पाकिस्तान क्रिकेट टीम एशिया कप में पसंदीदा बनकर आई थी। हुआ क्या? ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान दुनिया की ऐसी पहली टीम है जो कहीं खराब खेली और हर उम्मीद को तोड़ा। खराब होता है उस हार का वह असर जिसकी वजह से पैदा होते हैं विवाद जो आगे टीम की वापसी की राह और मुश्किल बना देते हैं। यही एशिया कप के बाद पाकिस्तान टीम के साथ हो रहा है। वर्ल्ड कप जैसा बड़ा टूर्नामेंट सामने है और उसमें हिस्सा लेने की तैयारी के नाम पर पाकिस्तान टीम टुकड़ों में बंटी, बिना कप्तान के कंट्रोल खेलने वाली और उन चोटिल पेसर की टीम नजर आ रही है जिन पर टीम के बेहतर प्रदर्शन का दारोमदार था।
पाकिस्तान टीम के बारे में हमेशा से मशहूर रहा है कि इस टीम की सबसे बड़ी पहचान है प्रदर्शन में अस्थिरता- टीम कब कैसा खेल जाए कोई नहीं जानता। इस कमजोरी को कोई कोच दूर नहीं कर पाया। इसीलिए एशिया कप ने टीम की मुश्किलें और बढ़ा दीं- सिर्फ भारत से हारना नहीं, और भी बहुत कुछ ऐसा हुआ जो टीम के लिए सही नहीं रहा।
भारत से शर्मनाक हार, आखिरी ओवर में श्रीलंका से हार, शादाब खान और फखर जमान जैसे सीनियर खिलाड़ियों का खराब प्रदर्शन, आईसीसी नंबर 1 रैंकिंग दांव पर लगी है, उस पर हारिस राउफ और
नसीम शाह की ख़राब फिटनेस की खबर- दूसरे शब्दों में, कड़ी मेहनत से जो मुकाम हासिल किया था उसे इस टूर्नामेंट ने तहस-नहस कर दिया। एक हार किसी टीम को कैसे कमजोर कर सकती है- पाकिस्तान टीम का एशिया कप में खेलना उसकी मिसाल है और कोच ग्रांट ब्रैडबर्न के लिए इस टीम का हौसला बढ़ाना आसान नहीं होगा। एशिया कप में जैसे हारे उसके तरीके ने ज्यादा नुकसान किया।पाकिस्तान का बस चले तो वे एशिया कप 2023 को रिकॉर्ड से ही निकाल दें। न तो मेजबान और न ही खेलने वाली टीम के तौर पर वे अपनी पहचान बेहतर कर पाए- इसके उलट नुकसान ज्यादा हुआ। सुपर 4 से बाहर हुए और बांग्लादेश के बाद टूर्नामेंट से बाहर होने वाली दूसरी टीम बने। रैंकिंग में नंबर 1 बल्लेबाज, बाबर आज़म के मेन इन ग्रीन ने टूर्नामेंट के पहले मैच में नेपाल को 238 रन से हराकर जो शानदार शुरुआत की- उस लय को आगे बरकरार न रख पाए। नतीजा- भारत और श्रीलंका से हार और वापसी का टिकट कट गया। सिर्फ नेगेटिव सोच और गलतियां मुश्किल बढ़ाती चली गईं।
पाकिस्तान के लिए भारत में वर्ल्ड कप एक मुश्किल की तरह से सामने है। नसीम लगभग बाहर हैं जबकि और खिलाड़ी भी फिटनेस से जूझ रहे हैं। लंका प्रीमियर लीग में खेलते हुए हसन अली के अंगूठे में पहले ही फ्रैक्चर हो गया। इसके अलावा, इस साल एशिया कप से पहले, द हंड्रेड, एलपीएल, कनाडा ग्लोबल लीग, कैरेबियन प्रीमियर लीग जैसी कई लीग में उनके खिलाड़ी बिना रोक-टोक खेलते रहे। अब इसका असर दिखाई दे रहा है और पीसीबी ने एशिया कप में हार के बाद सबसे पहले खिलाड़ियों को इसी पर घेरा। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों के विदेशी टी20 लीग में हिस्सा लेने की गिनती तय कर दी है- जिनके पास A+ और A कॉन्ट्रैक्ट हैं वे पाकिस्तान सुपर लीग के अलावा सिर्फ एक और टी20 लीग में खेल पाएंगे। यहां तक कि बोर्ड ने विदेशी लीग के लिए दिए एनओसी को भी वापस लेने या रद्द करने का अधिकार सुना दिया है।
इस तरह से हार के असर के तौर पर सख्त एक्शन शुरू हो गया है। बोर्ड अपने इस फैसले पर कब तक टिकेगा यह तो समय बताएगा पर जो छवि बनी है वह विवाद है। खराब प्रदर्शन के अलावा, एक और घटना जिसने पाकिस्तान को झकझोर दिया है वह थी बाबर आजम और शाहीन अफरीदी के बीच ड्रेसिंग रूम में लड़ाई। शाहीन अफरीदी ने भारत के विरुद्ध हाई-वोल्टेज सुपर 4 मुकाबले में पहले गेंदबाजी के बाबर आजम के फैसले पर सवाल उठाया, उससे झगड़ा भड़क गया।आज भले ही दावा किया जा रहा है कि टीम के खिलाड़ियों के बीच आपस में कोई झगड़ा नहीं पर जो हुआ, उस का नुकसान हो चुका है।
यहां तक कि पाकिस्तान के जिस अटैक की तारीफ़ की जा रही थी उस पर भी सवालिया निशान लग रहा है। पाकिस्तान के लिए इस सब से वापस लौटना आसान नहीं होगा। वर्ल्ड कप से पहले अब उनका कोई वनडे है नहीं जो टीम को सब भूल कर एक साथ खेलने का मौका देता इसलिए वर्ल्ड कप से पहले ही सब सवाल सुलझाने होंगे। यहां तक कि विकेटकीपर मोहम्मद रिजवान और सरफराज अहमद के बीच भी टीम में जगह पर टकराव पर बहस चल रही है।