जब आईपीएल के लिए टीम बिकीं 2008 में तो कई जानकारों ने कहा था कि टीम खरीदने वाले डूबेंगे, जब स्टार ने 2017 में 5 साल के लिए आईपीएल मीडिया अधिकार 16000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा में खरीदे तो कई जानकारों ने कहा- वे जबरदस्त घाटे में रहेंगे। ऐसा हुआ नहीं। अब तो मीडिया अधिकार इससे भी लगभग तीन गुना कीमत पर 48000 करोड़ रुपये से ज्यादा में बिक गए तो क्या होगा इन्हें खरीदने वालों का? अगर उन्हें इस महंगी कीमत के बावजूद मुनाफ़ा कमाना है तो इसके लिए पैसा कौन भरेगा?
मीडिया अधिकार खरीदने वालों के लिए, चाहे टीवी हो या डिजिटल स्ट्रीमिंग, अपने खर्चे की वसूली का सबसे बड़ा जरिया है विज्ञापन समय बेचकर पैसा कमाना। आईपीएल 2022 के दौरान 10 सेकंड का स्लॉट 15 लाख रुपये जैसी महंगी कीमत में बेचा स्टार ने तो अब तो मीडिया अधिकार और महंगे हो गए। इसका मतलब साफ है कि आईपीएल 2023 से 10 सेकंड का स्लॉट हो या ब्रॉडकास्ट से जुड़े अलग- अलग स्पांसर, वे रिकॉर्ड तोड़ कीमत भरने के लिए तैयार रहें।
कमाई का दूसरा सबसे बड़ा जरिया है- सब्स्क्राइबर से पैसा वसूलना। अभी ही चैनल/लिंक सब्सक्राइब करने वाले महंगी कीमत अदा कर रहे हैं- आगे तो कीमत और बढ़ेगी। स्टार और जियो दोनों के सब्सक्राइबर इसके लिए तैयार रहें। ये कहने वालों की कमी नहीं कि अमेज़ॅन ने भी आखिरकार कुछ सोचकर ही, आख़िरी मुकाम पर 2023-2027 के आईपीएल के मीडिया अधिकार की बिक्री में, ऑक्शन मुकाबले से बाहर होने का फैसला लिया। अमेज़ॅन भारत में 6 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश कर चुके हैं और इससे ज्यादा निवेश पर वसूली का उन्हें कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था।
आईपीएल के इतने बड़े प्रीमियम के कारण, बाजार के कई जानकार कह रहे हैं कि ग्राहक की भी पैसा देने की एक सीमा है। इसलिए हो सकता है ग्राहक टूटें- वे न टूटे तो विजेता के 2023 और 2027 के बीच पांच साल के मीडिया अधिकार राउंड के चौथे साल के बाद ही कोई पैसा कमाने की उम्मीद हो सकती है।
यह भी ध्यान रखें कि जब भारत में मुद्रास्फीति (इनफ्लेशन) में तेजी देखी गई तो आईपीएल का प्रीमियम बढ़ गया। इस समय इनफ्लेशन रेट 7.8 प्रतिशत पर है- मई 2014 में दर्ज 8.3 प्रतिशत के बाद से सबसे बड़ी रीडिंग। तो ऐसे में ग्राहक के पास क्रिकेट के लिए कितना पैसा बचेगा? डिज़नी के स्टार इंडिया जैसे खिलाड़ी, जिसके पास इस समय मीडिया अधिकार हैं, को वीडियो उद्योग के बाजार में अपना काम लगभग 20 प्रतिशत और बढ़ाना होगा। ये आसान नहीं होगा।
मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषक बेंजामिन स्विनबर्न ने हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा था कि इन (आईपीएल मीडिया) अधिकारों के लिए सुलझा नजरिया चाहिए। नए अधिकार संभवतः डिजनी+ हॉटस्टार सदस्यता पर दबाव डालेंगे और शायद डिज़नी को मुश्किल में डाल दें। 2022 का रिकॉर्ड सामने है- डिजनी ने कोई तहलका मचाने वाला व्यापार नहीं किया तो आगे सब्सक्राइबर पर और बोझ कैसे डाल सकते हैं? चेतावनी सामने है। अगर हम टीवी दर्शकों की गिनती को देखें, तो अनुमान बताते हैं कि आईपीएल 2022 की रेटिंग, आईपीएल 2021 की तुलना में कम से कम 25 प्रतिशत कम रही। सभी बड़े खिलाड़ी अभी भी मैदान में हैं, और मुकाबला जारी है तो ऐसे में आईपीएल कितनी मदद करेगी?
बोर्ड सचिव जय शाह ने कहा- 2024 तक, भारत में 900 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता होंगे। यही वजह है कि क्रिकेट के विकास के लिए डिजिटल अधिकार बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं।डिजिटल की प्रगति, टीवी का घाटा है- इन दोनों की प्रति मैच कीमत का घटता फर्क इसी तरफ इशारा करता है। आईपीएल कोई पूरे साल चलने वाला टूर्नामेंट नहीं- पैसा वसूलने के लिए बहुत ज्यादा दिन नहीं मिलते। तो कौन झेलेगा ये बोझ?