अभी कुछ दिन पहले ही तो 2022 आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप ख़त्म हुआ और उस दौरान कम से कम टूर्नामेंट के फॉर्मेट की आलोचना नहीं हुई। तब भी आईसीसी ने वेस्टइंडीज और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) में खेले जाने वाले अगले टी20 वर्ल्ड कप (2024) के फॉर्मेट में कुछ बड़े बदलाव कर दिए हैं।
हर दो साल बाद खेले जाने वाले मेगा इवेंट के 2021 और 2022 के पिछले दो टूर्नामेंट की तरह, इसमें भी सेमीफाइनल से पहले दो राउंड होंगे, लेकिन बदले अंदाज में। सबसे पहले देखते हैं कि 2021 और 2022 में कैसे खेले थे : 16 टीम थीं। पहले राउंड में 4-4 टीम के दो ग्रुप थे। इस क्वालीफाइंग के जरिए मुख्य टूर्नामेंट में शामिल होने वाली टीमें, सीधे क्वालीफाई कर चुकी 8 टीम के साथ ‘सुपर 12’ राउंड में खेलीं दो ग्रुप में बंट कर। तब सेमीफाइनल के लिए 4 टीम मिलीं।
2024 के आयोजन में 20 टीम खेलेंगी, जिन्हें 5-5 के चार ग्रुप में बांट कर ग्रुप मैच खेलेंगे। हर ग्रुप से टॉप 2 टीम ‘सुपर 8’ राउंड में आएंगी यानि कि कुल 8 टीम। इन 8 टीमों को 4-4 के दो ग्रुप में बांटा जाएगा और हर सुपर 8 ग्रुप से टॉप दो टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी, जिसके बाद फाइनल होगा। खेलने वाली 20 में से 12 टीम का नाम, इस समय तक तय हो चुका है। देखिए :
- वेस्टइंडीज और यूएसए खेलेंगे मेजबान होने के नाते।
- पाकिस्तान, भारत, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका और नीदरलैंड के साथ-साथ मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड ने सीधे क्वालीफाई किया 2022 वर्ल्ड कप की टॉप 8 टीम के नाते।
- अफगानिस्तान और बांग्लादेश अन्य दो टीमें – 14 नवंबर, 2022 की कट-ऑफ तारीख पर आईसीसी की टी20 इंटरनेशनल रैंकिंग में अगली दो टॉप टीम के नाते।
अब बची 8 टीम जो रीजनल क्वालिफायर- यूरोप (2), अफ्रीका (2), अमेरिका (1), एशिया (2) और ईस्ट एशिया पैसिफिक (1) टूर्नामेंट से आएंगी।
अब ख़ास मुद्दा ये है कि फॉर्मेट में इस बड़े बदलाव की जरूरत क्या थी? असल में इस के पीछे आईसीसी की सबसे बड़ी सोच है खेल को और बढ़ावा देना। इसीलिए न सिर्फ टीम की गिनती में बढ़ोतरी, उन्हें खेलने का भी ज्यादा मौका मिलेगा। टीम 16 के बजाय 20 करने से मैच की गिनती बढ़ गई।
आईसीसी की नजर में अब क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए टी20 सबसे बेहतर और पसंद किया जाने वाला फॉर्मेट है। हालांकि कुछ बोर्ड ने इस सोच की आलोचना की पर आईसीसी अब तय कर चुकी है और इस टूर्नामेंट के जरिए, बढ़ावा देने की स्कीम पर काम शुरू हो गया है। इस सोच में ओलंपिक में क्रिकेट की प्रस्तावित एंट्री एक बड़ी वजह है।
2021 से ही इस नए फॉर्मेट पर चर्चा चल रही थी और फैसला अब हुआ है। क्रिकेट में बढ़ोतरी रग्बी और फुटबॉल जैसी नहीं रही है। 2007 के 50 ओवर वर्ल्ड कप में 16 टीम खेलीं पर 2011 में 14 और 2015 एवं 2019 में 10 टीम ने ही हिस्सा लिया। तर्क ये दिया गया कि ब्रॉडकास्टर एकतरफा मैचों के खेलने की तुलना में, मुकाबले वाले मैचों का छोटा टूर्नामेंट पसंद करते हैं। ओलंपिक में टी20 फॉर्मेट को शामिल करने की बातचीत ने आईसीसी को क्रिकेट के ग्लोबल विकास पर प्रेरित किया और टी20 वर्ल्ड कप में टीम की गिनती बढ़ाना उसी का संकेत है।आईसीसी के अपना मुनाफा, क्रिकेट खेलने वाले देशों में बांटने की मौजूदा पालिसी भी क्रिकेट के नजरिए से छोटे देशों के लिए मददगार है।
तो इस तरह ये तय हो चुका है टी20 वर्ल्ड कप के 2024, 2026, 2028 और 2030 टूर्नामेंट में 20 टीम खेलेंगी और कुल 55 मैच के इवेंट होंगे ये।