गिनती देखने में तो विराट से भी खराब जरूर है पर सच्चाई कुछ अलग है। इतिहास बताता है कि कप्तान बनने के बाद इमरान की बल्लेबाजी में गजब का बदलाव आया और उन्होंने जिम्मेदारी से खेलते हुए अपनी बल्लेबाजी को बहुत बेहतर बना दिया। इसलिए वास्तव में उनकी इन दोनों औसत का अंतर ये बताता है कि वे कितने बेहतर बल्लेबाज बने।
ग्राहम गूच (इंग्लैंड) : कप्तान के तौर पर- 3582 रन 58.72 औसत से और जब कप्तान नहीं तो- 5318 रन 35.93 औसत से यानि कि अंतर हुआ 22.79 का। इमरान वाली बात कुछ हद तक गूच पर भी लागू होती है। कोहली की तुलना में, गूच के रिकॉर्ड में एक और फ़र्क़ ये है कि करियर के आख़िरी दौर में जब वे कप्तान नहीं थे उनका रिकॉर्ड विराट से कहीं बेहतर था। गैर कप्तान के तौर पर 84 टेस्ट में 9 शतक बनाए पर कप्तान के तौर पर 34 टेस्ट में ही 11 शतक बना दिए।
बॉबी सिम्पसन (ऑस्ट्रेलिया) : कप्तान के तौर पर- 3623 रन 54.07 औसत से और जब कप्तान नहीं तो- 1246 रन 33.67 औसत से यानि कि अंतर हुआ 20.40 का। सिम्पसन ने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट को बदलाव के दौर में संभाला और जिम्मेदारी से खेलते हुए उसे एक टॉप टीम में बदला। वे तो लगभग 10 साल बाद जब टेस्ट क्रिकेट में वापस लौटे, तब भी भारत के विरुद्ध सीरीज में औसत 50+ थी लेकिन वेस्टइंडीज सीरीज तक उम्र ने असर दिखा दिया। कोई भी, उनके लिए इस औसत के अंतर को नेगेटिव में चर्चा में नहीं लेता।
हीथ स्ट्रीक (जिम्बाब्वे) : कप्तान के तौर पर- 1013 रन 36.17 औसत से और जब कप्तान नहीं तो- 977 रन 16.01 औसत से यानि कि अंतर हुआ 20.16 का। वे, वास्तव में एक टॉप गेंदबाज थे और इसी भूमिका में खेले। उनके रन तो बोनस थे टीम के लिए।
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34 वर्ष