साल 2019 के वनडे विश्व कप तक भारतीय क्रिकेट टीम में स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या का अहम स्थान था। हार्दिक भारतीय क्रिकेट टीम में लिमिटेड ओवर्स की क्रिकेट में स्थायी और महत्वपूर्ण खिलाड़ी के तौर पर खेलते रहे। साल 2019 के वनडे विश्व कप के बाद से अचानक ही वे अपनी खराब फॉर्म और फिटनेस के चलते टीम इंडिया से धीरे-धीरे दूर होते रहे और स्थिति ये आ गई कि पांड्या का भारतीय टीम से पत्ता ही कट गया।
इसके बाद टीम इंडिया में उनकी वापसी की चर्चा भी पूरी तरह से बंद हो गई और भारतीय क्रिकेट में दूसरे युवा ऑलराउंडर्स हार्दिक पांड्या का स्थान लेने की कतार में लग गए।
भारतीय टीम में बीच-बीच में हार्दिक की वापसी होती रही, लेकिन उनमें वो बात नजर नहीं आ रही थी, जिसके लिए एक दिन उनकी तुलना कपिल देव, जैसे महान ऑलराउंडर के साथ की जाती थी। पांड्या ने अंतिम बार टीम इंडिया के लिए पिछले साल टी20 विश्व कप मैच में हिस्सा लिया, जिसके बाद से वो इंटरनेशनल क्रिकेट में नहीं उतर सके।
भारतीय हरफनमौला खिलाड़ी के लिए दबी आवाज में क्रिकेट एक्सपर्ट ये कहने लगे थे कि उनकी वापसी अब मुश्किल है। हार्दिक पांड्या को अपने आपको साबित करने का सबसे बड़ा मौका आईपीएल का 15 संस्करण था, जिसमें उन्हें ना केवल अपनी फिटनेस और फॉर्म साबित करनी थी, बल्कि साथ ही उन्हें कमतर मानने वालों को जवाब भी देना था।
हार्दिक के लिए आईपीएल का ये सीजन बहुत ही खास था, क्योंकि उन्हें नई टीम के रूप में शिरकत कर रही गुजरात टाइटंस ने अपना कप्तान नियुक्त किया था और आईपीएल के 15वें सीजन के खत्म होते-होते स्थिति पूरी तरह बदल गई। समय ने ऐसी करवट ली कि आज हार्दिक पांड्या की ना केवल टीम इंडिया में फिर से वापसी हो गई है बल्कि उन्हें अब भारतीय क्रिकेट टीम के लिमिटेड ओवर्स के क्रिकेट में कप्तान का प्रबल दावेदार माना जाने लगा है। आईपीएल के इस सीजन ने हार्दिक के लिए स्थिति पूरी तरह से बदल दी है।
जो खिलाड़ी कुछ महीने पहले तक टीम इंडिया में जगह बनाने तक के लिए संघर्ष कर रहा था, आज उसी खिलाड़ी को टीम इंडिया में सफेद गेंद की क्रिकेट में कप्तानी देने तक की बातें होने लगी हैं। ये सब आईपीएल में उनकी कप्तानी की काबिलियत देखे जाने के बाद हो रहा है। गुजरात टाइटंस को हार्दिक ने अपनी कप्तानी कौशल से शानदार काम करते हुए चैंपियन बनवा दिया।
गुजरात टाइटंस को आईपीएल का खिताब दिलाने के बाद अब इस बात ने जोर पकड़ा है कि हार्दिक को रोहित शर्मा के बाद टीम इंडिया का कप्तान बनाना अच्छा विकल्प हो सकता है।
विराट कोहली के बाद फिलहाल भारतीय टीम में तीनों ही फॉर्मेट की कप्तानी रोहित शर्मा के पास है। हिटमैन के बाद कप्तानी के दावेदार के रूप में केएल राहुल और ऋषभ पंत कतार में सबसे आगे खड़े हैं। दोनों को भारतीय टीम के भविष्य के कप्तान के रूप में देखा जा रहा है, जिसके बीच रोहित शर्मा के कप्तान कप्तान बनने की सीधी लड़ाई है, लेकिन अचानक ही परिस्थितियों ने ऐसी पलटी मारी कि अब राहुल और पंत की दावेदारी को हार्दिक ने खत्म करते हुए खुद प्रबल दावेदार बन गए हैं।
पांड्या के लिए ये सीजन पूरी तरह से शानदार गुजरा, जहां उन्होंने बल्लेबाजी और गेंदबाजी के साथ ही पहली बार कप्तानी में भी खूब प्रभाव डाला। आईपीएल के इस सीजन में उनकी कप्तानी में गुजरात टाइटंस ने 15 मैचों में 11 जीत हासिल की (1 मैच में राशिद खान ने कप्तानी की थी) तो वहीं, उनके खुद का प्रदर्शन 15 मैचों में 487 रन बनाने के साथ ही 8 विकेट का रहा।
पांड्या वैसे तो काफी आक्रमक खिलाड़ी के तौर पर देखे गए, लेकिन इस बात कप्तानी ने उनका रवैया पूरी तरह से बदल दिया, जहां वो मैदान में बहुत ही शांत चित्त और गंभीर मुद्रा में नजर आए। हार्दिक में कप्तान बनने के बाद देखे गए इस बदलाव के बाद तो क्रिकेट पंडित उनकी तुलना महेन्द्र सिंह धोनी से कर रहे हैं। पांड्या के इसी कौशल के बाद अब उन्हें टीम इंडिया में सफेद गेंद की क्रिकेट में भविष्य के कप्तान के रूप में देखा जा रहा है। अब वक्त ही बताएगा कि कप्तानी के लिए उन पर भरोसा जताया जाता है या नहीं।